रायपुर।राजस्व मंत्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय ने शनिवार को मंत्रालय में राज्य के सभी पांच संभागीय कमिश्नरों की बैठक लेकर राजस्व विभाग के काम-काज की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग से संबंधित कानून आम जनता की सुविधा के लिए होनी चाहिए, यदि इसमें संशोधन या सरलीकरण की जरूरत हो तो निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार इसके लिए उचित कार्रवाई की जानी चाहिए।राजस्व मंत्री ने अधिकारियों को पटवारियों की उपस्थिति बायोमेट्रिक मशीन से दर्ज करवाने की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए।
पाण्डेय ने भू-राजस्व वसूली, अतिक्रमण, नामांतरण, बंटवारा, नजूल पट्टों के नवीनीकरण, भूमि व्यपवर्तन मामलों की संभाग और जिलेवार समीक्षा की।उन्होंने संभागीय कमिश्नरों को राजस्व न्यायालयों में लंबित विभिन्न प्रकरणों के निराकरण में तेजी लाने और सीमांकन के प्रकरणों को प्राथमिकता से निपटाने के निर्देश दिए। श्री पाण्डेय ने कहा कि गौठान, तालाब, सड़क, स्कूल और सार्वजनिक निस्तार की जमीनों पर अतिक्रमण हटाने के मामलों में किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करना चाहिए। अतिक्रमण के ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई की जानी चाहिए।
साथ ही बैठक में हल्कों में पटवारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए ग्राम पंचायतों में बॉयोमेट्रिक मशीन लगाने निर्णय लिया गया। पटवारियों को अपडेट करने और उनके प्रशिक्षण पर भी जोर दिया गया। बैठक में वर्तमान जरूरतों के अनुरूप और दुविधा वाली भू-राजस्व अधिनियम में संशोधन अथवा सरलीकरण करने की आवश्यकता महसूस की गयी।
इसके लिए जनवरी महीने में संभाग स्तर पर कमिश्नर, कलेक्टर्स और तहसीलदारों की कार्यशाला आयोजित करने का भी निर्णय लिया गया।
बैठक में राजस्व मंत्री ने 45 दिन की सीमा तय कर डायवर्टेड भूमि का रिकार्ड संधारण एवं शुल्क की वसूली, कालोनियों की रिक्त भूमि का हक त्याग या शुल्क अदायगी, सीलिंग प्रकरणों की समीक्षा और सीमांकन को पूर्ण करने के निर्देश दिए।बैठक में राजस्व विभाग की वेबसाईट पर ’’सुझाव लिंक’’ शुरू करने के लिए एन.आई.सी. के अधिकारियों को निर्देश दिए गए।