नई दिल्ली- 7th Pay Commission News: सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है. दरअसल राज्य के कर्मचारियों का यात्रा भत्ता 50 प्रतिशत से 100 प्रतिशत बढ़ाया जा सकता है. रिपोर्ट्स की मानें तो 1, 2012 के बाद पहली बार राज्य कर्मचारियों का यात्रा भत्ता बढ़ाया जाएगा. यात्रा भत्ते में हुई बढ़ोतरी के बाद राज्य कर्मचारियों को इसका लाभ मिलने लगेगा. यात्रा भत्ते से जुड़ी अधिक जानकारी कर्मचारी अपने ऑफिस से प्राप्त कर सकेंगे. ऑफिस द्वारा उनकी पूरी मदद की जाएगी. सीजीवालडॉटकॉम न्यूज़ के व्हाट्सएप् से जुडने के लिए यहाँ क्लिक कीजिये
Join Whatsapp Group | यहाँ क्लिक करे |
7वें वेतनआयोग के अनुसार राज्य सरकार यात्रा भत्ते में बढ़ोतरी कें लिए 20 करोड़ रुपये का बजट भी आवंटन कर चुका है. जिसका लाभ राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के कर्मचारियों को मिलेगा. अधिक जानकारी अभ्यर्थी विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर प्राप्त कर सकते हैं. हालांकि इसके दायरें में कितने लाख या करोड़ कर्मचारी आएंगे इसको लेकर विभाग द्वारा अभी तक कोई डाटा नहीं जारी किया गया है.
लेकिन 7वें वेतन आयोग की एक रिपोर्ट्स की मानें तो यात्रा भत्ते में बढ़ोतरी का लाभ 1 लाख 50 हजार से ज्यादा कर्मचारियों को मिलेगा. ये 1 लाख 50 हजार कर्मचारी राज्य के विभिन्न सरकारी विभागों से होंगे. बढ़ा हुआ यात्रा राज्य कर्मचारियों के एरियर के साथ दिया जाएगा.
हालांकि केंद्र सरकार द्वारा अभी तक केंद्रीय कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन और भत्ते में बढ़ोतरी को लेकर कोई ऐलान नहीं किया गया है. आपको बता दें कि केंद्रीय कर्मचारी पिछले कई वर्षो से अपनी न्यूनतम सैलरी में बढ़ोतरी के लिए मांग कर रहे हैं. लेकिन केंद्र सरकार अभी तक इस पर स्टैंड नहीं लिया है.
- विधायक आशाराम ने BJP कार्यकर्ताओं के साथ देखी फिल्म स्वतंत्र्य वीर सावरकर
- ED ने Arvind Kejariwal की आगे की हिरासत की मांगी, कहा – जब 9 समनों पर पेश नहीं हुए, तब….
- Election Duty: चुनाव ड्यूटी को लेकर CG कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को लिखा पत्र
- Watermelon Soup Receipe: गर्मी में पेट को फिट रखेगा तरबूज का मसालेदार सूप, स्वाद में है लाजवाब
- Lauki Juice Receipe: लौकी जूस बनाएगा दिल को हेल्दी, पेट की बीमारियां रहेंगी दूर
पहले खबरे आ रही थीं कि केंद्र सरकार केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन और भत्ते में बढ़ोतरी 2019 लेकसभा चुनाव से पहले कर सकता है, लेकिन चुनाव के बाद भी इस मुद्दें को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है.