1980 बैच के(IRSME) अफसर राजेश अग्रवाल ने रेलवे बोर्ड में नये सदस्‍य (रोलिंग स्‍टॉक) का पदभार संभाला

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नईदिल्ली।राजेश अग्रवाल भारतीय रेलवे मैकेनिकल इंजीनियर सेवा (आईआरएसएमई) के 1980 बैच के हैं। इस नियुक्ति से पहले वह रायबरेली स्थित मॉडर्न कोच फैक्‍ट्री  में महाप्रबंधक थे। श्री अग्रवाल को बदलाव प्रबंधन, परिचालन, विनिर्माण, लॉजिस्टिक्‍स, इंजीनियरिंग एवं लोक प्रशासन का व्‍यापक अनुभव है। उन्‍होंने विश्‍व-धरोहर, पर्यावरण, पर्यटन, संस्‍कृति, संग्रहालय, संरक्षण, सतत विकास, हितधारक-फ्रेमवर्क एवं समुदाय से जुड़े कार्यों में यूनेस्‍को/आईकोमॉस के विशेषज्ञ के रूप में अपनी सेवाएं प्रदान की हैं।

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राजेशअग्रवाल की शै‍क्षणिक योग्‍यताओं में इंजीनियरिंग की तीन विधाओं यथा मैकेनिकल इंजीनियरिंग,इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, धातुकर्म इंजीनियरिंग की डिग्रियां शामिल हैं।अपने लंबे उल्‍लेखनीय करियर के दौरान राजेश अग्रवाल ने भारतीय रेलवे में अनेक महत्‍वपूर्ण कार्यकारी एवं प्रबंधकीय पदों पर काम किया था।

राजेश अग्रवाल ने आठ क्षेत्रीय रेलवे यथा पूर्वी रेलवे, उत्तरी फ्रंटियर, उत्तर-पश्चिमी, दक्षिण-पूर्वी, दक्षिण पूर्व मध्य, दक्षिणी, पश्चिमी और पश्चिम-मध्‍य रेलवे में अपनी सेवाएं प्रदान की हैं। उन्‍होंने रेलवे बोर्ड, मॉडर्न कोच फैक्‍ट्री  और क्रिस में भी अपनी सुविधाएं दी हैं। श्री अग्रवाल निदेशक, राष्‍ट्रीय रेल संग्रहालय, विभागीय रेलवे प्रबंधक, दक्षिणी रेलवे, उपमहाप्रबंधक एवं मुख्‍य सतर्कता अधिकारी, उत्‍तरी फ्रंटियर रेलवे, मुख्‍य यांत्रिक अभियंता, पश्चिमी-मध्‍य रेलवे इत्‍यादि के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।

राजेश अखिल भारतीय रेलवे विश्‍व धरोहर स्‍थल अभिलेखों यथा दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे, नीलगिरी माउंटेन रेलवे, कालका शिमला रेलवे और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस के लेखक हैं। श्री अग्रवाल देश-विदेश में अनेक प्रशिक्षण कार्यक्रमों से जुड़े रहे हैं। उन्‍हें अनेक पुरस्‍कारों जैसे कि आईई (भारत)’81, में नायर’85, जीएम’95 में गोल्‍ड मेडल, हिन्‍दी-बोर्ड के अवार्ड’88, यूनेस्‍को बेस्‍ट प्रोजेक्‍ट’07बार्कर रॉबिन्‍स प्राइज इत्‍यादि से सम्‍मानित किया गया है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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