25 जून 1975 आपातकाल भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का काला अध्याय- रामदेव कुमावत

Shri Mi
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बिलासपुर।भाजपा जिलाध्यक्ष रामदेव कुमावत ने बताया कि प्रदेश भारतीय जनता पार्टी की कार्य योजना अनुसार आज भाजपा कार्यालय बिलासपुर में बिलासपुर विधानसभा क्षेत्र के भाजपा मंडल बिलासपुर मध्य की आयोजित बैठक में बैठक प्रभारी भाजपा जिलाध्यक्ष रामदेव कुमावत ने 25 जून 1975 के आपातकाल पर बोलते हुए कहा कि संविधान के निर्माताओं की इच्छा थी कि भारत देश लोकतांत्रिक रहे पर 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी एवं उनके पुत्र संजय गांधी और उनके ध्रुर्त मंडली ने लोकतंत्र के मुख पर कालिख पोत दी। 1971 में लोकसभा चुनाव और पाकिस्तान युद्ध में सफलता से इंदिरा गांधी का दिमाग सातवे आसमान पर चढा था, श्रीमती इंदिरा गांधी की तानाशाही, भ्रष्टाचार एवं तमाम अनिमितता के खिलाफ देश भर में भयंकर आक्रोश था।

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गुजरात में कांग्रेस की चिमन भाई पटेल की सरकार को भ्रष्टाचार के आरोप में जाना पड़ा एवं विपक्षी दलों का जनता मोर्चा विजयी हुआ। समुचे गुजरात की छात्र शक्ति सुलग रही थी बिहार में लोकनायक जयप्रकाश नारायण की अगुवाई में सम्पूर्ण क्रांति का आंदोलन रफ्तार पकड़ रहा था और देखते ही देखते देशव्यापी हो गया। उन्होंने पटना में सम्पूर्ण क्रांति का नारा देते हुए छात्रों, किसानों, श्रमिक संगठनों से अहिसक तरीके से सरकार के खिलाफ आंदोलन करने का आव्हान किया। एक माह बाद देश की सबसे बड़ी रेल्वे युनियन राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर चली गई, जिसे इंदिरा सरकार ने निमर्म तरीके से कूचला इससे सरकार के खिलाफ असंतोष बढा।

इंदिरा गांधी उत्तर प्रदेश में रायबरेली से सांसद बनी थी उनके निर्वाचन क्षेत्र में उनके प्रतिद्वंदी राजनारायण ने इलाहाबाद उच्च न्यायलय में उनके खिलाफ मुकदमा दायर कर दिया था। न्यायमूर्ति जगमोहनलाल सिन्हा ने साहसी निर्णय लेते हुए इंदिरा गांधी के निर्वाचन को निरस्त कर उन पर 6 साल तक चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया, कोर्ट के इस निर्णय से श्रीमती इंदिरा गांधी को अपनी सत्ता हाथ से जाती दिखी तो त्याग पत्र देने की बजाय आंतरिक उपद्रव से निपटने के नाम पर देशभर में आपातकाल लगा दिया।

आपातकाल लगाकर नागरिकों के मूल अधिकार छीन लिये गये। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के स्वयं सेवकों और तमाम गैर कांग्रेसी नेताओं की गिरफ्तारी शुरू कर दी गई। उन पर प्रताड़नाओं का शिलशिला चल पड़ा। देश भर में लाखों लोगों को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया एवं प्रेस पर भी सेंसरसिप लागू कर दिया गया। पूरा देश इंदिरा गांधी के समर्थक, गुंडो की तानाशाही की गिरिफ्त में आ गया, पर समय एक सा नही रहता धीरे-धीरे लोग आपातकाल के आतंक से उभरने लगे, संघ द्वारा भूमिगत रूप से किये जा रहे प्रयास रंग लाने लगे लोगों का आक्रोश फूटने लगा, लोकतंत्र की हत्या का विरूद्ध विदेशों से भी लोग इंदिरा गांधी से प्रश्न पूछने लगे, इससे इंदिरा गांधी पर दबाव पड़ा चुनाव में अपनी जीत सुनिश्चित के भ्रम में इंदिरा गांधी ने चुनाव घोषित कर दिया पर उनका दांव उल्टा पड़ा।

मॉ, पुत्र दोनो चुनाव हार गये और दिल्ली में 1977 में जनता पार्टी की सरकार बन गई, इस प्रकार इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार की तानाशाही समाप्त होकर देश में लोकतंत्र की पुनः स्थापना हुई।रामदेव कुमावत ने कहा कि कांग्रेस जब-जब केन्द्र या प्रदेशों की सरकार में रहती है तब-तब लोकतंत्र विरोधी काम करती है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ में धरना प्रदर्शन, आंदोलन आदि न हो इसलिए काला कानून का आदेश जारी किया गया है एवं सोशल मीडिया में सरकार के खिलाफ पोस्ट डालने वालों पर पुलिय कार्यवाही कर गिरफ्तार किया जा रहा है।

यही हाल कांग्रेस शासित अन्य प्रदेशों में है एवं जिन-जिन प्रदेशों में कांग्रेस के सहयोग से सरकार चल रही है उन राज्यों में भी यही हाल है। वस्तुतः कांग्रेस का मूल ही आपातकाल के मानसिकता वाला है। आज 2022 में हम जिस आजादी की सांस में हवा ले रहे है यह आजादी हमने कांग्रेस से लड़कर हासिल की है। अंग्रेजों से महात्मा गांधी जी एवं सुभाष चंद्र बोस जी के नेतृत्व लड़कर हमें जो आजादी मिली थी वह 1975 में हमने खो दी थी। कांग्रेस ने वह आजादी हमसे छीन ली थी। यह दुसरी आजादी कांग्रेस से लड़ कर पाई है। आपातकाल की मनोवृत्ति वाले संगठन आज भी मौजूद है। सत्ता के मद में चूर होकर कांग्रेस फिर से इस भयानक इतिहास को दोहराने का साहस न कर पाये इसलिए हमेशा सचेत रहने की जरूरत है।

मंडल की बैठक में प्रातः 11 से 11.30 बजे तक प्रधानमंत्री जी का लोकप्रिय कार्यक्रम मन की बात को बड़ी स्क्रीन के माध्यम से देखा एवं सुना गया एवं 25 जून 1975 आपातकाल काला दिवस विषय पर मुख्यवक्ता भाजपा जिलाध्यक्ष रामदेव कुमावत के पूर्व मंडल के संगठन प्रभारी राजेश मिश्रा एवं मंडल अध्यक्ष अरविंद बोलर ने भी आपातकाल पर प्रकाश डाला एवं संगठनात्मक विषय एवं सम्पन्न कार्यक्रमों की समीक्षा की गई व आगामी कार्यक्रम के बारे में उपस्थित पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं को जानकारी देकर कार्यक्रम को मंडल में आयोजित करने की कार्य योजना बनाई गई।

बैठक में विनोद सोनी, मनीष शुक्ला, अरविंद बोलर, राजेश मिश्रा, बलराम हरियाणी, गोपी ठारवानी, शरद गुप्ता, कमल कौशिक, दुर्गा सोनी, बंधु मौर्य, जाजू सोनी, बिंदा कश्यप, योगेश बोले, आशीष तिवारी, आशीष मिश्रा, रवि मोहर, जय अवसरिया, रामेश्वर भोई, अजय ताम्रकार, रानू देवांगन, सुनील विश्वकर्मा, जगदीश जिज्ञासी, सोनल साहू, स्वाति गुप्ता, दीपक भगतानी, निक्कु सचदेव, राजेश पटेल, सचिन सोनी, बुद्धेश्वर शर्मा, सन्नी रजक, अवि साहू, देवेश सोनी, शंकर लाल अहिरवार, दुकालू अहीरवार, विक्रांत यादव, कृतिवर्धन गुप्ता, सुदर्शन रजक, स्वरूप केशरवानी, सूरजधर दीवान, आनंद तिवारी, दिनेश सिंह क्षत्री, मो.जाहिद खान, राजेश खरे, सम्पत्तलाल अहिरवार, शिव किसन अहीरवार, सुरूची गुप्ता, आलोक घोरे, विकास मिश्रा, अंजू देवांगन, मुरली बाजपेयी, मनीष दीक्षित, दीपक साहू, मोहन दुबे, राजू शर्मा सहित बड़ी संख्या में मंडल के भाजपा पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन अरविंद बोलर ने किया व आभार व्यक्त शरद गुप्ता ने किया।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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