पंचायत विभाग ने जारी किया एरियर्स को लेकर आदेश..शिक्षाकर्मियों को उम्मीद..इस बार हो जाएगा भुगतान

Shri Mi
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बिलासपुर।तीन जनवरी को पंचायत संचनालय से  एरियर्स को लेकर जारी हुए आदेश से शिक्षको में आस भर दी है। लेकिन यह आदेश राजधानी एक्प्रेस जैसा है। जैसे यह रेलगाड़ी कई सामान्य व महत्वपूर्ण स्टेशनों में नही रुकती है। ठीक उसी तरह यह आदेश भी कुछ ऐसा ही है। आदेश में  एरियर्स के कई बिंदुओं को छोड़ दिया गया है आदेश के अनुसार तीन दिवस के भीतर लेखा अधिकारी  8 साल की सेवा पूर्ण कर चुके शिक्षक पंचायत जिनका पुनरीक्षित वेतनमान का एरियर्स लंबित है प्रपत्र में  भर कर  हर शिक्षक के  गणना पत्रक के साथ स्वयं उपस्थित होंगे। जारी हुए आदेश में कई पेंच है।सीजीवालडॉटकॉम न्यूज़ के व्हाट्सएप् से जुडने के लिए यहाँ क्लिक कीजिये

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प्रपत्र में पुनरीक्षित वेतनमान में लंबित वेतन राशी का जिक्र है। समयमान वेतनमान,निम्न से उच्च पद, समय समय पर दिए जाने वाले महंगाई भत्ते, मेडिकल अवकास जैसे  कई अन्य एरियर्स का उल्लेख नही है।… ब्लॉक व जिला शिक्षा अधिकारी के ऑफिस ने कितने शिक्षको के बकाया का गणना पत्रक जिला पंचायत कार्यालय में  जमा किया है ..?  ऐसे कई पेंच फ़सने वाले है। शुक्रवार को आदेश जारी हुआ है…रविवार की रात को लेखा अधिकारी दस्तावेजो साथ रायपुर की ओर प्रस्थान करने वाले है। जिससे शनिवार को प्रदेश के सभी ब्लाक शिक्षा अधिकारी कार्यलयों में जमघट लगना तय है। 

शिक्षा कर्मीयो ने ..जब तक साँस तब तक आस.. इस लोकोक्ति को जीवन मे उतारना शुरू कर दिया है। शिक्षको को उम्मीद है कि बचा हुआ एरियर्स आज नही तो कल मिल जायेगा.. कई शिक्षक इसे बिना ब्याज की बचत मान कर चल रहे है। शिक्षको के हक की कमाई कागजी कार्यवाहियों में कैद है। आठ वर्ष की सेवा पूर्ण किये संविलियन हुए शिक्षको को दो साल से अधिक हो चुके है। और धीरे धीरे बाकि के शिक्षको का संविलियन होते जा रहा है।  उनके हक की कमाई एरियर्स पर पंचायत विभाग और स्कूल शिक्षा विभाग कुंडली मार के बैठे हुए है। और आदेश निर्देश भी आधे अधूरे जारी कर रहा है।

शिक्षको का एरियर्स  ऐसा मुद्दा है जिसमे कई ढोल में पोल है। एरियर्स देने को लेकर अब तक कई बार विभागीय पत्राचार हो चुके है। जिले स्तर पर कई बार भुगतान के सम्बंध में जानकारी मांगी जा चुकी है। पर अब तक  कुछ नही हुआ। तीन जनवरी को पंचायत संचनालय से  जारी हुए आदेश भी पिछले आदेशो जैसा ही लगता है।

शिक्षक नेता जब एरियर्स के मुद्दे पर वरिष्ठ अधिकारियों से मिलते है। तो जवाब सकारात्मक ही मिलता है। पर इस दिशा में कार्य नकारात्मक हो जाता है। एरियर्स पर आदेश निर्देश फाइलों में दब कर रह जाते है।शिक्षको के बकाए एरियर्स मामला आर्थिक है.. क्या  राज्य पर आर्थिक बोझ है ..? इस लिये तो नही इस विषय को टरकाया जा रहा है। ये सवाल गंभीर है। 

ऐसा नही है कि वर्तमान  राज्य सरकार ही  इसे देने में आनाकानी कर रही है।  पूर्व की सरकार ने भी शिक्षको के एरियर्स को सालो से लटकाए रखा है। शिक्षको का बचा हुआ एरियर्स पूर्व सरकार के कार्यालय की ही देन है, जो प्रति शिक्षक हजारों से लाखो  तक पहुंच गई है।  पूरे प्रदेश के शिक्षको के समयमान वेतनमान की अंतर राशी, समतुल्य वेतनमान, सालाना वेतनवृद्धि, मंहगाई भत्ते, निम्न से उच्च पद पर गए शिक्षको के एक या दो महीने की वेतनमान की अंतर राशी सहित कई भत्तों की अंतर राशी शेष है। जो लाखो से अब करोड़ो तक सरकार के पास जमा है। 

ऐसा नही है कि प्रदेश में एरियर्स मिला ही नही है। जानकारी के अनुसार प्रदेश के सभी जिलों के ब्लॉक कार्यलयों से यह जारी हुआ जारी हुआ है।  कई जगहों पर पांच से दस प्रतिशत कमीशन के ऐवज में यह जारी किया गया है। पूर्व सरकार के कार्यकाल के दौरान संविलियन से एक माह पूर्व दस से बीस प्रतिशत कमीशन पर धड़धले से जारी किया है। 

एरियर्स से वंचित शिक्षक बताते है कि अपने हक की कमाई पर बीस प्रतिशत का कमीशन देना स्वीकार नही था इसलिए लिए उनका एरियर्स निकल नही पाया है। हम अब भी दस्तावेजों के साथ अपने पैसे के लिए विभाग के चक्कर लगा रहे है। एरियर्स के पर विभाग के रवैये की वजह से कई शिक्षको ने न्यायलय तक कि शरण लेनी पढ़ी है। औऱ न्यायालय  शासन को  अपीलीय पक्ष को पुनरीक्षित वेतनमान के अंतर की राशि एरियर्स देने के निर्देश दिए है।

छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोशिएशन के प्रांताध्यक्ष संजय शर्मा  ने बताया कि हमने तीन बार शिक्षको के एरियर्स पर विभागीय स्तर पर पत्राचार किया था। 22 व 23 मई को ब्लाक,जिला, संभाग और राज्य स्तर पर शिक्षको की समस्याओं को लेकर ज्ञापन सौपा था जिसमे  एरियर्स भी प्रमुख मुद्दा था। इसके निराकरण के लिए विभागीय स्तर पर आदेश जारी हुए थे । तीन जनवरी को पंचायत संचनालय से जारी हुए आदेश से उमीद है कि इस दिशा में अब ठोस कदम उठाए जाएंगे। लेकिन यह आदेश अधूरा है कई विषयों को शामिल नही किया गया है।

शिक्षक नेता विकास राजपूत का कहना कि मेरा भी एरियर्स बकाया है। यह पूर्व की सरकार और वर्तमान सरकार की उदासीनता है। कई बार इस विषय को उठाया गया है।मामला अधिकारीयो की टेबल में लटका हुआ है।  शुक्रवार को  एरियर्स को लेकर जारी हुए आदेश पर राज्य स्तर पर निराकरण जल्द नही हुआ तो मजबूरन कठिन निर्णय लेना पड़ेगा।

शिक्षक नेता प्रदीप पाण्डेय का कहना है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि शिक्षाकर्मी हमेशा प्रताणित ही होता रहा है।हमारे वेतन के अंतर राशि के लिए भी हमें बार – बार घुमाया जाता है।आज भी हमारे साथियों के हजारों लाखों रुपए सरकार के पास जमा है हम बार – बार ज्ञापन देते हैं अधिकारियों के द्वारा जल्द निराकरण का आश्वासन तो देते हैं किन्तु एरियर्स नहीं देते।

इस मामले पर संयुक्त शिक्षा कर्मी संघ  सुरजपुर के जिला अध्यक्ष सचिन त्रिपाठी का कहना है कि पंचायत संवर्ग में कृत सेवा के एरियर्स भुगतान/आबंटन हेतु पूर्व में भी पत्र जारी किए गए थे परंतु वो महज खानापूर्ति बन कर रह गए। देखना यह है कि अब संचालनाय द्वारा जारी एरियर्स गड़ना के इस दिशा निर्देश का क्रियान्वयन कितनी मुस्तैदी से किया जाता है।

By Shri Mi
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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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