बिलासपुर। सूखे की स्थिति का आकंलन करने के लिए आज भारत सरकार द्वारा नियुक्त चार सदस्यीय केन्द्रीय दल के अधिकारियों ने बिलासपुर जिले के मरवाही तहसील के चना डोंगरी, तेन्दुमुड़ा एवं बरौर का दौरा कर फसलों की स्थिति का जायजा लिया। इसके साथ ही उन्होंने अवर्षा के कारण फसलों को भी नुकसान के बारे में किसानों से चर्चा कर विस्तार से जानकारी ली। साथ ही उन्होंने पेयजल, पशुचारा एवं निस्तार के लिए पानी की उपलब्धता के बारें भी ग्रामीणों से जानकारी ली। वरिष्ठ अनुसंधान अधिकारी नीति आयोग डाॅ. रामानंद के नेतृत्व में केन्द्रीय अध्ययन दल के वरिष्ठ आई.एस. अधिकारी आर.टूटेजा, भारतीय खाद्य निगम के महाप्रबंधक सी.पी. सहारन एवं वित्त विभाग के सहायक संचालक डी.के.मिश्रा ने मरवाही तहसील के विभिन्न ग्रामों में सूखे की स्थिति का जायजा लिया।
इस मौके पर संभागायुक्त सोनमणि बोरा, कलेक्टर अन्बलगन पी. एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे एवं संबंधित अधिकारी मौजूद थे।ग्राम चना डोंगरी पहुंचें। उक्त गांव में लगभग 200 घर है। सरपंच श्री भानुप्रताप ने बताया कि इस वर्ष अल्प वर्षा के कारण खरीफ फसलों को काफी नुकसान हुआ है। साथ ही पेयजल एवं पशुओं के लिए भी चारा-पानी की दिक्कत है। उन्होंने क्षेत्र में पर्याप्त रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए विशेष जोर दिया।
साथ ही उक्त गांव के तालाब को ट्यूबवेल के माध्यम से भरने के लिए कहा। ताकि ग्रामवासियों एवं मवेशियों के लिए निस्तार की सुविधा मिल सकें। गांव के ही सुनील कुमार ने कहा कि महात्मा गांधी रोजगार गांरटी में मजदूरी भुगतान विलंब से हो रहा है। इसलिए काम के बदले अनाज कार्यक्रम प्रारंभ करने के लिए आग्रह किया। इस मौके पर केन्द्रीय अध्ययन दल के डाॅ. रमानंद ने निगरानियों को केन्द्रीय अध्ययन दल के अधिकारियों ने सबसे पहले समझाईश देते हुए कहा कि वे सूखे का आकंलन करने के लिए आएं हैं। वे यहां के बारे में राज्य एवं केन्द्र सरकार को अवगत कराऐंगे। उन्होंने ग्रामीणों को प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि सिंचाई सुविधा को बढ़ावा दें। ताकि क्षेत्र में डबल फसल लें सकें। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था स्थाई ही रहेगा। डाॅ. रामानंद ने क्षेत्र में ट्यूबवेह, ड्रिपएरीगेशन, नहर एवं तालाब निर्माण, स्टाप डेम इत्यादि के लिए विशेष जोर दिया। वे चनाडोंगरी के किसान विजय कुमार के खेतों में भी गए।
तत्पश्चात् केन्द्रीय अध्ययन दल ग्राम तेन्दुमुड़ा गए। इसके बाद ग्राम बरौर में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत् तालाब गहरीकरण कार्य का केन्द्रीय अध्ययन दल द्वारा निरीक्षण किया गया। यहां पर प्रतिदिन 200 से अधिक मजदूर कार्यरत है। उन्होंने सर्वश्री रघुनाथ, भरत सिंह, सुखराम, संतोष कुमार, बलराम, सुखनी बाई आदि मजदूरों से चर्चा की। यहां पर मजदूरों ने महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत् 150 दिन के लीमिट को खत्म करने के लिए मांग की। उन्होंने रोजगार गारंटी योजना के तहत् विलंब हो रहे मजदूरी भुगतान के संबंध में भी अवगत कराया। इसी तरह गांव के बसंत बाई ने पेंशन की मांग की। तत्पश्चात ग्राम बरौर में भी किसानों से चर्चा की गई। केन्द्रीय अध्ययन दल ने कहा कि क्षेत्र में धान का फसल प्रभावित हुआ है और जो भी बचा है, उसमें भी उत्पादन की उम्मीद कम है। उन्होंने मुआवजा भुगतान के संबंध में भी शासन को अवगत कराने की बात कही। आयोजित बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों से भी चर्चा की।
बैठक में संभागायुक्त श्री बोरा ने कहा कि महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना में मजदूरी भुगतान हेतु लंबित अवधि के लिए अधोसंरचना विकसित करें। उन्होंने पेयजल की समस्याएं दूर करने के लिए क्षेत्र के जितने भी हैण्डपंप में पाईप बढ़ाने की आवश्यकता है, उसे सूचीबद्ध करने लोकस्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन अभियंता को निर्देशित किया। कलेक्टर अन्बलगन पी. ने क्षेत्र में संचालित निर्माण कार्य, मजदूरों की संख्या, वर्षा की स्थिति, नजरी अनावरी रिपोर्ट, उत्पादन, पेयजल एवं सिंचाई सुविधा के संबंध में केन्द्रीय अध्ययन दल को अवगत कराया। यहां पर पूर्व विधायक पहलवान सिंह मरावी ने क्षेत्र में आदमियों के साथ जंगली केन्द्रीय अध्ययन दल ने विकासखण्ड मुख्यालय मरवाही जानवरों के लिए भी पेयजल सुविधा मुहैय्या कराने के लिए ध्यान बैठक में संयुक्त संचालक कृषि पद्म, पशुपालन विभाग के डाॅ. धु्रव, सीएमओ डाॅ. सक्सेना, अपर कलेक्टर श्री सोरी, एसडीएम ओ.पी. वर्मा एवं विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।