जोगी ने उठाया सवाल- इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ में CBI ने क्यों रोकी गिरफ्तारी …?

Shri Mi
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रायपुर।
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे.) के संस्थापक अध्यक्ष अजीत जोगी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के छत्तीसगढ़ प्रवास पर एक चुभता सवाल पूछा है जिसमें गत दिवस गुजरात के पूर्व पुलिस महानिरीक्षक डी.जी.वनजारा ने विशेष अदालत के समक्ष कहा है कि इशरत जहां कथित फर्जी मुठभेड़ के मामले में सीबीआई तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं तत्कालीन गृृह राज्य मंत्री अमित शाह को गिरफ्तार करना चाहती थी परन्तु किसी अज्ञात कारणवश ऐसा नही हो सका। वंजारा के वकील ने जो विशेष अदालत में कहा वह भाजपा के दिग्गज नेताद्वय मोदी एवं शाह के लिये अपमान जनक आरोप है उसमे यह भी कहा गया है कि उस समय 2002 के गुजरात दंगो के बाद अदालत के आदेश पर अमित शाह को गुजरात प्रदेश से चार माह के लिये बाहर निकाले जाने का आदेश भी दिया गया था। यह एक शर्मनाक आरोप है जो भाजपा के दो बड़े नेताओं के चरित्र को कलंकित करने वाला कथन है।
जोगी ने प्रदेश प्रवास पर पधारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से वंजारा एवं वंजारा के वकील द्वारा दिये गये आरोपित बयान पर अपना पक्ष स्पष्ट करने सवाल किया है ? यदि वंजारा एवं उसके वकील का कथन गलत है तो उन दोनों अर्थात् प्रधानमंत्री एवं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को गलत बयानी एवं मानहानि का मुकदमा चलाना चाहिये। वंजारा के आरोप से न केवल मोदी एवं शाह वरन् भाजपा व संघ परिवार की छवि धूमिल हुयी है। भाजपा एवं आरएसएस को वंजारा के आरोप पर तत्काल संज्ञान लेते हुए विधि सम्मत कार्यवाही करना चाहिए। देश की जनता यह जानना चाहती है कि नरेन्द्र मोदी एवं अमित शाह को सीबीआई आखिर किस जुर्म में गिरफ्तार करना चाहती थी तथा सीबीआई भी जवाब दे कि गिरफ्तारी को क्यो टाला गया।
इस अशोभनीय हरकत को भाजपा एवं संघ को गंभीरता से लेते हुए सीबीआई को अपना पक्ष प्रस्तुत करने कहा जाना चाहिए ताकि दूध का दूध एवं पानी का पानी जनता के समक्ष साफ हो सके। स्मरण रहे कि उसी समय सन् 2002 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने गुजरात प्रवास पर तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी पर रोष व्यक्त करते हुये कहा था कि प्रदेश में शासन-प्रशासन द्वारा दंगा रोकन में राजधर्म का पालन नही किया गया जो अपने आप में ंतत्कालीन उपस्थित दंगायी परिस्थितियों पर सवालिया निशान लगाता है।
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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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