पढ़िए….. बिलासपुर नगर निगम महापौर के लिए किस नाम पर लगेगी कांग्रेस की मुहर…? कोटा के रिसार्ट पर सिमट गई सियासत….

Chief Editor
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बिलासपुर । नगर निगम महापौर के चुनाव को लेकर राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं । चुनाव के लिए अब बहुत अधिक वक्त नहीं बचा है। पार्षदों की संख्या के हिसाब से बिलासपुर नगर निगम में कांग्रेसका महापौर बनना करीब तय है । इसे लेकर रायशुमारी और बैठकों का सिलसिला तेज हो गया है । कांग्रेस के करीब सभी पार्षद कोटा के एक रिसॉर्ट में इकट्ठा किए गए हैं । जहां सभी बड़े नेता भी पहुंच चुके हैं। लेकिन जो संकेत मिल रहे हैं ,उससे लगता है कि शनिवार को महापौर चुनाव के ठीक पहले आखरी समय में ही कांग्रेस के महापौर उम्मीदवार का नाम सामने आ सकेगा ।

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जैसा कि मालूम है की बिलासपुर नगर निगम महापौर का चुनाव 4 जनवरी शनिवार को स्वर्गीय लखीराम अग्रवाल ऑडिटोरियम में होगा। इसके लिए निर्वाचित पार्षदों का पहला सम्मेलन बुलाया गया है । इसकी तैयारियां अंतिम चरण में है। इधर महापौर के चुनाव को लेकर कांग्रेस में गतिविधियां तेज हो गई हैं । वैसे संख्या बल के हिसाब से बिलासपुर नगर निगम में कांग्रेस का महापौर बनना तय है । लेकिन चुनाव के 1 दिन पहले शुक्रवार की शाम तक यह साफ नहीं है कि महापौर कौन होगा । शुक्रवार को इस सिलसिले में मंथन चलता रहा। हालांकि शुक्रवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बिलासपुर दौरे पर लोगों की निगाहें टिकीं थीं। वे वरिष्ठ नेता शेख गफ़्फ़ार के श्रद्धांजलि कार्यक्रम में शामिल होने वाले थे । लोग मान रहे थे कि शायद इस कार्यक्रम के दौरान महापौर उम्मीदवार के नाम पर कोई इशारा मिल ज़ाएगा। लेकिन आखिरी वक़्त पर दौरा टलने की वज़ह से लोगों को निराशा हाथ लगी।

उधर बिलासपुर नगर निगम के कांग्रेस के चुनाव प्रभारी पूर्व मंत्री धनेंद्र साहू दोपहर में रायपुर से बिलासपुर पहुंचे । छत्तीसगढ़ भवन में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि राय – मशविरा और रायशुमारी का काम चल रहा है। इस सिलसिले में उनका कहना था कि पार्टी की अपनी एक प्रक्रिया है। जिसमें संगठन के पदाधिकारी, विधायक, पार्षद सभी से अलग-अलग और सामूहिक रूप से चर्चा की जाती है। इस चर्चा में उपयुक्त प्रत्याशी का जो भी नाम सामने आएगा, उससे हाईकमान को अवगत कराया जाएगा और हाईकमान ही इस पर फैसला करेगा। महापौर पद के लिए मापदंड के सवाल पर वे कहते हैं कि यह सब हाईकमान को फैसला करना है। यह पूछे जाने पर कि पार्षदों को रिसॉर्ट ले जाने की जरूरत क्यों पड़ रही है ……. क्या क्रॉस वोटिंग का खतरा है..? इस पर धनेंद्र साहू ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है सभी पार्षद अपने घरों में हैं । जिन से चर्चा की जा रही है।

बाद में धनेंद्र साहू खुद भी कोटा के उस अनाया रिसॉर्ट के लिए रवाना हो गए, जहां कांग्रेसी पार्षदों को रखे जाने की खबर है । सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस के 22 पार्षद पहले से ही वहां थे और 14 अन्य पार्षद दोपहर बाद धीरे- धीरे कर वहां पहुंच गए। रिसोर्ट में पार्षदों के साथ बातचीत चल रही है ।हालांकि अब तक बिलासपुर की सियासी फिजा में महापौर पद के लिए शेख नजरुद्दीन, रामशरण यादव , रविंद्र सिंह ,राजेश शुक्ला और विजय केशरवानी के नाम चर्चा में हैं । इस दौरान कभी किसी नाम को दौड़ में सबसे आगे बता दिया जा़ता है और समर्थक किसी एक नाम पर मुहर लगने का दावा भी करते हैं। इस तरह के दावों पर भरोसा करें तो शेख नजरुद्दीन के नाम पर मुहर लग सकती है। दूसरे विकल्प के रूप में रामशरण यादव का नाम आगे चल रहा है। लेकिन कांग्रेस की रवायत के मुताबिक यही नजर आ रहा है कि महापौर उम्मीदवार का नाम शनिवार को चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने के ठीक पहले ही सामने आ सकता है । जिसमें स्वाभाविक रूप से अब तक चर्चा में शामिल रहे दावेदारों में से किसी एक नाम पर मुहर लगेगी । महापौर चुनाव ठीक एक दिन पहले कांग्रेस की सियासत कोटा के रिसार्ट में भले ही सिमट गई है। लेकिन फैसला हाईकमान की तरफ से ही आएगा । ज़ाहिर सी बात है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मुहर लगने के बाद ही महापौर का नाम सामने आएगा। लिहाज़ा रिसार्ट की बज़ाय रायपुर की ओर सभी ताक़ रहे हैं।

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