मध्य प्रदेश के पेंशनर्स एक बार फिर राज्य सरकार से नाराज हो गए है। पुरानी पेंशन बहाली और केन्द्र के समान महंगाई भत्ता लागू करने सहित अन्य मांगों को लेकर मध्य प्रदेश के पेंशनर्स 24 नवंबर को भोपाल में बड़ा प्रदर्शन करने जा रहे है। 24 नवंबर को सभी पेंशनर्स एमपी विधानसभा से रैली निकालकर मंत्रालय के सामने स्थित सरदार वल्लभ भाई उद्यान में एकत्र होंगे और अपनी मांगों को लेकर आवाज बुलंद करेंगे।
पेंशनर्स एसोसिएशन का कहना है कि माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी छठवें वेतनमान के 32 माह का एरियर नहीं दिया गया है।वही सातवें वेतनमान के 27 माह के एरियर का भुगतान भी नहीं किया गया। छत्तीसगढ़ में महंगाई राहत में वृद्धि हो चुकी है, लेकिन एमपी में अभी पेंशनरों को इसका इंतजार है।
संघ ने मांग की है कि केंद्र सरकार ने पेंशन नियम 1976 में संशोधन करके अविवाहित, विधवा, तलाकशुदा एवं परित्यक्ता पुत्री को आजीवन परिवार पेंशन भुगतान की व्यवस्था की है, उसे लागू किया जाए। न्यूनतम पेंशन 9 हजार रुपये करने, केंद्रीय तिथि से महंगाई दर में वृद्धि और बकाया महंगाई राहत को अवकाश नकदीकरण में गणनाकर भुगतान किया जाए।इसके साथ ही विद्युत मंडल, नगर निगम, नगर पालिका के पेंशनर्स की महंगाई राहत वृद्धि के लिए छग शासन की सहमति की अनिवार्यता को समाप्त किया जाए।
महंगाई राहत में हो सकती है जल्द वृद्धि
बता दे कि हाल ही में छत्तीसगढ़ सरकार ने पेंशनरों की महंगाई राहत में 5 प्रतिशत की वृद्धि की है, जिसके बाद डीआर 28 से बढ़ाकर 33 प्रतिशत हो गया है। इस 5% की वृद्धि के लिए शिवराज सरकार ने छत्तीसगढ़ सरकार को पत्र लिखा था, चुंकी राज्य में पेंशनरों की महंगाई राहत में वृद्धि के लिए राज्य पुनर्गठन अधिनियम के अनुसार मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के बीच सहमति होना अनिवार्य है। अगर सहमति बनती है तो मध्य प्रदेश के साढ़े चार लाख पेंशनरों को 33 प्रतिशत महंगाई राहत का लाभ मिलेगा।