प्रमुख सचिव डॉ.शुक्ला ने बताया..बच्चों का CM करेंगे सम्मान..कलेक्टर से कहा..स्कूलों में DMF से करें इंटरनेट व्यवस्था

BHASKAR MISHRA
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कांकेर—–प्रमुख सचिव शिक्षा विभाग डॉक्टर आलोक शुक्ला ने कांकेर में  शिक्षकों और शिक्षा अधिकारियों  की बैठक लेकर शिक्षा गुणवत्ता को लेकर जरूरी दिशा निर्देश दिया है। डॉ आलोक शुक्ला  शिक्षा विभाग प्रमुख सचिव बनने के बाद पहली बैठक डाइट कांकेर में लिया । इस दौरान उन्होने जिले के शिक्षक ,शैक्षिक समन्वयक, खंड शिक्षा अधिकारी बीआरसी से शालाओं में होने वाले नवाचार कार्यो को लेकर विस्तार से चर्चा की।
 
         प्रमुख सचिव शिक्षा विभाग का पदभार लेने के बाद पहली बार डॉ. आलोक शुक्ला कांकेर पहुंचे। शिक्षा विभाग अधिकारियों के साथ बातचीत की। इस दौरान प्रमुख सचिव ने शिक्षा गुणवत्ता सुधार को लेकर विस्तार से चर्चा भी की।
 
          बैठक में खंड शिक्षा अधिकारी  चारामा ने नवाचार के तहत प्रातः प्रार्थना के समय सामान्य ज्ञान की जानकारी से लेकर प्रतिदिन होने वाले गतिविधियों को प्रमुख सचिव के सामने रखा। खण्ड शिक्षा अधिकारी ने बताया कि छात्रों के बीच नवोदय के लिए विशेष कोचिंग चलाए जा रहे है।
 
             संकुल केंद्र डुमाली कांकेर के समन्वयक हेमेंद्र साहसी ने बताया कि कांकेर के विकासखंड में नवाचार योजना के तहत छात्रों को विभिन्न प्रकार की क्रिएटीविटी से जोड़ा जाता है। छात्रों को कबाड़ से जुगाड़ टीएलएम  सामग्री निर्माण, प्रिंट रिच वातावरण और जिला कलेक्टर  के निर्देशानुसार  माह के अंतिम शुक्रवार को  पालक बालक सम्मेलन का आयोजन किया जाता है।  लर्निंग आउटकम अनुसार गुणवत्ता की जांच कर कमजोर बच्चों का स्तर सुधारने का प्रयास किया जाता है। इसके अलावा  अंग्रेजी माध्यम की शालाओं  की तरह शासकीय स्कूलों में भी टाई बेल्ट जूते की व्यवस्था की गयी है। हेमेन्द्र साहसी ने बताया कि अब निजी शालाओं के छात्र छात्राओ को भी शासकीय शाला में प्रवेश दिया गया है।  इस दौरान अन्य शिक्षकों ने भी नवाचार से जुड़ी तमाम जानकारियों को डॉ.अशोक शुक्ला के सामने रखा।
 
                    बैठक में डॉ आलोक शुक्ला ने बताया कि मुख्यमंत्री के मंशा अनुसार सभी शालाओं में संविधान से जुड़े प्रश्न प्रतियोगिता आयोजित करने को कहा। थानीय बोली में शिक्षा प्रदान करने के लिए ऐसे शालाओं को चिन्हित करने को कहा…जहां ज्यादा से ज्याद बच्चे पहुंचे। प्रमुख सचिव ने बताया कि बच्चों को उनकी मातृभाषा के साथ हिंदी भाषा की किताब प्रदान की जाएगी। बच्चे अपनी स्थानीय बोली में पढ़ सकें। इसके इसके लिए संबंधित शालाओं के शिक्षकों को भी स्थानीय बोली में प्रशिक्षित किया जाएगा। 
 
          कांकेर जिले में निजी शालाओं की तर्ज पर अंग्रेजी माध्यम की सर्व सुविधा युक्त बड़े शहरों की तरह विद्यालय  खोलने का  प्रस्ताव  भेजने को कहा। जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिया कि इसमें अंग्रेजी माध्यम के ही  शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। शाला परिसर में  शिक्षक और छात्र  अंग्रेजी में ही बात करेंगे। ऐसे शिक्षक  जो  अपनी शालाओं में अपने बच्चों को अंग्रेजी  सिखाना चाहते हैं  उनके लिए  अप्रैल माह के अंत में इंग्लिश की ट्रेनिंग  एससीईआरटी रायपुर में कराई जाएगी।
 
           इस दौरान शिक्षकों की परेशानी और मूल्यांकन बार-बार किए जाने पर उन्होंने कहा कि अगले सत्र की कार्य योजना वर्तमान में ही बना ली जाएगी। आगामी सत्र में शिक्षकों को शाला कैलेंडर में बदलाव की जरूरत नहीं होगी। पूरे प्रदेश में 17 लाख स्कूली छात्र छात्राओं के लिए पढ़ने की प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। जिससे बच्चों में पढ़ने की रुचि बढ़ेगी ,सभी बच्चे भाषा की पुस्तकें आसानी से पढ़ सकेंगे। आसपास लिखे विज्ञापनों सूचनाओं को पढ़कर समझ सकेंगे।
 
                    डॉ. शुक्ला ने बताया कि अप्रैल माह में संकुल स्तरीय प्रतियोगिता में निर्णायक छात्रों की माताएं होगी । चुने हुए स्कूल विकासखंड स्तर पर और  जिला में चयनित बच्चों को राज्य स्तर पर मुख्यमंत्री के हाथों सम्मानित किया जाएगा,। इस वर्ष के समस्त मूल्यांकन मार्च माह तक पूर्ण कर लिए जायेंगे । सहायक परियोजना संचालक मीरे ने बताया कि कांकेर जिले के 220 हायर सेकेंडरी विद्यालय में स्मार्ट टीवी के माध्यम से शिक्षा दी जा रही है।  जानकारी के बाद प्रमुख सचिव ने कलेक्टर कांकेर को इन शालाओं मे डीएमएफ मद से इंटरनेट से कनेक्ट करने को कहा।   जिससे  बच्चों को  विषय अनुसार ऑनलाइन शिक्षा मिल सके।
 
          जिला शिक्षा अधिकारी अर्जुन लाल मेश्राम ने बताया कि सभी प्रश्नों को जानते हुए भी समयाभाव के चलते  छात्र जवाब नहीं लिख पाते है। इसलिए प्रचार्यों का आवश्यक ग्रुप बनाकर छात्रों को आवश्यक टिप्स देने का निर्देश दिया है।
 
             बैठक में जिला कलेक्टर के.एल. चौहान ने कांकेर जिला में स्कूल शिक्षा गुणवत्ता के लिए किए जा रहे प्रयास की विस्तृत जानकारी दी। उन्होने बताया कि आवश्यक संसाधन और सुविधाएं उपलब्ध कराने की बात कही । बैठक में प्रमुख रूप से सहायक संचालक समग्र शिक्षा एम सुधीश ,जिला शिक्षा अधिकारी अर्जुन  लाल मेश्राम,  डीएमसी आनंद गुप्ता ,प्राचार्य डाइट एसपी सूर्यवंशी, सहायक परियोजना संचालक  मिरे, सहायक संचालक नवीन सिन्हा ,खंड शिक्षा अधिकारी कांकेर भुवन जैन, चारामा एस पी कोसरे ,नरहरपुर  क्षमा सोनल,  समेत जिले के संकुल समन्वयक प्राथमिक और माध्यमिक शाला के प्रधानाध्यापक, शिक्षक उपस्थित थे।

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