अब तो अपने से घृणा होने लगी.. कोटवारों ने पूछा..आखिर कब तक सहेंगे भेदभाव

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— कोटवारों के संगठन ने आज जिला प्रशासन के सामने अपना दर्द जाहिर किया। भेदभाव के चलते उन्हें अपने आप से और अपने पेशे से घृणा होने लगी है। आखिर भेदभाव कब खत्म होगा। राजस्व विभाग के कोटवारों को चुनाव में मानदेय दिया जाता है। लेकिन उन लोगों को मानदेय देना तो दूर…ठीक से व्यवहार भी नहीं किया जाता है। 

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                  कोटवार संघ सोमवार को जिला कार्यालय पहुंचकर अपनी पीड़ा को जाहिर किया। कोटवारों ने बताया कि ग्राम कोटवारों से कमोबेश सभी काम करवाए जाते हैं। ऐसा कोई विभाग नही है जहां कोटवारों से काम नहीं लिया जाता हो। लेकिन राजस्व विभाग को छोड़कर अन्य विभोगा में कोटवारों से दोयम स्तर का व्यवहार किया जाता है। चुनाव के दौरान मानदेय और सहयोग राशि नहीं दी जाती है। इसके चलते कोटवार समूह अपने आप को हीन भावना से ग्रसित पाता है। 

                कोटवारों ने बताया कि निर्वाचन कार्य के दौरान कोटवारों ने निष्पक्षता के साथ काम किया।  चुनाव सामाग्री लाने ले जाने समेत शासन के अन्य निर्देशों का पालन ईमानदारी से किया। चुनाव में अन्य कर्मचारियों की तरह कोटवारो की ड्यूटी लगाई गयी। लेकिन अन्य कर्मचारियों समेत राजस्व विभाग के कोटवारों को मानदेय दिया गया। लेकिन हम लोगों को मानदेय देना हमेशा की तरह  शासन ने मुनासिब नहीं समझा। 

            कोटवारों ने कहा कि हम लोग अल्प वेतन जीवी है। घर परिवार चलाना मुश्किल होता है। हम लोग भी सम्मान की जिन्दगी चाहते हैं। बावजूद इसके हम गरीबों को मानदेय नहीं दिया गया। ऐेसा लगता है कि शासन जानबूझकर भेदभाव कर रहा है।

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