फार्मासिस्ट/दवा विक्रेताओं को कोरोना वारियर्स घोषित कर वैक्सीनेशन में प्राथमिकता देने की माँग, नहीं तो लॉकडाउन में शामिल होंगे देश के 9 लाख 40 हजार केमिस्ट

Chief Editor
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बिलासपुर। ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट एंड ड्रजिस्ट ने सभी दवा विक्रेता फार्मासिस्ट और स्टाफ के सदस्यों को को कोविड- वारियर्स घोषित कर उन्हें वैक्सीनेशन कराने की मांग की है। संगठन ने चेतावनी दी है कि सरकार की ओर से यह घोषणा नहीं होने पर देशभर के सभी 9 लाख़ चालीस हज़ार दवा विक्रेता लॉकडाउन में दूसरे व्यापारियों के साथ शामिल होने को मजबूर होंगे।

             
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ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन आफ केमिस्ट एंड ड्रजिस्ट के पूर्व कार्यकारिणी सदस्य राजेंद्र राजू अग्रवाल ने जानकारी दी है कि संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेएस शिंदे और महासचिव राजीव सिंघल ने इस आशय का बयान जारी किया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन आफ केमिस्ट एंड ड्रजिस्ट भारत के सभी 9 लाख़ चालीस हज़ार केमिस्ट का देशव्यापी संगठन है। इस संगठन ने अपने सदस्यों के हितों के संरक्षण के लिए देश के समस्त व्यापारियों के साथ-साथ लॉक डाउन में शामिल होने के मुद्दे पर विचार विमर्श किया है। उनका कहना है कि देश का प्रत्येक केमिस्ट तमाम खतरों के बावजूद देश की पीड़ित मानवता की सेवा करते हुए दवा निरंतर उपलब्धता करा रहे हैं। देश के समस्त दवा विक्रेताओं का महत्व डॉक्टर ,नर्स ,हॉस्पिटल स्टाफ और सफाई कर्मचारियों से कोई कम नहीं आंका जा सकता । क्योंकि वे तमाम लॉकडाउन और अनेक पाबंदियों के बावजूद सभी प्रकार के खतरों से रूबरू होते हुए मैदान में डटे हुए हैं। किंतु आज तक सरकार में कई ज्ञापन देने के बावजूद न तो आज तक दवा विक्रेताओं फार्मासिस्ट को कोरोना वारियर्स घोषित किया है और ना ही उन्हें वैक्सीनेशन में प्राथमिकता प्रदान की गई है। जबकि पिछले साल से आज तक देश में करीब 650 से अधिक दवा विक्रेता पीड़ित मानवता की सेवा करते हुए कोविड का शिकार बनकर शहीद हो गए हैं। आज सरकार के दवा विक्रेताओं के प्रति नकारात्मक रवैया से देश के सभी 9 लाख़ चालीस हज़ार व्यापारियों में भारी रोष है । दवा विक्रेता / फार्मासिस्ट और उनका स्टाफ सदैव भी मरीज और उनके परिजनों के दवा देते समय संपर्क में रहते हैं। उस खतरे की कल्पना भी नहीं की जा सकती है ।

संस्था ने बताया कि दवा विक्रेता होने के बावजूद जब हमारे परिजनों को रेमडेसीविर और टोसीजुमेब की जरूरत हुई तो भी शासन के नियमों के अधीन हमें इंजेक्शन नहीं मिले। इससे भी कई केमिस्ट भगवान को प्यारे हो गए । अब यही हाल अम्फेटरोसीन का हो रहा है। जहां हम सरकार के तमाम प्रतिबंधों के बाद अपने परिजनों को यह उपलब्ध नहीं करवा पा रहे हैं। संगठन के अध्यक्ष जेएस शिंदे और महासचिव राजीव सिंघल ने बताया कि क्योंकि हम जन स्वास्थ्य रक्षक दवा विक्रेता है और इस कोरोना काल में दवा की उपलब्धता को बनाए रखना चाहते हैं । इसलिए हम अभी तक किसी भी बंद या लॉकडाउन में शामिल नहीं हुए हैं। लेकिन अब सरकार से आग्रह है कि इन खतरों के बावजूद 18 वर्ष के ऊपर के सभी दवा विक्रेता / फार्मासिस्ट स्टाफ के सदस्यों को कोविड वारियर्स घोषित कर उनका वैक्सीनेशन तुरंत शुरू किया जाए। नहीं तो देश के सभी 9 लाख़ चालीस हज़ार दवा विक्रेता लॉकडाउन में अन्य व्यापारियों के साथ शामिल होने मजबूर होंगे।।

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