बिलासपुर।राज्य के किसान अपने सिंचाई टैक्स और औद्योगिक प्रतिष्ठान अपने जल-कर, कमिटमेंट चार्ज की राशि इस महीने की 24 तारीख की आधी रात तक 500 और 1000 के पुराने बैंक नोटों के द्वारा जमा कर सकेंगे। इसी अवधि में नगरीय निकायों और अन्य स्थानीय निकायों के पेयजल-कर की राशि भी पुराने नोटों से जमा की जा सकेगी।
जल संसाधन विभाग के सचिव गणेश शंकर मिश्रा ने बताया कि विभाग दसे परिपत्र मंत्रालय से जारी कर दिया गया है। यह परिपत्र राजधानी रायपुर स्थित विभाग के प्रमुख अभियंता सहित बिलासपुर, अम्बिकापुर और रायपुर के मुख्य अभियंताओं को जारी किया गया है। परिपत्र में कहा गया है कि 500 और 1000 हजार के बैंक नोट वैध मुद्रा न रहने के कारण सिंचाई जल-कर, औद्योगिक जल-कर और पेयजल-कर आदि के भुगतान के लिए उपयुक्त व्यवस्था की जा रही है।
केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार 24 नवम्बर 2016 की मध्य रात्रि तक 500 और 1000 के पुराने बैंक नोटों को केन्द्र और राज्य सरकारों के टैक्स, शुल्क और प्रभार (पानी और विद्युत जैसे यूटिलिटी प्रभारों) और शास्तियों के भुगतान के लिए प्राप्त किया जाएगा। इसमें नगर पालिकाओं और स्थानीय निकायों के टैक्स, शुल्क और प्रभार आदि भी शामिल हैं। यह परिपत्र जल संसाधन विभाग की वेबसाइट में भी अपलोड कर दिया गया है। इस वेबसाइट को लॉगइन कर उसमें प्रदर्शित ’एनाउंसमेंट’ लिंक को खोलने पर परिपत्र को पढ़ा जा सकता है और डाउनलोड भी किया जा सकता है।
परिपत्र के अनुसार इन मदों में प्राप्त की जाने वाली राशि का अभिलेख अधिकारियों द्वारा एक निर्धारित प्रारूप में संधारित किया जाएगा। केन्द्र की इस अधिसूचना के अनुरूप छत्तीसगढ़ सरकार के जल संसाधन विभाग ने इस आशय का आदेश जारी किया है। परिपत्र में यह भी कहा गया है कि 24 नवम्बर 2016 की आधीरात 12 बजे के बाद प्रकरण में की गई कार्रवाई की जानकारी भी एक अलग प्रारूप में संबंधित अधिकारियों द्वारा शासन को भेजी जाएगी। निर्धारित समय-सीमा अर्थात 24 नवम्बर की मध्यरात्रि के बाद पुराने करेंसी नोटों को जमा करने पर प्रतिबंध रहेगा। इसका उल्लंघन होने की स्थिति में जिम्मेदारी तय करते हुए संबंधितों के विरूद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।