बिलासपुर—निःशक्त बच्चों में हुनर की कमी नहीं है। उनके मनोबल को बढ़ाने की आवश्यकता है। संभागायुक्त सोनमणि बोरा ने आज बिलासपुर के संजय तरण पुष्कर में आयोजित 9वीं छत्तीसगढ़ राज्य स्तरीय विकलांग तैराकी प्रतियोगिता के उद्घाटन अवसर पर संबोधित कर रहे थे। दो दिवसीय तैराकी प्रतियोगिता में प्रदेश के विभिन्न जिलों से लगभग 450 निःशक्त खिलाड़ी भाग ले रहे हैं। जिसमें बालक-बालिका, सिनियर, जूनियर एवं सबजूनियर शामिल हैं।
संभागायुक्त बोरा ने प्रतियोगिता में भाग ले रहे खिलाडि़यों को संबोधित करते हुए कहा कि अथक परिश्रम कर इस मुकाम तक पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि सीमित बच्चों से प्रारंभ की गई इस तैराकी प्रतियोगिता में आज 400 से अधिक खिलाड़ी भाग ले रहे हैं। इसके बाद ये खिलाड़ी अखिल भारतीय प्रतियोगिता में भाग लेंगे। उन्होंने उत्कृष्ट खेल प्रदर्शन करने के लिए खिलाडि़यों को अपनी शुभकामनाएं दी।
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वोरा ने कहा कि खेल भावना के साथ अपना खेल प्रदर्शन करें…खेल प्रतियोगिता में भाग लेना ही जीतना है। उन्होंने कहा कि निःशक्तजनों के कार्यक्रमों में आकर मैं कुछ न कुछ लेकर जाता हूं। उनमें जीवन जीने का जो जज्बा है, उससे सीखता हूं। बोरा ने निःशक्तजनों के अभिभावकों को भी धन्यवाद देते हुए कहा कि उनके कारण ही ये बच्चे पूरे जज्बा के साथ इस मुकाम तक पहुंचे हैं।
इस मौके पर संभागायुक्त ने 9वीं छत्तीसगढ़ राज्य स्तरीय विकलांगता तैराकी प्रतियोगिता 2015 की शुभारंभ करने के लिए विधिवत् घोषणा की। कार्यक्रम में जिला विकलांग तैराकी संघ के संरक्षक अजीत सिंह भोगल ने भी खिलाडि़यों के बेहतर प्रदर्शन के लिए अपनी शुभकामनाएं दी। प्रतियोगिता में आयोजन समिति के कार्यकारिणी सदस्य, राज्य एवं जिला तैराकी संघ के पदाधिकारी, विभिन्न जिलों से आये कोच और खिलाड़ी मौजूद थे।