24 घंटे में सुलझी अपहरण की गुत्थी.. दादी और नाती सुरक्षित..दोनों निकले हत्या के आरोपी..जमानत पर थे बाहर

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर…एक दिन पहले मस्तूरी निवासी महिला और उसके पोते के अपहरण की गुत्थी को पुलिस ने 24 घंटे के अन्दर सुझला लिया है। अपरहण के दोनों आरोपियों को गिरफ्तारी के बाद न्यायायिक रिमाण्ड में जेल भेज दिया गया है। पुलिस कप्तान के निर्देश पर पुलिस की तीन टीमों ने लगातार 12 घंटे से अधिक समय तक सर्च कार्रवाई कर पीड़ितों को सुरक्षित घर पहुंचा दिया है।

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                                              एक दिन पहले मस्तुूरी पुलिस थाना पहुंचकर आशा बांधड़े ने लिखित जानकारी दी कि किसी ने उसकी मां और भतीजे का अपहरण कर लिया है। अपहरणकर्ताओं ने दो मां की मोबाइल से दो बार फोन कर फिरौती में दो लाख रूपए की मांग की है। शिकायत दर्ज करने के बाद मस्तूरी थाना प्रभारी शाह ने मामले की जानकारी पुलिस कप्तान प्रशांत अग्रवाल को दी। प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए एसपी ने तीन टीम का गठन कर आरोपियों को जल्द से जल्द पकड़ने के साथ पीड़ितों को सुरक्षित घर पहुंचाने का आदेश दिया। 

               मामले की खुलासा करते हुए एडिश्नल एसपी ओम प्रकाश शर्मा ने बताया कि एक टीम सायबर एक्सपर्ट की बनाई गयी। दूसरी टीम को मस्तूरी थाना स्तर पर स्थानीय गतिविधियों पर नजर रखने को कहा गया। जबकि तीसरी टीम को जांच अभियान में लगातार कवायद करने का निर्देश पुलिस कप्तान ने दिया। 

पार्थिया की शिकायत और टीम का गठन

                 प्रार्थिया आशा बांधड़े ने थाना प्रभारी को बताया कि उसके पति अंजोर दास की मोबाइल मां की मोबाइल से काल आया कि उसकी मां और भतीजा कब्जे में है। यदि दोनों को सुरक्षित चाहते हो तो दो लाख रूपए लेकर आएं। इसके बाद ही दोनों को आजाद दिया जाएगा। इसके बाद अपहरणकर्ताओं ने फोन काट दिया। आशा बांधड़े ने बताया कि मां का नाम सुमैना पांडू और भतीजे का नाम विक्की ऊर्फ रोहन पांडू है। घटना के दिन विक्की पाँडू मां को  बाइक से पेशी के लिए बिलासपुर कोर्ट पेशी में लेकर गया था। अपहरणकर्ताओं ने पति की मोबाइल पर दिन में करीब 2 से ढाई बजे के बीच काल किया था। इसके बाद फोन बन्द कर दिया। आरोपियों ने दो लाख रूपए की मांग की। इसके बाद अपहरणकर्ताओं ने मां की ही मोबाइल से तीन से साढ़े तीन बजे के बीच फोन किया।

परिजनों को दिया गया विश्वास

                            ओपी शर्मा ने बताया कि पुलिस कप्तान के निर्देश पर मस्तूरी पुलिस ने पीड़ित परिवार के परिजनों को विश्वास में लिया। योजनाबद्ध तरीके से पुलिस ने पीड़ित परिजनों को सहयोग के लिए राजी किया। इस बीच एक बार फिर अपहरणकर्ताओं ने अंजोर दास की मोबाइल पर काल कर दो लाख रूपए की फिरौती मांगी। आरोपियों ने बताया कि दो लाख रूपए लेने के लिए कब्जे से विक्की पांडू को भेज रहे हैं। जब वह दो लाख रूपए लेकर आएगा तो सुमैना को छोड़ा जाएगा। इस बीच सायबर सेल ने काल ट्रेस कर मोबाइल का लोकेशन बताया। साथ ही पुलिस प्रशासन ने सिविल कपड़े में पीड़ितों के घर के आस पास पुलिस जवानों को तैनात कर दिया।

पहला आरोपी फाटक से पकड़ा गया

                             ओपी शर्मा ने बताया कि मंगलवार को करीब शाम 6 और सात बजे के बीच विक्की पांडू रूपए लेने पार्थिया के घर पहुंचा। इस दौरान सिविल ड्रेस में तैनात जवानों ने विक्की को धर दबोचा। विक्की ने पूछताछ में बताया कि अपहरण करने वाले आरोपियों का नाम भदौरा निवासी राजा सिंह और रविशंकर ऊर्फ बनराकश है। दोनों ने उसे और दादी को बंधक बनाकर खारा के जंगल में रखा है। विक्की ने पुलिस को जानकारी दी कि दो लाख रूपए लेने उसके साथ दूसरा आरोपी बनराकश भी साथ में आया है। इस समय जयरामनगर फाटक पर इंतजार कर रहा है।

घंटो चला जंगल में सर्च अभियान

                   जानकारी मिलते ही पुलिस ने विक्की ऊर्फ रोहन की निशानदेही पर जयरामनगर फाटक के आस पास घेरबन्दी कर आरोपी वनराकश को धर दबोचा। वनराकश ने पूछताछ के दौरान बताया कि साथी राजा सिंह इस समय सुमैना को तुलरा के आगे खारा के जंगल में बंधक बनाकर रखा है। जानकारी के बाद पुलिस ने रात को 6 घंटे तक खारा के जंगलों की तलाश की। लेकिन आरोपी और पीड़ित महिला का कही जानकारी नहीं मिली।

जयरामनगर की घेराबन्दी…दूसरा आरोपी पकड़ाया

                ओपी ने बताया कि इस दौरान सायबर सेल से जानकारी मिली कि राजा सिंह इस समय जयरामनगर में कही छिपा है। पुलिस ने तत्काल एक्शन लेते हुए जयराम के संदिग्ध इलाकों की घेरान्दी कर आरोपी राजा की तलाश शुरू की। देर तक तलाशी के बाद राजा सिंह भिलाई भांठा से धर दबोचा गया। साथ सुमैना को सुरक्षित बचाया गया। पुलिस ने सुमैना और रोहन रो पूछताछ के बाद परिजनों के हवाले कर दिया।

दोनों निकले हत्या के आरोपी

              ओपी शर्मा ने बताया कि आरोपियों ने पूछताछ के दौरान जानकारी दी कि दोनों सुमैना के पति की हत्या के आरोप में जेल जा चुके हैं। जेल से निकलने और जमानते के लिए दोनों ने बहुत रूपए खर्च किए। खर्च की भरपाई के लिए दोनों ने मिलकर फिरौती का काम शुरू किया। सबसे पहले सुमैना और उसके पोते को बंधक बनाया।

                     दोनों आरोपियों को आईपीसी की धारा धारा 364 (क) और 365 के तहत अपराध दर्ज कर न्यायिक रिमाण्ड में जेल भेज दिया गया है।

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