बिलासपुर— अलका लांबा ने प्रेसवार्ता में प्रदेश और केन्द्र सरकार को जमकर भला बुरा कहा। दो दिनी प्रवास पर छत्तीसगढ़ पहुंची अलका लांबा एक दिन पहले आम आदमी पार्टी कार्यकर्ता यूथ डायलाग कार्यक्रम में शामिल हुईं। आज पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि दिल्ली और छत्तीसगढ़ सरकार की संवैधानिक स्थिति में अन्तर है। बावजूद इसके छत्तीसगढ़ में शिक्षा,स्वास्थ्य और सुरक्षा की स्थिति बहुत खराब है। अलका लाम्बा ने कहा कि आम आदमी पार्टी दुसरी पार्टियों से अलग है। यहां भारी भरकम बजट के बाद भी प्रदेश का विकास नहीं हुआ। अलका लांबा ने जाति आधार चुनाव को गलत बताया। लेकिन चांदनी चौक लोकसभा में आशुतोष को जाति के आधार पर वोट मांगने की नसीहत के सवाल पर बचती नजर आयीं। उन्होनें इंकार किया कि भाजपा के एएम तर्ज पर आप में एएम नहीं है। यहां आम आदमी की पार्टी है। क्योंकि इसमें मेरे जैसे कई ए लोग शामिल हैं।
पत्रकारों से चर्चा करते हुए चांदनी चौक विधायक अलका लांबा ने बताया कि भाजपा की केन्द्र सरकार सच को दबा रही है। लेकिन सच को कभी दबाया नहीं जा सकता है। एक दिन पहले यूथ डायलाग में हिस्सा लिया। लोगों में प्रदेश सरकार के खिलाफ बहुत असंतोष है। युवा से लेकर सभी वर्ग के लोग शिक्षा स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। पढ़े लिखे बेरोजगार युवक परेशान हैं। यहां नक्सलियों के नाम पर किसी को भी बंदूक का निशाना बना दिया जाता है।
क्या आम आदमी पार्टी भी एएम फार्मुला पर काम करती है। फाउन्डर सदस्य पार्टी से बाहर निकल रहे हैं। आशुतोष भी पार्टी को ठुकरा दिया है। सवाल के जवाब में अलका लांबा ने कहा कि आम आदमी पार्टी जनता और आम लोगों की पार्टी है। अच्छे लोग कल तक राजनीति में आने से बचते थे। लेकिन पार्टी में पढ़े लिखे डॉक्टर,इंजीनियर,वैज्ञानिक लोग जुड़ रहे हैं। आशुतोष पत्रकार हैं। राजनीति की बहुत अधिक की जानकारी नहीं होने के कारण पार्टी छोड़ा है। पार्टी से लोग आते जाते हैं। दो लोग छोड़ते हैं…200 लोग प्रवेश लेते हैं।
आशुतोष ने आरोप लगाया है कि दुख हुआ कि मुझे जाति को आगे रख वोट मांगने को कहा गया…ऐसा उन लोगों ने कहा जिन्होने जाति बंधन के खिलाफ जंग लड़ा। सवाल के जवाब में अलका ने कहा कि भारत में जाति और धर्म व्यवस्था जड़ तक है। चुनाव जीतने के लिए ऐसा करना भी पड़ता है। चूंंकि आशुतोष राजनीति को नहीं समझे…शायद उन्हें असफलता मिली। मैं 20 साल से राजनीति में हूं। राजनीति का अनुभव थोड़ा कड़वा होता है लेकिन जन सेवा से कड़वाहट कम हो जाती है। चुनाव जीतने के लिए कुछ शुभचिन्तक मशविरा देते हैं। मुझे भी जाति को लेकर मशविरा मिला था। बहुत बड़ी बात नहीं.। क्योंकि सबके अपने वोट बैंक है।
क्या महागठबंधन होगा..महागठबंधन में जोगी को शामिल करेंगे। अलका लांबा ने कहा कि निर्णय पार्टी के बड़े नेताओं को लेना है। ज्यादा बोलूं..हो कम यह मेरे स्वभाव में नहीं है। गठबंधन पर जिन्हें सोचना है…सोचेंगे। अलका ने बताया कि जोगी के साथ कांग्रेस में काम करने का अवसर मिला। आजकल उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है। बहुत बीमार है..बहुत समय से मुलाकात नहीं हुई है। लेकिन सलाह दूंगी कि अब घर बैठकर स्वास्थ्य लाभ लें।