बिलासपुर–– निगम चुनाव हो चुका है। उम्मीद से कम लेकिन बहुमत के साथ कांग्रेस की जीत हुई है। करीब तीस साल बाद बहुमत के साथ कांग्रेस की निगम सरकार बनना भी निश्चित हो गया है।बताते चलें कि इसके पहले भी कांग्रेस की निगम सरकार बनी थी। लेकिन स्थिति आधा तीतर आधा बटेर जैसी थी। लेकिन बहुमत के साथ ही हारे हुए कांग्रेसी पार्षदों की पीड़ा भी सामने आने लगी है। बोलर की तरफ से सीएम से शिकायत के बाद अब कई चेहरे खुलकर अपना दर्द बताना शुरू कर दिया है।
हारे हुए प्रत्याशियों का दिखने लगा दर्द
बिलासपुर निगम में कांग्रेस सरकार बनाने की कवायद तेज हो गयी है। इसी के साथ हारे हुए कांग्रेसियों का दर्द भी छलकना शुरू हो गया है। सीएम से शिकायत के बाद अब कई हारे हुए कांग्रेसी खुलकर बताना शुरू कर दिया है कि उनकी हार की वजह भितरघात है। लोगों ने या तो बाहर से भितरघात का खेल खेला। या फिर अपने वार्ड में चुनाव लड़ते हुए दुसरे वार्ड के प्रत्याशियों को हराने का षड़यंत्र रचा। बात यह भी सामने आयी है कि कई लोगों ने सिर्फ अपने को सुरक्षित रखने दूसरे वार्ड के समकक्ष प्रत्याशी को हराने का कोई अवसर नहीं छोड़ा।
जब बड़े नेता ने कहा..हराने के लिए क्या उसका ही समर्थक मिला
सूत्रों की माने तो चुनाव के दौरान एक बड़े कांग्रेस पार्षद प्रत्याशी ने रेस में बने रहने के लिए दूसरे प्रत्याशी को हराने का काम किया है। इसका प्रमाण भी हारे हुए प्रत्याशी ने रखा है। हारे रहुए कांग्रेस प्रत्याशी ने मामले की शिकायत ऊपर तक करने का मन बनाया है। इसके अलावा एक पुराने पार्षद ने आरोप लगाया है कि पार्टी के ही एक बड़े नेता ने उसे हराने के लिए विपक्ष से हाथ मिलाया है। एक अन्य प्रत्याशी की हार पर रायपुर के एक बड़े नेता ने जिम्मेदार नेता को कहना पड़ा कि हराने के लिए क्या उसका ही समर्थक मिला। बताया जा रहा है कि बड़े नेता ने इसकी शिकायत संगठन से करने का फैसला किया है।
भितरघातियों की लम्बी सूची
जानकारी यह भी मिल रही है कि इसके अलावा आधा दर्जन लोग पहले भी जिला से लेकर राज्य स्तर के नेताओं को भितरघातियों की सूची को थमा दिया है। भितरघातियों में ऐसे भी चेहरे हैं जिसकी कल्पना करना मुश्किल है। सीजी वाल के हाथ ऐसे नेताओं की सूची हाथ लगी है। जिसका समय पर खुलासा किया जाएगा।
सूत्र ने बताया कि पीसीसी तक जानकारी पहुंच चुकी है कि कुछ प्रत्याशियों ने सिर्फ मेयर रेस में बने रहने के लिए दूसरे प्रत्याशी के खिलाफ गड्ठा खोदा है। हारे हुए प्रत्याशी ने फिलहाल चुप्पी साध रखी है। बताया जा रहा है कि षड़यंत्र रचने वाले की जल्द ही लिखित शिकायत की जाएगी।
षड़यंत्र रचने वालों पर होगी कार्रवाई..किसी को चेतावनी
सूत्र ने बताया कि चुनाव के समय संगठन को भरोसा था कि कांग्रेस पार्टी को कम से कम 50 से वार्ड पार्षद मिलेंगे। लेकिन बागी कांग्रेसियों को मिलाकर कुल 38 पार्षद ही मिले। इस बात को लेकर संगठन में चर्चा चल रही है कि आखिर अप्रत्याशित परिणाम क्यों आया। जानकारी के अनुसार फिलहाल बड़े नामों को संगठन की तरफ से चेतावनी दी जाएगी। लेकिन अन्य भितरघातियों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। जानकारी यह भी मिल रही है कि यदि बड़े चेहरे वाले भितरघात यदि पद पर हैं तो उन्हें हटाया भी जा सकता है।