शिक्षाकर्मियों के आर्थिक अधिकारों पर कैसे चली कैंची….? हर महीने हो रहा बड़ा नुकसान

Shri Mi
8 Min Read
छत्तीसगढ़ व्यख्याता(पंचायत/एल बी)संघ के प्रान्ताध्यक्ष कमलेश्वर सिंह,छत्तीसगढ़,भूपेश बघेल ,सरकार,LB शिक्षकों के प्रमोशन,शिक्षाकर्मियों के संविलियन,

रायपुर।शिक्षाकर्मीयो  के  वेतन भत्तों के आर्थिक लाभ को लेकर  मध्य प्रदेश के दौर शुरू हुआ अन्याय  छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद भी  अब तक जस का तस है।नियमो के अनुसार शिक्षाकर्मियों को अपनी सेवा के 10 वर्ष बाद क्रमोन्नत वेतनमान देना था । लेकिन अधिकारियों ने बीच-बीच में नए-नए नियमो का ऐसा ताना-बाना बुना  कि मामला उलझ कर रह गया.. खास कर प्राथमिक स्कूल के शिक्षक सबसे ज्यादा प्रताड़ित हुए है। सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने यहां क्लिक करे

Join Our WhatsApp Group Join Now

सरल  शब्दों में कहा जाए कि 10 वर्ष पूर्ण कर चुके  वर्ग 3 के प्राथमिक शाला के शिक्षक को वर्ग 2 के मिडिल स्कूल के शिक्षक का वेतन देना था वर्ग 2 को वर्ग 1 के व्याख्याता का वेतन दे रहा था और वर्ग 1 के व्याख्याता को प्राचार्य के समकक्ष का वेतन देना था लेकिन ऐसा हुआ नहीं शासन और अधिकारियों को राज्य के होने वाले  आर्थिक व्यय को बचाने के लिए शिक्षा कर्मियो के आर्थिक अधिकारों पर कैची चला दी गई। नई सरकार बनने के बाद भी यही हाल है।

शिक्षको के वेतनमान पर स्थानीय निधि संपरिक्षा कार्यालय के अधिकारी और कर्मचारी बीच में टाँग अड़ाने का काम कर रहे है।क्रमोन्नत /समयमान वेतनमान के आधार पर पुनरीक्षित वेतन बैंड एवं ग्रेड पे में वेतन निर्धारण की पात्रता शिक्षक एल बी होने से पूर्व शिक्षक(पं/ननि) संवर्ग को है ।

शिक्षक (पं/ननि)संवर्ग को राज्य शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग एवं नगरीय प्रशासन विकास विभाग ने 2.11.2011 को जारी आदेश के अनुसार जिन शिक्षक (पं/ननि)संवर्ग एक ही पद में दस वर्ष की सेवा पूर्ण कर ली है उन्हें उच्च पद का क्रमोन्नत वेतनमान दिया जायेगा।

इस आदेश के तहत 10 वर्ष पूर्ण करने वाले शिक्षक(पं/ननि) संवर्ग का क्रमोन्नत वेतनमान के वेतनमान में उपग्रेड कर दिया गया जिसका सत्यापन स्थानीय निधि संपरिक्षक ने कर दिया था ।

राज्य शासन से जारी हुए आदेश 1.4.2012 के अनुसार  जिन शिक्षक (पं/ननि) ने एक ही पद में 7 वर्ष की सेवा पूर्ण (स्नातक को) कर ली हो इनका वेतन समयमान वेतन के उच्च वेतनमान में अपग्रेड कर दिया गाइड्स स्नातक को 10 वर्ष में समयमान वेतन में अपग्रेड किया गया ।इसका भी सत्यापन स्थानीय निधि ने किया। दोनों आदेश के तहत शिक्षक(पं/ननि)सवर्ग का वेतन उन्नय्यन किया गया ।

 छ.ग.व्यख्याता (पं/एल बी) संघ के प्रदेशाध्यक्ष कमलेश्वर सिंह राजपूत ने चर्चा के दौरान बताया कि सवाल यह उठता है कि राज्य शासन ने 8 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले शिक्षक(पं/ननि) को 8 वर्ष की पूर्ण  तिथि से शासकीय शिक्षको के समान  वेतन पुनरीक्षण नियम 2009 के अनुसूची 1 का वेतन बैंड एवं ग्रेड पे स्वीकृत किया गया। चूँकि शासकीय शिक्षको को वेतन पुनरीक्षण नियम 2009 लागु होने से पूर्व  12 वर्ष में एक क्रमोन्नत वेतनमान मिल रहा था । जब 1 जनवरी  2006 से वेतन पुनरीक्षण 2009 लागु किया गया यह नियम लागु होने से पूर्व शासकीय शिक्षको का क्रमोन्नत वेतनमान में वेतन उन्नय्यन हो गया था ।

कमलेश्वर सिंह बताते है कि शासकीय शिक्षको का वेतन निर्धारण क्रमोन्नत/समयमान वेतनमान में प्राप्त कर रहे उन्नयित वेतनमान के आधार पर वेतन निर्धारण किया गया वेतन पुनरीक्षण नियम 2009 के नियम 5 में स्प्ष्ट लिखा है कि जिन कर्मचारियों का 2009  वेतन पुनरीक्षण लागु होने से पूर्व क्रमोन्नत /समयमान/स्तरोन्नयन /वरिष्ठ वेतनमान में वेतन उन्नय्यन हो गया है उनका वेतन निर्धारण क्रमोन्नत /समयमान वेतनमान में प्राप्त कर रहे उन्नयित वेतनमान के आधार पर पुनरीक्षित वेतन में वेतन  निर्धारण किया जायेगा ।

कामेश्वर सिंह राजपूत ने बताया कि  शिक्षक (पं/ननि) सवर्ग कर्मचारियों को  8 वर्ष की पूर्ण तिथि से शासकीय शिक्षको के समान पुनरीक्षित वेतन बैंड एवं ग्रेड पे में वेतन प्रदान करने का आदेश जारी हुआ जो दिनांक 1.5.2013 से प्रभावशील से प्रभावशील हुआ।

सरल शब्दों में समझा जाए कि यह है शिक्षक (पं/ननि)सवर्ग कर्मचारियों का इससे पूर्व क्रमोन्नत/समयमान वेतनमान में वेतन उन्नीयन हो गया था उनका भी वेतन निर्धारण क्रमोन्नत /समयमान वेतनमान में प्राप्त कर रहे मूल वेतन को 1.86 से गुणा कर परिगणित राशि को पूर्णांकत करना था तथा प्रथम क्रमोन्नत वेतनमान का वेतन बैंड एवम् ग्रेड पे देना था ।

अर्थात शिक्षक(पं/ननि) सवर्ग कर्मचारियों का वेतन निर्धारण 1.5.2013 को7/10 वर्ष पूर्ण तिथि में समयमान /क्रमोन्नत वेतनमान में प्राप्त कर रहे मूल वेतन के आधार पर पुनरीक्षित वेतनमान के सापेक्ष  वेतन बैंड एवं ग्रेड पे देना था तथा मूल वेतन को छ.ग.वेतन पुरीक्षण नियम 2009 के नियम 7 (क) के तहत विद्यमान वेतन को1.86 से गुणांक कर परिगणित राशि पूर्णांक करते हुए वेतन निर्धारण करना था ।

कमलेश्वर राजपूत ने बताया कि शिक्षक (एल बी)सवर्ग ने राज्य शासन से 10 वर्ष पूर्ण तिथि से समयमान /क्रमोन्नत वेतनमान के आधार पर वेतन निर्धारण की मांग की ।स्कूल शिक्षा विभाग ने दिनांक  6.4.2019  एक आदेश जारी कर एल बी से पूर्व जो शिक्षक (पं/ननि) सवर्ग ने एक ही पद में 10वर्ष की सेवा पूर्ण की है तो तत्समय प्राप्त वेतनमान के अनुसार क्रमोन्नत/समयमान में वेतन निर्धारण करें और रिवाइज्ड एल पी सी जारी करें ।चूँकि 10 वर्ष की पूर्ण तिथि से पूर्व 8 वर्ष की पूर्ण तिथि से छठवाँ वेतनमान में पुनरीक्षित वेतन प्राप्त कर रहा था।

अतः 10 वर्ष की पूर्ण तिथि में प्राप्त कर रहे क्रमोन्नति /समयमान के आधार पर पुनरीक्षत वेतन बैंड एवम् ग्रेड पे में वेतन निर्धारण करना था ।परन्तु स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश का भी परिपालन नही किया गया ।इससे क्षुब्द होकर शिक्षक  (पं/ननि) सवर्ग  उच्च न्यायालय बिलासपुर के शरण में गए।  

 उच्च न्यायालय बिलासपुर  द्वारा  विभिन्न प्रकरणो की सुनवाई के बाद नियोक्ताओ  को 10 वर्ष पूर्ण करने वाले शिक्षक(पं/ननि) संवर्ग को पुनरीक्षित वेतनमान में क्रमोन्नत/समयमान वेतनमान का वेतन बैंड एवम् ग्रेड पे देने का आदेश किया ।

इसके बाद  सभी नियोक्तागण क्रमोन्नत वेतनमान /समयमान वेतनमान के आधार पर पुनरीक्षित वेतनमान का वेतन बैंड +ग्रेड पे में वेतन निर्धारण कर  सत्यापन हेतु स्थानीय निधि संपरिक्षक प्रेषित कर रहे है ।

कमलेश्वर सिंह राजपूत ने बताया कि स्थानीय निधि सपरिक्षा कार्यलय के अधिकारी  उच्च न्यायालय बिलासपुर के आदेश की अवहेलना करते हुए सत्यापन करने से इंकार कर रहे है, इस तरह  न्यायालय के आदेश की अवमानना हो रही है ।अतः क्या स्थनीय निधि संपरिक्षक माननीय उच्चन्यायालय के अधीन नही आता या माननीय उच्च न्यायालय के आदेश को मानने के लिए बाध्य है या नही यह शिक्षक(पं/ननि)सवर्ग जो वर्तमान ने एल बी हो गए है उनके लिए बड़ी समस्या है ।

कमलेश्वर सिंह ने बताया कि हमारे जितने भी शिक्षक(पं/ननि)साथी माननीय उच्चन्यायालय से क्रमोन्नति/समयमान के आधार पर पुनरीक्षित वेतन बैंड +ग्रेड पे में वेतन निर्धारण का प्रकरण दायर किये है या न्यायलय द्वारा अदेशीत किया गया है नितोक्ता द्वारा वेतन निर्धारण कर स्थानीय निधि सपरिक्षक को प्रेषित किया है और स्थानीय निधि सपरिक्षक सत्यापन करने से इंकार कर रहे है तो राज्य के समस्त उप संचालक स्थनीय निधि संपरिक्षक को मुख्य पार्टी बनाते हुए प्रकरण दर्ज करावे या अवमानना का प्रकरण दाखिल करें।

Share This Article
By Shri Mi
Follow:
पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
close