शासन से प्राधिकरण को 6 करोड़ जारी.. यौन पीड़ितों को मिलेगी मदद..वित्तीय वर्ष 2020-21 में किया जाएगा वितरण

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— यौन पीडित महिलाओं और परिजनों को आर्थिक सहायता देने राज्य शासन ने राज्य विधिक प्राधिकरण को 6 करोड़ रूपए जारी किए हैं। जानकारी देते चलें कि शासन समेत अन्य श्रोतो से जारी राशि को क्षतिपूर्ति योजना कोष में रखा जाता है। कोष निगरानी राज्य विधिक प्राधिकरण करता है। प्राधिकरण की निगरानी में ही शासन पीड़ितों के बीच क्षतिपूर्ति राशि का वितरण करता है। 
 
                          पीडित महिलाओ और परिजनों के बीच 2018 क्षतिपूर्ति योजना के सफल क्रियान्यवन के बाद सरकार ने राज्य विधिक प्राधिकरण को वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 6 करोड़ राशि जारी किया है। शासन ने  6 करोड़ रूपए क्षतिपूर्ति योजना के तहत बनाए गए कोष में जमा किया है। जमा राशि का उपयोग यौन हिंसा पीड़ितों के बीच कोर्ट के मार्गदर्शन और पीड़ितों की मांग पर प्राधिकरण क्षतिपूर्ति के रूप में करेगा।
              
                                             बताते चलें कि यौन समेत अन्य हमलो की शिकार महिलाओं को कानूनी सहायता के साथ आर्थिक सहयोग किए जाने को लेकर राज्य विधिक प्राधिकरण की भूमिका अहम है। पीड़ित महिलाओं और परिजनों की सामाजिक,  आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने विधिक प्राधिकरण के मार्गदर्शन में क्षतिपूर्ति कोष का गठन किया गया है। कोष में शासन समेत विभिन्न स्रोत से राशि जमा होती है। कोर्ट के निर्देश, पीड़ित की मांग पर विधिक प्राधिकरण के आदेश के बाद शासन क्षतिपूर्ति कोष से ही पीड़ितों को आर्थिक सहायता देता है।
         
क्या है क्षतिपूर्ति कोष       
           
              योजना के तहत राज्य शासन ने यौन हिंसा शिकार महिलाओं और परिजनों को आर्थिक राहत दिए जाने को लेकर क्षतिपूर्ति निधि का गठन किया है। क्षतिपूर्ति निधि का संचालन जिम्मेदारी राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की होती है। प्राधिकरण के निर्देश और स्थानीय प्रशासन की मांग पर प्रदेश सरकार पीड़ित महिलाओं को आर्थिक सहायता के लिए प्रत्येक वित्तिय वर्ष में राशि जारी करता है। इसी क्रम में राज्य शासन ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में कुल 6  करोड़ रुपये  विधिक सेवा प्राधिकरण को जारी किया हैं। जानकारी हो कि पास्को एक्ट पीडित नाबालिकों को भी मांग किए जाने पर आर्थिक सहायता देने का प्रावधान है।
 
                  कोष में केन्द्रीय पीड़ित क्षतिपूर्ति योजना, सरकार की तरफ से आर्थिक बजट, सिविल या आपराधिक प्रकरण से निर्धारित राशि,अभियुक्त योजना, सीएसआर  मद से राशि जमा होती है ।
 
क्षतिपूर्ति योजना
 
                 अक्सर देखने में आया है कि यौन हिंसा शिकार महिलाओं के साथ समाज में उपेक्षित व्यवहार किया जाता है। जबकि अपराध में पीड़ित की भूमिका शून्य होती है। बावजूद इसके महिला और परिजनों को सामाजिक दंश का शिकार होना पड़ता है। बलात्कार, हिंसा, मानसिक क्षति, अप्राकृतिक यौन कृत्य, एसिड अटैक की शिकार महिलाओं का जीना मुश्किल हो जाता है। ऐसे पीड़ितों  की मांग पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण आवेदन मिलने के बाद क्षतिपूर्ति की मांग को पूरा करता है।
 
 आर्थिक सहायता की पात्रता और आवेदन की प्रक्रिया
 
                    विधिक प्राधिकरण ने विभिन्न धाराओं के तहत आर्थिक सहायता प्राप्त करने कुछ मापदण्ड निर्धारित किए हैं। योजना के तहत अन्य जरूरी प्रमाणों और एफआईआर की प्रति के साथ आवेदन किए जाने पर जांच पड़ताल के बाद आर्थिक सहायता प्रदान किया जाता है।  

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