15 वर्गफिट का जर्जर कमरा..100 गाय..दम घुटने से 50 की मौत..शुरू हुई फांसी के लिए गर्दन की तलाश..गोबर की लालच में गायों की मौत?.. अधिकारी दे रहे अलग अलग बयान

BHASKAR MISHRA
6 Min Read

बिलासपुर—( टेकचन्द कारड़ा)–सुबह मेड़पार तखतपुर विकासखण्ड से दिल दहला देने वाली खबर मिली है। सुबह जैसे ही पता चला कि अस्थायी गौठान में 50 गाय की मौत हो गयी है। गांव में सनसनी फैल गयी। खबर तखतपुर जनपद पंचायत सीईओ,तहसीलदार समेत जिला पंचायत सीईओ तक पहुंची। पूरा महकमा हल चल में आ गया। बातचीत के दौरान बात सामने आयी कि अधिकारी अब फांसी के लिए गर्दन की तलाश शुरू कर दिए हैं। तखतपुर सीईओ का बयान कुछ और जिला पंचायत सीईओ का बयान कुछ सामने आ रहा है। फिलहाल डाक्टरों की टीम मौके पर पहुंच गयी है। गंभीर रूप से बेहोश गायों को ग्लूकोज चढाया जा रहा है।

Join Our WhatsApp Group Join Now

               जानकारी के अनुसार जनपद पंचायत तखतपुर के मेड़पार में अस्थायी गौठान में 50 गाय की मौत और इतने ही गाय के बेहोश होने के बाद जिला में तहलका मच गया है। खबर के बाद जिला से लेकर तहसील स्तर के कर्मचारी और सीईओ मौके पर पहुंच गये हैं। गांव के कुछ जानकारों ने बताया कि गायों की मौत में गोबर का लालच होने से इंकार नहीं किया जा सकता है।

अच्छा बनने के चक्कर में गायों की हुई मौत

                              सूत्रों की माने तो एक दिन पहले सरपंच और सचिव ने परामर्श के बाद रोका छेका अभियान चलाने का फैसला लिया। शाम को सरपंच प्रमीला रामकुमार नेताम ने अपने समर्थकों को निर्देश दिया कि गांव की गाय को पुराने पंचायत भवन में रखा जाएगा। गोबर की बिक्री होगी। साथ ही गायों की सुरक्षा होगी। भविष्य में जर्जर भवन को स्थायी गौठान बनाएंगे। सभी गायों को अस्थायी गौठान बनाकर रखा जाए। इसके बाद गांव के सभी मवेशियों को जर्जर भवन के 15 वर्गफिट के कमरे में रखा गया। कमरे में जबरदस्ती 100 गायों को डालकर दरवाजा बन्द कर दिया गया। इसके अलावा कुछ गायों को मैदान में ही खुला छोड़ दिया गया। सुबह तक दम घुटने से करीब 50 गायों की मौत हो गयी। जबकि बहुत गाय बेहोश है। जिनका इलाज फिलहाल चल रहा है।

गोबर की लालच में गायों की मौत

                गांव के कुछ लोगों ने जिनकी गाय हादसे में मौत का शिकार हुई है ने बताया कि सरपंच ने गांव को आदर्श बनाने और गोबर की लालच में गायों को मौत के घाट उतारा है। इसमें अधिकारियों का दबाव भी है। जिन्होने सचिव और सरपंच को गायों को एकत्रित करने के लिए दबाव बनाया। ताकी ज्यादा से ज्याद गोबर अर्जित कर कमाई कर सकें।

गाय को कमरे में रखा गया

                  गांव की सरपंच प्रमीला रामकुमार नेताम ने बताया कि कल शाम सचिव की जानकारी मे गांव की गायों को ग्राम पंचायत के पुराने मकान में रखा गया। सुबह जानकारी मिली कि पचास गाय की मौत हो गयी है। अब गाय की मौत किन वजहों से हुई फिलहाल उसकी जानकारी नहीं है।

सचिव ने किया जानकारी से इंकार

          पुराने जर्जर भवन में गाय को रखने की किसी प्रकार की योजना से सचिव सतीश आनन्द ने जानकारी होने से इंकार किया है। सतीश आनन्द ने बताया कि इस बात की जानकारी नहीं है कब और किसके आदेश में जर्जर भवन में गायों को रखा गया। मामल की जानकारी उसे सुबह हुई है। तत्काल मामले की जानकारी अधिकारियों को  दिया है।

दम घुटने से हुई..पता नहीं किसके आदेश से रखा गया

             जनपद पंचायत सीईओ हीमांशु गुप्ता ने बताया कि उन्हें सुबह जानकारी हुई। जर्जर भवन में किसने गायों को रखा पता लगाया जाएगा। फिलहाल सचिव ने मामले में हाथ होने से इंकार किया है। फिलहाल बेहोश गायों का इलाज चल रहा है। फिलहाल पता लगाएंगे की गायों को एक कमरे में क्यो रखा गया। इस दौरान हीमांशु गुप्ता ने बार बार बताया कि यहां गौठान होने का सवाल ही नहीं उठता है।

किसने बनाया अस्थायी गौठान…गायों की मौत की होगी जांच         

       जिला पंचायत गजेन्द्र सिंह चौहान ने बताया कि गायों की मौत की जानकारी उन्हें सुबह हुई है। यह कहना गलत होगा कि जर्जर भवन को अस्थायी गौठान बनाया गया है। उन्होने सवाल के जवाब में बताया कि जहां मवेशियों को सामुहिक रखा जाए वह स्थान निश्चित रूप से अस्थायी गौठान है। आखिर जर्जर भवन को अस्थायी गौठान किसके अनुमति से बनाया गया । मामले की जांच करेंगैे। मामला गंभीर है। जल्द ही दोषियों को सजा मिलेगी। गजेन्द्र  सिंह चौहान ने कहा कि हमें जानकारी है कि सचिव को मामले में किसी प्रकार की जानकारी नहीं है। सरपंच ही दोषी होगा। फिर भी अधिकारियों से मामले में पता साजी करेंगे।    

          इस पूरे घटनाक्रम में अधिकारियों ने टालमटोल की नीति को अपनाया है। कमोबेश सभी अधिकारी गाय की मौत के लिए एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। जिला पंचायत और जनपद पंचायत सीईओ की माने तो मौत के लिए जिम्मेदार की तलाश होगी। वहीं लोगों की माने तो अधिकारी अब फांसी के लिए कमजोर की गर्दन तलाशना शुरू कर दिया है।                                

Share This Article
close