रायपुर।ठीक पंचायत चुनाव के बीच शिक्षा कर्मीयो के एरियर्स पर पंचायत विभाग का महत्वपूर्ण पत्र कागजी खाना पूर्ति दिखाई देता हुआ लग रहा है। तीन जनवरी को जारी हुए सयुक्त संचालक पंचायत के द्वारा एरियर्स पर मांगे गए डेटा बेस की विभाग से लेकर प्रदेश के 27 जिले और हर ब्लॉक की अपनी अपनी नई पुरानी कहानी है। और आधे अधूरे पत्र से शिक्षको के बीच नारजगी जग जाहिर है।शिक्षाकर्मी अपने जन्म काल से ही अपने हक के आर्थिक अधिकारों के लिए शोषित और वंचित रहा है।पंचायत विभाग में अधीन रहे शिक्षाकर्मी संविलियन के बाद विभाग से दूर हुए है, लेकिन पंचायत विभाग पर शिक्षको के देनदारी बाकि है। जिस पर विभाग की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में है।
पंचायत विभाग की शिक्षको के मामले पर की लेट लतीफी किसी से छुपी नहीं है। शुरू से ही वेतनमान हो या शिक्षको के बकाए एरियर्स के लिए पंचायत और स्कूल विभाग का गोल मोल रवैया रहा है। जो नई सरकार बनने के बाद भी बरकरार है। अब तो हालत ऐसे हो गए है कि शिक्षक संघों ज्ञापनों का असर भी विभाग में होता नही देता है।
पंचायत विभाग शिक्षा कर्मीयो के वेतन के लिए लगभग साल में छह से आठ बार वेतन आबंटन जारी किया जाता रहा है। कभी दो महीनों का कभी तीन महीनों का हर आदेश में हर बार विशेषकर यह लिखा होता था कि आबंटित राशि को वेतन के अलावा किसी अन्य मद में भुगतान नही किया जाना चाहिए.. यही वजह रही कि बकाए की राशि आम शिक्षको नही मिल पाती थी। लेकिन शिक्षा विभाग ले खास लोगो के लिए बजट की कमी कभी नही रही है। इनके एरियर्स बनते रहे ..!
छ ग सहायक शिक्षक फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष मनीष मिश्रा सहित प्रदेश उपाध्यक्ष शिव मिश्रा प्रदेश सचिव सुखनंदन यादव प्रदेश कोषाध्यक्ष अजय गुप्ता प्रदेश अनुशासन प्रभारी सीडी भट्ट अस्वनी कुर्रे प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष बलराम यादव प्रदेश प्रवक्ता बसन्त कौशिक विकास मानिकपुरी हुलेश चन्द्राकर प्रदेश महामंत्री कौशल अवस्थी दिलीप पटेल छोटे लाल साहू श्रीमती पिंकी शर्मा रवि लोहसिह चन्द्रप्रकाश तिवारी सहित पदाधिकारियो ने प्रेस नोट में कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री से शिक्षको के बकाए एरियर्स पर संज्ञान ले और इसे इसी बजट के पूर्व जारी किया जाय ।जिससे एरियर्स को लेकर आ रही समस्या का जल्द निवारण हो सके। जिससे शिक्षक संवर्ग के समयमान वेतनमान की अंतर राशी, समतुल्य वेतनमान, सालाना वेतनवृद्धि, मंहगाई भत्ते, मेडिकल अवकाश आदि बकाए की रकम शिक्षको के काम सके जो विगत कई सालो लटके हुए है।
छ ग सहायक शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष मनीष मिश्रा ने बातया कि वर्ग तीन वेतन के मामले में सबसे अधिक पीड़ित है। आचार सहिंता ख़त्म होने के बाद फेडरेशन वर्ग तीन की वेतन विसंगति को लेकर एक बड़े अभियान का आगाज करने वाला है। और एरियर्स का निदान नही हुआ तो इस मुद्दे को अधिकारियों और सरकार के समक्ष मजबूती से रखने वाले है।