डॉ.रमन ने कहा..कांग्रेस ने फैलाया भ्रम..देश धर्मशाला नहीं..बाहरी आए और जम जाए..सत्ता का दुरूपयोग किया निगम पर कब्जा

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—- देश का विभाजन धार्मिक आधार पर हुआ। सवाल उठना है कि आखिर देश को सीएए और एनआरसी की जरूरत क्यों हुई। विभाजन के समय पाकिस्तान में अल्पसंख्यक की संख्या पर्याप्त थी। धीरे संख्या घटकर बहुत ही नींचे आ गयी। इसकी मुख्य वजह पाकिस्तान और बंग्लादेश में अल्पसंख्यक या तो मुसलमान बन गए या फिर पलायन कर गए। जबकि हिन्दुस्तान में अल्पसंख्यकों की आबादी बढ़ी है। जाहिर सी बात है कि भारत मेंअल्पसंख्यक सुरक्षित हैं। लेकिन पाकिस्तान और बंग्लादेश,अफगानिस्तान में अल्पसंख्यों के साथ बहुत ज्यादती हो रही है। इसलिए सीएए की जरूरत पडी है। इससे देश के किसी भी नागरिक के साथ अन्याय नहीं होगा। लेकिन कांग्रेस पार्टी ने खिलाफ में माहौल बनाकर में अराजकता का माहौल बना दिया है। यह बातें पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह ने पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान कही।

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                       पूर्व सीएम रमन सिंह ने बताया कि आजादी के समय भारत में मुस्लिम आबादी 7 प्रतिशत थी। 13 प्रतिशत बढ़ गयी है। जबकि पाकिस्ता में हिन्दुओं की आबादी 23 प्रतिशत थी। घटकर 3.7 प्रतिशत हो गयी है। सवाल उठता है कि आखिर पाकिस्तान के अल्पसंख्यक गए कहां। या तो उनका धर्मांतरण किया गया है। या फिर पलायन कर कहीं चले गए है। यह सोचनीय विषय है। कारण जानना जरूरी है। पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ अत्याचार हो रहा है। पहले भी अल्पसंख्यकों के अत्याचार होता रहा। नेहरू और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने 1950 में समझौता किया था कि अल्पसंख्यकों का संरक्षण किया जाएगा। लेकिन पाकिस्तान ने समझौते का पालन नहीं किया। जबकि हिन्दुस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव नहीं किया गया । बंग्लादेश में भी यही हुआ। महात्मा गांधी ने भी कहा है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ अन्याय होने पर भारत सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि उनका ध्यान रखे। खुद मनमोहन सिंह ने साल 2003 में तात्कालीन गृहमंत्री आडवाणी से कहा था कि शरणार्थियों को नागरिकता दी जाए।

             सवाल जवाब के दौरान डॉ.रमन सिंह ने कहा कि एनआरसी और सीएए दो अलग अलग मामला है। उन्होने कहा कि एनआरसी आसाम के लिए 1971 में लाया गया। यह कानून क्षेत्रीय अंसतुलन के लेकर आया था। यहां असमी और बंग्ला भाषाइयों के लेकर लाया गया था। बाद में राजीव गांधी ने इस पर काम किया। बाद में मनमोहन सिह भी समझौता करते हैं। फिर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अंतिम आदेश तैयार होता है। दरअसल एनआरसी घुसपैठियों के खिलाफ लाया गया है। ना की शरणार्थियों के खिलाफ।

             एक सवाल के जवाब में डॉ.रमन सिंह ने बताया कि कांग्रेस पार्टी सीएए के खिलाफ दुष्प्रचार कर रही है। दरअसल सीएए लाने का मुख्य मकसद यही है कि पाकिस्तान से मजबूरी में भागकर आए अल्पसंख्यकों को नागरिकता ही देना है। यदि इन अल्पसंख्यकों भारत नागरिकता नहीं देगा तो कौन  देगा।

                क्या एनपीए और एनआरसी अल्पसंख्यकों के खिलाफ पहला चरण है। रमन सिंह ने कहा इस गलतफहमी से दुूर रहें। ऐसा कुछ नहीं है। दरअसल एनआरसी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आसाम के लिए लाया गया। नागरिकों को रजिस्टर्ड करने का काम है। रमन सिंह ने कहा कि नागरिकता की एक प्रक्रिया होती है। उसका पालन करना होगा। सवाल उठता है कि क्या यह देश धर्मशाला है। कहीं से कोई घुसपैठ कर आए और नागरिक बन जाएगा। अमेरिका,कनाड़ा,युरोप की नागरिकता क्या घुसपैठ के बाद मिल जाएगी। देश की नागरिकता 1955 के अनुसार ही मिलेगा। नागरिकता में अब 10 धन 1 की जगह पांच धन का फार्मुला लाया गया है।

               सीएए का कांग्रेस विरोध का क्या कारण है। सवाल के जवाब में रमन ने कहा कि दरअसल कांग्रेस का अस्तित्व देश में समाप्त हो गया है। अपने वजूद को बचाने के लिए ऐसे मुद्दे को लेकर जनता को भड़का रही है कांग्रेस।

              अल्पसंख्यकों में यह बात धीरे धीरे घर करते जा रही है कि आप लोग हिन्दू एजेन्डा को लागू करना चाह रहे है। यदि यह गलत है तो इसे कैसे दूर करेंग। रमन सिंह ने बताया कि भारत में धर्म के आधार पर राजनीति नहीं होती है। पाकिस्तान में होता है। आजादी के बाद पाकिस्तान ने अपने को इस्लामिक देश बना लिया। भारत ने धर्मनिरपेक्ष और पंथनिरपेक्ष का रास्ता चुना। आज भी यह लागू है। यहां सभी धर्मों के लोगों को अपनी तरह से उपासना और रहने का अधिकार है। जबकि पाकिस्तान में ऐसा नहीं है। वहां तो अल्पसंख्यक अपनी रीति नीति से शादी भी नहीं कर सकते है। जबकि हिन्दुस्तान में सभी को अपने धर्म और संस्कृति के अनुसार जीने का अधिकार है। 

             एक सवाल पर रमन सिंह ने कहा कि किसी भी भारतीय मुसलमान को नागरिकता बताने की जरूरत नहीं है। यह भ्रम कांग्रेस ने फैलाया है। 130 करोड़ भारतीयों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। सीएए लाने का मूल उद्देश्य पाकिस्तान, बंग्लादेश अफगानिस्तान के अल्पसंख्यकों को न्याय देना है। जो 1947 के बाद वही रहे। और आज मजबूरी की जिन्दगी जी रहे है। यदि नागरिकता मांगते हैं तो शर्तों के साथ उन्हें भारत की नागरिकता दी जाएगी। रमन सिंह ने बताया कि यह भ्रम है कि देश में बाहरी लोगों के लिए डिटेंशन सेन्टर बनाया गया है।

              रमन सिंह ने इंकार किया कि हम वोट बैंक की राजनीति कर रहे है। दरअसल वोट बैंक की राजनीति कांग्रेसी कर रहे है। तीन तलाक, 370 और बाबरी मस्जिद का मसला आसानी से निपट गया। कांग्रेस को मौका नहीं मिला। अब सीएए के बहाने वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं।

                क्या छत्तीसगढ़ में एनआरसी से बड़ा मुद्दा है। रमन सिंह ने कहा यहां धान खरीदी का सबसे बड़ा मुद्दा है। किसान त्राहि त्राहि कर रहे हैं। किसानों को बोनस नहीं मिला। एमआरपी भी नहीं दिया जा रहा है। दरअसल धान खरीदी राष्ट्रीय मुद्दा है।

             क्या संगठन में मुद्दा है या नहीं कि निकाय चुनाव में करारी हार हुई है। हार की वजह क्या है। रमन ने बताया कि कोई मुद्दा नहीं है। चुनाव में  पार्षदों की संख्या में बहुत ज्यादा अन्तर नहीं है। सौ पचास का फर्क बहुत बड़ी बात नहीं है। सत्ता का दुरपयोग कर निगम पर कब्जा कर रहे है।                  

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