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मनरेगा मजदूरों का 385 करोड़ बकाया…बिलासपुर मजदूरों का नहीं हुआ 12 करोड़ का भुगतान…फांका मस्ती में मना रहे त्योहार

...सभापति अंकित ने किया आंदोलन का एलान

बिलासपुर…. सरकारी आंकड़ों से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के 33 जिलों में मनरेगा मजदूरों को 385 करोड़ 25 लाख 40 हजार 100 रुपयों का भुगतान किया जाना बाकी है। मनरेगा मजदूरों का लंबा चौड़ा भुगतान पिछले 5 महीनो से नहीं किया गया है। मजदूर अपना रूपया लेने के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं। मामले को लेकर जिला पंचायत सभापति अंकित गौराहा ने आंदोलन का ऐलान किया है।

  जानकारी देते चलें कि जिला पंचायत सामान्य सभा में मनरेगा मजदूरों का भुगतान की चर्चा अब मजदूरों तक पहुंच गयी है। मामला अब धीरे धीरे जिला पंचायत सामान्य सभा से सड़क तक पहंच गया है। मनरेगा मजदूरों के भुगतान का मामला बीते दिनों जिला पंचायत सभापति अंकित गौरहा ने सामान्य सभा की बैठक में उठाया था। जवाब में जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने मजदूरों के भुगतान रोके जाने की बात से ना केवल इंकार किया। बल्कि एक दिन पहले बिलासपुर प्रवास के दौरान पंचायत मंत्री ने भी  बताया कि कोई छूट गया है तो नहीं कह सकता लेकिन जहां तक जानकारी है कि मनरेगा मजदूरों के भुगतान हो चुका है। मामले को लेकर अब जिला पंचायत सभापति अंकित गौरहा ने मजदूरों को भुगतान नहीं कर किए जा रहे अन्ययाय के खिलाफ आंदोलन का एलान किया है।
अंकित ने बताया कि मुख्य कार्यपालन अधिकारी का वर्ताव मजदूरों के प्रति ठीक नहीं है। उन्होने सामान्य सभा की बैठक में भुगतान को लेकर काफी तल्ख जवाब दिया है। उन्होने कहा है कि इस पर सदस्यों को चिंता नहीं करना चाहिए। जैसा उचित होगा उसी के अनुसर हम काम करेंगे। शायद मंत्री महोदय को भी गलत जानकारी दी गयी है। उन्होने भी बिलासपुर प्रवास के दौरान कहा कि जहां तक उन्हें जानकारी है मजदूरों का भुगतान किया जा चुका है। यदि कोई छूट गया है तो कह नहीं सकता…लेकिन किसी का भुगतान नहीं रोका गया है।
गौरहा ने बताया कि बिलासपुर में ही मनरेगा मजदूरों को पांच महीने का 12 करोड़ 65 लाख 7945 रुपयों का भुगतान किया जाना है। यह  5 महीने की मजदूरी है।  जिला के मनरेगा मजदूर पंचायत का चक्कर काट रहे हैं। गरीब मजदूर कंगाली में त्योहार मनाने को मजबूर है। अधिकारियों के अड़ियल रवैया से पिछले 5 महीनो में पलायन को बढ़ावा मिला है।
  मजदूरों को समय पर भुगतान नही किया गया तो हम उग्र आंदोलन करेंगे। आंदोलन में मनरेगा मजदूरों को भी शामिल किया जाएगा। अंकित ने बताया कि यदि बिलासपुर के जिला पंचायत अधिकारी ने सही जानकारी दिया होता तो शायद मजदूरों का भुगतान समय पर हो जाता। मंत्री महोदय भी गलत बयान देने से बच जाते। बहरहाल मंत्री के बयान के बाद मजदूरों की चिंता बढ़ गयी है। उन्हें अहसास हो रहा है कि खून पसीने की कमाई डूब रही है। लेकिन ऐसा हरगिज होने नही दिया जाएगा।
 6 जिलों का रुका सर्वाधिक भुगतान
प्रदेश में कुल मनरेगा मजदूरों को 385 करोड़ 25 लाख 40 हजार 100 रुपयों  का भुगतान किया जाना है। सर्वाधिक सूरजपुर जिला मनरेगा मजदूरों को 19 करोड़ 21 लाख 54 हजार 4790 दिया जाना है।  बालोद जिला को 18 करोड़ 76 लाख 3 हजार 795 रुपयों का भुगतान किया जाना है। कवर्धा जिला में 19 करोड़ 57 लाख 13 हजार 396 रुपया बकाया है।  सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिला को 15 करोड़ 68 लाख 52 हजार 979 रुपयों का भुगतन करना है। राजनांदगांव जिला मनरेगा मजदूरो का 15 करोड़ 16 लाख 89 हजार 387 रुपयों का भुगतान बकाया है। यह राशि पिछले 5 महीनों की है। रायपुर जिला में 14 करोड़ 63 हजार 65 हजार 606 रुपये मजदूरी का भुगतान होना बाकी है।

 
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