बिलासपुर– बिलासपुर में पिछले सात महीने से छोटे स्टाम्प यानि 5 और 10 का मुद्रांक पेपर नहीं है। कुछ नोटरी ब्लैक में पांच और दस का स्टाम्प बेचकर तीन गुना कमाई कर रहे हैं। खबर के बाद भी ट्रेजरी अधिकारी को इसकी परवाह नहीं है। स्टाम्प की कमी और ब्लैक मार्केटिंग के सवाल पर अधिकारी ने झल्लाते हुए कहा कि स्टाम्प मैं नहीं छापता हूं। इसलिए बता नहीं सकता कि कमी की वजह क्या है। चूंकि स्टाम्प नासिक में छपता है..जब मैं छापुंगा..तभी बता सकुंगा कि स्टाम्प की कमी की वजह क्या है।
स्टाम्प कमी से परेशान
बाजार में यानि ट्रेजरी से लेकर नोटरी तक 5 और 10 रूपए के स्टाम्प पूरी तरह से गायब हैं। जिनके पास है भी तो…जरूरतमंदों से तीन गुना रूपए वसूल कर रहे हैं। कोर्ट कचहरी और पंजीयन कार्यालय का चक्कर लगाने वाले जरूरत मंदों ने बताया कि पिछले सात महीने से 5 और 10 रूपए वाले स्टाम्प नहीं मिल रहे है। जिसके चलते शपथ पत्र, आरटीआई और एग्रीमेन्ट जैसे काम में भारी परेशानी हो रही है।
ब्लैक में बिक रहा स्टाम्प
पीड़ितों की मानें तो मामले में कई बार ट्रेजरी अधिकारी से शिकायत भी किए हैं। लेकिन कोई फायदा नहीं । मजबूर होकर ब्लैक मार्केटिंग करने वाले नोटरी से 5 और 10 रूपए के स्टाम्प के लिए तीन गुना रूपयों का भुगतान करना पड़ रहा है।
कई लोगों ने बताया कि हमें ई स्टाम्प की जानकारी नहीं है। इसके चलते नोटरी के हाथों ब्लैक मार्केटिंग का शिकार हो रहे हैं।
अनाप शनाप बोलते हैं अधिकारी
नोटरी काम से जु़ड़ें कुछ लोगों ने जानकारी दी कि पिछले सात महीने से ट्रेजरी विभाग से 5 और 10 का स्टाम्प नहीं दिया जा रहा है। इसके चलते ना केवल जरूरतमंद बल्कि नोटरी भी परेशान हैं। मांग करने पर ट्रेजरी अधिकारी अनाप शनाप बोलते हैं। मामले की शिकायत कलेक्टर करेंगे।
मैं नहीं छापता स्टाम्प
छोटे स्टाम्प की कमी के सवाल पर ट्रेजरी अधिकारी विकास सिंह ने चिड़चिड़ाते हुए कहा कि हम छोटे स्टाम्प की कमी के लिए जिम्मेदार नहीं है। हमारे पास नहीं है..इसलिए 5 और 10 का स्टाम्प नहीं दे रहे हैं। विकास सिंह ने झल्लाते हुे कहा कि कोई भी मुंह उठाकर आ जाता है और पूछता है कि स्टाम्प की कमी क्यों है। समझ नहीं आ रहा है कि किसकों.. किसको जवाब दें।
विकास सिंह ने यह भी बताया कि वह स्टाम्प नहीं छापते हैं। आप लोगों को पता होना चाहिए कि स्टाम्प नासिक में छपता है। आधा दर्जन बार रायपुर को पत्र लिखा है। लेकिन अधिकारी कोई जवाब नहीं दे रहे हैं। ।
नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि मैं स्टाम्प नहीं छापता हूं। जब स्टाम्प छापुंगा..तभी स्टाम्प की कमी की वजह बता सकुंगा। रही बात ब्लैक मार्केंटिंग की तो इसके लिए मैं बिलकुल जिम्मेदार नहीं हूं।