बारिश और बाढ़ से 48 लोगों की मौत,यहाँ गंभीर हालात

Chief Editor
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दिल्ली-कर्नाटक के अनेक हिस्सों में लगातार बारिश और प्रमुख बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण शुक्रवार को बाढ़ से हालात गंभीर रहे. वहीं, महाराष्ट्र में पिछले तीनों में भारी बारिश और उसके बाद आई बाढ़ के कारण कम से कम 48 लोगों की मौत हो गयी तथा लाखों हेक्टेयर क्षेत्र में बड़े पैमाने पर फसल बर्बाद हो गई. अधिकारियों ने बताया कि पश्चिमी महाराष्ट्र के पुणे संभाग में 29, मध्य महाराष्ट्र के औरंगाबाद संभाग में 16 और तटीय कोंकण में तीन लोगों की वर्षाजनित घटनाओं में मौत हो गयी. उत्तर कर्नाटक सबसे बुरी तरह प्रभावित रहा जहां पिछले तीन महीने में तीसरी बार बाढ़ आई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को भारी बारिश से प्रभावित महाराष्ट्र और कर्नाटक के मुख्यमंत्रियों से बात कर उन्हें राहत व बचाव कार्य में हरसंभव मदद का आश्वासन दिया. मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बात कर बाढ़ और भारी बारिश से उत्पन्न स्थिति पर चर्चा की.

प्रभावित भाई बहनों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं. वहां जारी राहत व बचाव कार्य में केंद्र की हरसंभव मदद का भरोसा दिया.’’ मोदी ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘कर्नाटक के विभिन्न हिस्सों में बारिश और बाढ़ से उत्पन्न स्थिति पर मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा से चर्चा की. बाढ़ से प्रभावित कर्नाटक के भाई-बहनों के साथ हम खड़े हैं. राहत व बचाव कार्य में केंद्र की ओर से हरसंभव मदद का भरोसा दिया.’’ दिल्ली में अधिकतम तापमान 34.7 डिग्री सेल्सियस रहा जबकि हवा की गति अनुकूल रहने के चलते प्रदूषकों के छितराव में मदद मिलने से शुक्रवार को प्रदूषण के स्तर में आंशिक रूप से कमी आई. हालांकि, पराली जलाए जाने से शहर में ‘पीएम 2.5’ का सकेंद्रण बढ़कर 18 प्रतिशत हो गया. पीएम 2.5, हवा में मौजूद 2.5 माइक्रोमीटर से कम व्यास के कण हैं. दिल्ली-एनसीआर महीनों से खराब वायु गुणवत्ता का सामना कर रहा है. विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि वायु प्रदूषण का स्तर अधिक रहने से कोविड-19 की स्थिति और बढ़ सकती है.

भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार कोंकण और गोवा, ओडि़शा तथा तटीय आंध्र प्रदेश में छिटपुट स्थानों पर भारी वर्षा हुई. पूर्वी भारत में बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का क्षेत्र बनने से कोलकाता एवं पश्चिम बंगाल के अन्य हिस्सों में दुर्गा पूजा के दौरान वर्षा होने की संभावना है. पुणे के संभागीय आयुक्त कार्यालय के अनुसार पश्चिमी महाराष्ट्र में भारी वर्षा और बाढ़ से 3000 से अधिक मकान क्षतिग्रस्त हो गए जबकि 40,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा, ‘‘ सोलापुर में 14, सांगली में छह, पुणे में सात और सतारा में दो व्यक्तियों की जान चली गयी जबकि पुणे में एक, सांगली में तीन और सोलापुर में चार लोग अब भी लापता हैं. ’’ उन्होंने बताया कि पुणे, सोलापुर, सतारा और सांगली जिलों में 87,000 हेक्टेयर में फैले गन्ना, सोयाबीन, सब्जियों, चावल, अनार और कपास जैसी फसलों को नुकसान हुआ है.

उनके अनुसार सोलापुर, सांगली, सतारा और पुणे जिलों में भारी बारिश और उसके बाद आई बाढ़ से 1021 मवेशी मर गए, कुल 3,156 मकान क्षतिग्रस्त हो गए तथा 100 झुग्गियां नष्ट हो गयीं. सोलापुर, सांगली, सतारा और पुणे जिलों में 10,349 से 40,036 अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया. अधिकारी के अनुसार औरंगबाद क्षेत्र में सोयाबीन, बाजरा, कपास, केले, सूर्यमुखी आदि फसलें नष्ट हो गयीं. कोंकण क्षेत्र में 326 मकान क्षतिग्रस्त हो गए. उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने पश्चिमी महाराष्ट्र में बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया और स्थानीय प्रशासन से क्षतिग्रस्त फसलों, मकानों और अन्य संपत्तियों का तत्काल पंचनामा करने का आदेश दिया. महाराष्ट्र सरकार के राहत एवं पुनर्वास मंत्री विजय वडेट्टीवार ने कहा कि राज्य सरकार केंद्र से भारी वर्षा और बाढ़ के कारण फसलों का नुकसान उठा चुके और अपनी आजीविका का स्रोत गंवा चुके किसानों को मुआवजा देने को कहेगी. उन्होंने कहा, ‘‘मैं केंद्र सरकार से उन किसानों को कुछ मुआवजा प्रदान करने के लिए कहूंगा जिन्होंने अपनी आजीविका गंवायी है.

फसलों के नुकसान का आकलन चल रहा है. मैंने अधिकारियों से नुकसान के आकलन के काम में तेजी लाने को कहा है. ’’ कर्नाटक में बेलगावी, कलबुर्गी, रायचुर, यादगिर, कोप्पल, गोदाग, धारवाड़, बागलकोट, विजयपुरा और हावेरी सबसे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. कलबुर्गी और यादगीर जिलों में उफान के साथ बह रही भीमा नदी ने तबाही मचाई जहां अनेक गांव जलमग्न हो गए और खेतों में खड़ी फसल तबाह हो गयी. खबरों के मुताबिक खाद्यान्नों के गोदामों और दाल मिलों में बाढ़ का पानी घुस जाने से वहां रखा सामान बह गया. मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने कहा कि केंद्र सरकार कर्नाटक के हालात से वाकिफ है. उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र को मौजूदा हालात की जानकारी है. मैंने अभी केंद्रीय गृह मंत्री से बात की है जिन्होंने हमें हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है.’’

येदियुरप्पा ने कहा कि उनकी सरकार राहत कार्यों के लिए प्रतिबद्ध है तथा राजस्व मंत्री आर अशोक ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा शुरू कर दिया है. इस बीच, कर्नाटक के आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (केडीएमए) ने राज्य के गृह मंत्री बासवराज बोम्मई को बाढ़ के हालात के बारे में जानकारी दी. केडीएमए अधिकारियों के अनुसार इस साल मॉनसून की बारिश सामान्य से बहुत अधिक हुई है. इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा, ‘‘राज्य में सितंबर के अंत तक औसत वर्षा तकरीबन 800 मिलीमीटर होती है, वहीं इस वर्ष यह करीब 1,000 मिलीमीटर पर पहुंच गयी है.’’

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