नई दिल्ली-आईएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत मांगने वाले कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुनाते हुए उन्हें जमानत दे दी है. पूर्व वित्त मंत्री पिछले 105 दिनों से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं. सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में माना कि आथिर्क अपराध गंभीर अपराध की कैटेगरी में आता है. लेकिन कोर्ट ने कहा कि जमानत नियम है और जेल अपवाद. सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने यहां क्लिक करे
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि पी चिदंबरम को सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए और न ही गवाहों को प्रभावित करना चाहिए. उन्हें इस मामले के संबंध में प्रेस में इंटरव्यू नहीं देना चाहिए या सार्वजनिक बयान नहीं देना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने पी चिदंबरम को निर्देश दिया कि वे 2 लाख रुपये के बेल बॉन्ड के साथ इसी राशि की 2 जमानत प्रस्तुत करें. सुप्रीम कोर्ट का यह भी कहना है कि कोर्ट की अनुमति के बिना चिदंबरम विदेश यात्रा नहीं कर सकते. न्यायमूर्ति आर बनुमथी की अध्यक्षता वाली पीठ ने 28 नवंबर को चिदंबरम द्वारा दायर अपील पर फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय के 15 नवंबर के फैसले को चुनौती दी थी और मामले में उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था. हाई कोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया.
बता दें कि पी चिदंबरम लगभग 106 दिनों से जेल में बंद थे. आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में चिदंबरम को 21 अगस्त को सीबीआई ने पहली बार गिरफ्तार किया था और 22 अक्टूबर को शीर्ष अदालत ने उन्हें जमानत दे दी थी. ईडी ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 16 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था. तर्कों के दौरान, प्रवर्तन निदेशालय, ईडी ने शीर्ष अदालत में दावा किया था कि 74 वर्षीय पूर्व वित्त मंत्री हिरासत से भी मामले में महत्वपूर्ण गवाहों पर प्रभाव डाल रहे हैं, जबकि उन्होंने कहा कि एजेंसी आधारहीन आरोप लगाकर उनके करियर और प्रतिष्ठा को नष्ट नहीं कर सकते.