बिलासपुर।नए साल के तीसरे दिन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के संयुक्त संचालक (वित्त) जे.पी. तिवारी के द्वारा एरियर्स को लेकर जारी हुए एक आदेश की वजह से प्रदेश में शिक्षा कर्मीयो के बीच एरियर्स को लेकर आशाएं और शंकाएं बढ़ गई है। आम शिक्षाकर्मी ब्लॉक कार्यलयों के चक्कर लगा रहे हैं, और ब्लाक से लेकर जिला स्तर के शिक्षक नेताओं को फोन पर या वाट्सएप में एरियर्स को लेकर जानकारी माँग रहे हैं। शिक्षकों के स्टाफ रूम में भी बकाया एरियर्स चर्चा का विषय बना हुआ है।सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करे
पंचायत विभाग में शिक्षा कर्मीयों के मामले में कार्यप्रणाली हर जिले में अलग अलग रही है ..! इसी वजह से एक ही वर्ग के एक ही दिन सेवा में नियुक्त समान सेवा शर्तों वाले कई शिक्षको के वेतनमान में 250 रुपये से 2500 रुपये या उससे अधिक का अंतर था…! पंचायत के शिक्षा खंड में इतना कार्य का दबाव इतना रहता था, कि आर्थिक लाभ के दुरुस्तीकरण का मामला टलता रहा। बीच बीच मे विभाग द्वारा ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालयों से जारी शिक्षको के बकाए की रकम का भुगतान का बिल भी जारी हुआ है। वीआईपी या घुस कल्चर वालों के आसानी से एरियर्स बनते रहे है।आम शिक्षको के लिए बजट का रोना रोया जाता रहा है…..!
पावती धरे शिक्षको के एरियर्स के आवेदन, गणना पत्रक, बैंक स्टेटमेंट दीमक खाते रहे। …..ब्लॉक कार्यलय के आवक जावक पंजी में दर्ज एरियर्स के आवेदनों पर क्या विचार हुआ है। यह चर्चा का विषय है।
शिक्षक स्कूल के बाद या बीच मे एरियर्स के लिए जिला पंचायत कार्यालय या ब्लॉक शिक्षा अधिकारी के कार्यलयों में जानकारी लेने पहुँचते तो तारीख दे दी जाती थी। ऊपर से जिला पंचायत व ब्लॉक कार्यलयों में शिक्षको के आने पर कई प्रकार की पाबंदी रहती थी। एरियर्स पर हर जिले हर ब्लॉक कार्यलयों की कहानी मिलती जुलती रही है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश के कुछ ब्लॉक कार्यलयों के संविलियन होने से एक महीने पूर्व करोड़ो रूपये के एरियर्स बने है। जिसमे कई शिक्षको ने पांच लाख तक का एरियर्स मिला है। वही सूत्रों का कहना है कि इसके एवज में दस प्रतिशत का कमीशन दिया गया है। यह विषय चर्चा से गायब है। नई सरकार ने इस ओर अब तक संज्ञान भी नही लिया है।
प्रदेश के ज्यादातर शिक्षक शासन से एरियर्स के रूप में अतिरिक्त या विशेष लाभ माँग को एरियर्स के रूप में देने की माँग नही कर रहे है। वे अपने अब तक के सेवा अवधि के दौरान शासन द्वारा समय समय पर जो
सभी शिक्षको के लिए आर्थिक लाभ दिए जाते रहे है। उससे कई शिक्षक वंचित रहे है। लंबित महंगाई भत्ते जो विभाग की कार्यप्रणाली की वजह से जुड़ नही पाए या उनकी गढ़ना नही की गई थी और , पुनरीक्षित वेतनमान, समयमान वेतनमान की अंतर राशी ,मेडिकल बिल आदि जो धन लाभ के कुछ शिक्षको को मिल गए कुछ को नही मिल पाए इसे अपने वेतन में एरियर्स के रूप में माँग रहे है।
सीजीवालडॉटकॉम को चर्चा में आम शिक्षको ने बताया कि एरियर्स को लेकर सबसे ज्यादा परेशान है संविलियन हुए शिक्षक है। विभाग बदलने से देनदार विभाग कन्नी काट रहा है।संविलियन ड्राफ्ट में शिक्षको के बकाया की रकम पर कोई स्पस्ट दिशा निर्देश होने की वजह से ऐसा हो रहा है। शिक्षको का कहना है कि पंचायत विभाग के पास भी कोई स्पस्ट जानकारी नही है कि कितने शिक्षको के वेतन भत्ते कब से बकाया है….?
और वतर्मान में सहायक संचालक द्वारा सभी जिला पंचायतो से माँगी गई जानकारी भी आधी अधूरी है। ऐसे में यदि जानकारी दी भी गई तो लाभ मिलना मुश्किल है। क्योंकि वतर्मान में संविलियन हुए और संविलियन से वंचित शिक्षको के लंबित महंगाई भत्ते , पुनरीक्षित वेतनमान, समयमान वेतनमान की अंतर राशी ,मेडिकल बिल आदि जो धन लाभ के मामले लंबित है।
सीजीवालडॉटकॉम की शिक्षक नेताओ से हुई चर्चा में यह बात भी सामने आई कि संविलियन के बाद बचे हुए शिक्षको को पंचायत विभाग द्वारा पिछले ढाई साल से अधिक समय से शासन द्वारा निर्धारित महंगाई भत्ता दिया ही नही गया है । एल्बी शिक्षको व अन्य नियमिय कर्मचारियों को महंगाई भत्ता मिल रहा है पर संविलियन से वंचित शिक्षक साथियों इससे दूर रखा गया है। शिक्षक संघ भी इसे लेकर प्रदेश के ब्लॉक से लेकर राज्य स्तर पर शासन के समक्ष मामले को रखा चुका है। यह भी एरियर्स के रूप दिया जाना है।
शिक्षको का कहना है कि बकाया एरियर्स शिक्षको के हक का पैसा है। वह आज नही तो कल सरकार को देना ही होगा। सरकार शिक्षको के साथ न्याय करे ..
कुछ शिक्षको का मानना है, कि प्रदेश में शासकीय कर्मचारियों को जो सुविधा मिल रही है उससे संविलियन हुए शिक्षक वंचित है…! शासन को बजट से पहले पूर्व सेवा की गणना कर एक ही पद में 10 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले शिक्षक (एल बी)को प्रथम 20 वर्ष में द्वितीय और 30 वर्ष में तृतीय क्रमोन्नत/समयमान वेतनमान के आधार पर उच्चतर वेतनमान में वेतन निर्धारित कर रिवाइज्ड एल पी सी जारी करने के बाद एरियर्स के भुगतान किया जाना चाहिए।