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36 मालः जिला प्रशासन से पीएनबी ने मांगा समय…माल व्यवसायियों ने कहा बैंकरों ने बढ़ाया तनाव

city_mall_36_indexबिलासपुर—36 माल को लेकर आज हलचल कम लेकिन तनाव ज्यादा देखने को मिला। पीएनबी प्रबंधन ने फिर से हाईकोर्ट शरण में जाने का फैसला किया है। पजेशन घटनाक्रम को  लेकर जिला प्रशासन ने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया है। 36 माल प्रबंधन की मानें तो प्रशासन और कोर्ट के आदेश और निर्देश को हर सूरत में माना जाएगा। यदि पजेशन की कार्रवाई विधि और तर्क संगत के साथ माल व्यवसायियों के हित में हो।

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                                मालूम हो कि हाईकोर्ट से निर्देश बाद पीएनबी और जे.एम.फायनेंस के अधिकारी सात सितम्बर को रायपुर और मुम्बई से पजेशन लेने बिलासपुर पहुंचे। लेकिन पीएनबी को 36 माल में ताला लगाने में सफलता नहीं मिली। शाम को पत्रकार वार्ता में नाराज पीएनबी अधिकारियों ने कहा कि पार्टी मैनेज के कारण जिला प्रशासन ने पजेशन प्रक्रिया को गंभीरता से नहीं लिया। पजेशन नहीं मिलने से उन्हें निराशा हुई है।

                                                               पीएनबी एजीएम कटोरा तालाब रायपुर व्हीएन दास ने बताया कि आज जिला प्रशासन प्रमुख से मिलने का समय मांगा था। लेकिन किन्ही कारणों से कलेक्टर से मुलाकात नहीं हुई। दास के अनुसार हम भी चाहते हैं कि शांतिपूर्ण तरीके से लोकहित में पजेशन का फैसला हो। तहसीलदार ने मेमो भेजा था। हमने शपथ पत्र के साथ जवाब भी भेज दिया । अब शासन के निर्देश का इंतजार है इसके बाद ही पीएनबी प्रबंधन आगे का फैसला करेगा।

                            मामले में एक अधिवक्ता ने बताया कि हाईकोर्ट का निर्देश स्पष्ट है। लेकिन जैसा कि सुनने में आया कि पीएनबी प्रबंधन ने बिना किसी पूर्व सूचना के माल के एक एक दुकान को बंद करने का फैसला किया। जिसके चलते माल व्यवसायी परेशान हो गये। जबकि हाईकोर्ट ने आदेश में स्पष्ट है कि पजेशन के दौरान माल के किसी भी व्यवसायियों को पजेशन प्रक्रिया के दौरान आर्थिक नुकसान या अन्य किसी प्रकार की परेशानी ना हो। शायद इन्ही बातों को ध्यान में रखकर तहसीलदार ने पीएनबी को मेमो थमाया और स्पष्टीकरण मांगा।

                                                                                          वकील ने बताया कि पजेशन की प्रक्रिया बंद कमरे में हो सकती है। लेकिन यहां शायद ऐसा कुछ नहीं हुआ। सात सितम्बर को 36 माल में तनाव की स्थिति थी। हो सकता है तनाव को रीलिज करने तहसीलदार ने मेमो थमाया हो। लेकिन हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन जिला प्रशासन को करना ही होगा।

                                             36 माल प्रबंधन के अंंदर से मिली जानकारी के अनुसार पीएनबी प्रबंधन पजेशन नहीं बल्कि माल को बंद करना चाहता है। हम लोगों ने पीएनबी प्रबंधन से कई बार निवेदन किया कि लोन का एक एक रूपए पटा दिया जाएगा। लेकिन उन्होने नहीं माना। सात सितम्बर को पीएनबी अधिकारियों ने पजेशन का अर्थ तालाबंदी बताया। जिसके चलते व्यवसायियी परेशान हो गए। जबकि हाईकोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि पजेशन के दौरान किसी को परेशानी ना हो। सबके हितों की चिंता प्रशासन की जिम्मेदारी है।

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