बिलासपुर– आम आदमी पार्टी ने आज कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर राजेन्द्र तिवारी आत्मदाह मामले में सिसोदिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। आप नेताओं ने बताया कि यदि सिसोदिया के खिलाफ पांच अक्टूबर की घटना के बाद यदि कार्रवाई हो जाती तो आज राजेन्द्र तिवारी हमसे दूर नहीं जाता । आप कार्यकर्ताओं ने बताया कि सेंवती के किसान जीवनलाल मनहर से जमानत के लिए अर्जुन सिसोदिया बीस हजार रूपए लिये थे। लेकिन जेल से बाहर निकलने के पहले ही जीवन ने अपनी जीवन लीला को खत्म कर लिया।
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आप नेता नीलोत्पल ने बताया कि जानकारी के अनुसार पांच अक्टूबर को जीवन लाल मनहर को 107-116 के जुर्म में जेल भेज दिया गया था। जबकि यह सामान्य सा मामला है इसे एसडीएम कोर्ट में ही खत्म हो जाना था लेकिन घूस नहीं मिलने के कारण सिसोदिया ने जीवन को जेल भेज दिया। उसके साथ मारपीट भी की। शुक्ला ने बताया कि जब जीवन के परिजन बीस हजार रूपए एसडीएम को दिए तो एसडीएम सिसोदिया ने दूसरे दिन जमानत के कागजात दिए। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। जीवन ने जेल में ही मर गया।
जसबीर चावला ने बताया कि यदि उसी समय सिसोदिया पर कार्रवाई हो जाती तो शायद राजेन्द्र आज हमारे बीच होता। चावला ने कहा कि राजेन्द्र तिवारी मरने से पहले मजिस्ट्रेट को जो वयान दिया है उसके अनुसार सिसोदिया ने उसे बहुत प्रताडित किया। उसने कई बार घूस लिया। जिससे तंग आकर वह आत्महत्या जैसा कदम उठाया है।
नीलोप्तल और जसबीर ने बताया कि शासन ने सिसोदिया को राजनैतिक दबाव में बचाया है। बताया जा रहा है कि राजपत्रित अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने से पहले अनुमति का होना जरूरी है। आप के दोनो नेताओं ने बताया कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के एक निर्णय के अनुसार धारा 197 तहत राजपत्रित अधिकारी को तभी मिल सकती है। जब उसे शासकीय काम के दौरान कुछ ऐसा कृत्य किया हो जो अपरिहार्य कारण बने। लेकिन राजेन्द्र तिवारी और जीवन लाल के साथ ऐसा कुछ नहीं हुआ। इसलिए सिसोदिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया जाए।
आप नेताओं ने कहा कि जब तक राजेन्द्र और जीवन को न्याय मिलता है तब तक वे लोग संघर्ष करते रहेंगे। इस दौरान आप नेताओं की पूरी टीम उपस्थित थी।