बिलासपुर। शहर मे आकर्षक पंडालों में , विधि विधान, मंत्रोचार के साथ माँ की प्रतिमा विराजित की गई। शहर के मध्यनगरी चौक, तेलीपारा, सरकंडा, शिव टॉकीज चौक, मसांगंज, रेल्वे क्षेत्र सहित ज़्यादातर जगहों मे आकर्षक पंडालों मे विधि विधान से मूर्तियाँ स्थापित की गई। पंडाल और झांकियां आकर्षण का केंद्र रहे। जिससे बिलासपुर के आकर्षक दुर्गोत्सव की पहचान एक बार फिर उभर कर आई है।सभी जगह सजावट अनूठी और एक-से-बढ़कर एक है। जिसके दर्शन के लिए पूरा शहर ही उमड़ पड़ा है।
पुराना हाइकोर्ट में सिंह वाहिनी दुर्गोत्सव समिति ने काँच से शीश महल पंडाल बनाया है। इस बार शहर के अलावा दिल्ली, कलकत्ता से आए कारीगर शहर के पंडालों को सजा रहे है। माँ अम्बे के कई रूप के कई रूप देखने को मिलेंगे।
तिलक नगर दुर्गोत्सव समिति ने बारह ज्योतिर्लिंगों मे से एक उत्तराखंड के केदारनाथ मंदिर के समान ही अपना पंडाल सजाया है। तिलक नगर दुर्गोत्सव समिति हर साल नए तरीके से पंडाल सजाती है। जिसमें देश प्रदेश के ऐतिहासिक-धार्मिक स्थलों का स्वरूप तैयार किया जाता है। इसे देखकर हर किसी को इसके सजीव होने का अहसास होता है।
शहीद चन्द्रशेखर आज़ाद दुर्गोत्सव समिति,तेलीपारा, सिंह वाहिनी दुर्गोत्सव समिति शिव टॉकीज चौक, मध्यनगरी चौक दुर्गोत्सव समिति इन सभी समितियों के इस बार अपने अपने पंडालों को एक नया रूप देने की कोशिश की है।
वहीं सुबह से शाम तक मूर्तियाँ स्थापित करने के लिए पूजा अर्चना का दौर चला। आकर्षक पंडालों के साथ लाइट की रोशनी से पूरा शहर जगमगाने लगा। देर रात तक बड़ी संख्या मे लोग पंडालों मे विराजी झांकियों के दर्शन करते दिखे। जिससे कई जगहों पर जाम की स्थिति भी पैदा हुई।