22 गाय की मौत…कलेक्टर ने गौठान होने से किया इंकार…SDM ने कहा 8 की मौत……सचिव और सरपंच के बोल….गौठान में हुई 22 गायों की मौत

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर– 22 गायों मौत पर प्रशानन ने झूठ का ताना बाना बुनना शुरू कर दिया है। यद्यपि प्रशासन ने गायों की मौत को छिपाने का भरपूर प्रयास किया है। लेकिन सीजी वाल के पास प्रमाण है कि गौठान में 22 गायों की मौत हुई है। दिन में ज्यादातर मरी हुई गायों को बांधा तालाब के आस पास फेंका गया। प्रशासन के दावों में सच्चाई नहीं है कि गायों की मौत गौठान के बाहर हुई है या गौठान में सिर्फ 8 गायों की ही मौत हुई है। इधर कलेक्टर ने बताया कि जिस स्थान पर गाय की मौत हुई है। दरअसल उसे गौठान कहा ही नहीं जा सकता है। दरअसल आवारा पशुओं को लोकल स्तर पर जबरदस्ती बन्द कर ताला लगा दिया गया था। इसके चलते गायों की मौत हुई है। मामले में पशु उप संचालक स्तर पर जांच का आदेश दिया गया है।

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धूमधाम से हुआ था सामुहिक उद्घाटन

                              बताते चलें कि सोन लोहर्सी में हरेली पर्व के दिन तात्कालीन एसडीएम विरेन्द्र लकड़ा और जनपद पंचायत सीईओ की मौजूदगी में गौठान का उद्घाटन किया गया था। इस दौरान स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट नरवा घुरवा,गरवा बारी अभियान के तहत गौठान के उद्घाटन कार्यक्रम में शिरकत किया था।  जानकारी हो कि ठीक इसी दिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बिलासपुर जिले के गनियारी में गौठान का उद्घाटन कर रहे थे।

                सोन लोहर्सी में गौठान बनाने की जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन ने जिला पंचायत सदस्य कम ठेकेदार पृथ्वीपाल सिंह को दिया था। पंच सरपंच ने मिलकर गौठान का निर्माण किया। सोन लोहर्सी में ही मस्तूरी के अन्य गौठानों का भी उद्घाटन शिलान्याय पट्टिका का पूजन किया गया। खासकर व्यवस्था की  जिम्मेदारी जिला पंचायत प्रशासन के रौबदार सदस्य पृथ्वीपाल को दी गयी थी। 

22 गायों की मौत और छिपाने का प्रयास

                          गुरूवार को आकस्मिक खबर आयी कि सोन लोहर्सी गौठान में करीब दो दर्जन गायों की मौत हो गयी है। जानकारी मिलते ही स्थानीय प्रशासन ने मौके पर पहुंचने से पहले ही मृत गायों की संख्या को घटाने के लिए  दांव लगाना शुरू किया। ट्रैक्टर से खींच कर और ट्राली में लादकर कई गायों के शव को आस पास के क्षेत्र में लावारिस फेंकवाया गया। सारा काम स्थानीय पचपेढ़ी पुलिस के सामने हुआ। मौके पर पंच सरपंच और चिकित्सक भी मौजूद थे। यद्यपि देर रात तक स्थानीय प्रशासन के भरसक प्रयास के बाद भी खबर मीडिया तक नहीं पहुंच गयी। सीजी वाल में खबर प्रकाशित होने के बाद जिला प्रशासन ने अब जांच दल को सोन लोहर्सी के लिए रवाना किया है।

                   बावजूद इसके खबर को प्रशासनिक स्तर पर हल्का करने का प्रयास किया जा रहा है। सचिव से लेकर कलेक्टर तक गायों की मौत पर अलग अलग विरोधाभासी बयान दिए हैं। मामले में पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव और जिला पंचायत सीईओ रीतेश अग्रवाल से सम्पर्क का प्रयास किया लेकिन बातचीत नहीं हो सकी है।

मृत गायों को घसीटकर फेंका गया

यद्यपि खबर को स्थानीय प्रशासन ने दबाने का भरसक प्रयास किया। स्थानीय प्रशासन के आदेश पर पंच सरपंच और जिला पंचायत जनप्रतिनिधि ने गौठान से मृत गायों को घसीटकर खेत खार में फेंकवाया। बांधा तालाब के आस पास आधा दर्जन मृत गायों को फेंका गया। इस दौरान मृत गायों की मास को आवरा कुत्ते नोचते हुए देखे गए।

कलेक्टर ने कहा गौठान नही

                        मामले में कलेक्टर डॉ. संजय अलंग ने बताया कि गायों की मौत जिस स्थान पर हुई…दरअसल वह गौठान नहीं है। सच्चाई तो यह है कि आवारा मवेशियों को अन्दर किसी ने अन्दर कर बाहर से ताला लगा दिया। जिसने ऐसा किया उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। दरअसल मामला गौठान का है ही नहीं।

एसडीएम ने कहा मृत गायों की संख्या 22

                    एसडीएम मस्तूरी मोनिका मिश्रा ने बताया कि गायों की मौत की जानकारी मिली है। लेकिन सभी गाय गौठान के बाहर मरी हुई पायी गयी हैं। मीडिया में संख्या 22 बतायी जा रही है। लेकिन मरने वाली गायों की संख्या 22 है। डॉक्टरों की टीम मौके पर पहुंच चुकी है। पोस्टमार्टम के बाद मौत के कारणों का खुलासा होगा। मोनिका ने इंकार किया कि गायों की मौत गौठान के अन्दर हुई है। मोनिका ने दुहराया कि यदि गायों की मौत गौठान के अन्दर और 22 की संख्या में हुई है तो प्रमाण होगा। यदि प्रमाम किसी के पास है तो हमें भी दिखाएं।

सीईओ ने कहा मौत के कारणों का पता लगाएंगे

                              गायों की मौत पर मस्तूरी जनपद सीईओ ने कहा कि सच है कि करीब दो दर्जन गायों की मौत हुई है। लेकिन मौत के कारणों की जानकारी नहीं है। जोगी ने स्वीकार किया कि सभी गाय गौठान के अन्दर मरी हुई मिली है। जल्द ही प्रशासनिक स्तर पर जांच के बाद मौत के कारणों को सामने लाया जाएगा।

उद्घाटन में भाजपा नेताओं का था दबदबा

                    बताते चलें कि हरेली पर्व के दिन सोन लोहर्सी में क्षेत्र की सभी गौठानों का उद्घाटन किया गया था। इस दौरान तात्कालीन एसडीएम,सीईओ समेत भाजपा विधायक डॉ.कृष्णमूर्ति बांधी मौजदू थे। लोगों ने पाया कि उद्घाटन कार्यक्रम में कांग्रेसियों का नामम शिलालेखों से दूर रखा गया । जिसका स्थानीय कांग्रेसियों ने पुरजोर विरोध किया था। इतना ही नहीं स्थानीय भाजपा नेताओं की कांग्रेसियों के साथ झड़प भी हुई थी। खासकर जिला पंचायत सदस्य पृथ्वीपाल की कांग्रेसियों की जमकर कहासुनी हुई। बताते चलें कि क्षेत्र में गौठान से लेकर सारा ठेका निर्माण पृथ्वीपाल सिंह की देखरेख में किया गया है।

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