केन्द्रीय बजट में आयकर स्लैब कर्मचारियों के साथ छलावा….शिक्षक फेडरेशन ने कहा- आँकड़ों का मायाजाल

Chief Editor
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जशपुर नगर।  छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी, जशपुर जिला अध्यक्ष विनोद गुप्ता एवं महामंत्री संजीव शर्मा का कहना है कि केन्द्रीय बजट में घोषित हुए आयकर स्लैब में कर्मचारियों को ठगा गया है। वित्त मंत्री द्वारा दिया गया बजट में आयकर का नया प्रस्ताव छोटे कर्मचारियों के लिए छलावा मात्र है।

             
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उन्होंने बताया कि 5 लाख तक आय पर छूट नहीं है। वास्तविक तथ्य यह है कि छूट केवल 2.5 लाख आय के लिए है। 2.5 से 5 लाख से तक आयकर रु 12500 अथार्त 5% यथावत है। जिनका आय 5 लाख से कम है,उनको आयकर अधिनियम के सेक्शन 80 डी में रु 12500 के छूट के कारण कोई टैक्स नहीं देना होगा।इसको 5 लाख तक आय को टैक्स फ्री होने का प्रचार किया जा रहा है।हकीकत यह है कि यदि किसी का आय 5 लाख से 1 रुपये अधिक हुआ, तो उसे रु 12500 टैक्स देना होगा। फेडरेशन का कहना है कि बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा कि 15 लाख आय अर्जित करने वाले व्यक्ति को आयकर में 78000 रू की बचत होगी, सरासर आँकड़ों का मायाजाल है।क्योंकि उसमें  मानक कटौती, गृह निर्माण ऋण पर लगने वाले ब्याज की राशि तथा धारा 80 सी के तहत पुराने छूट आदि को नजर अंदाज कर दिया गया है।    

   फेडरेशन के कहना है कि प्रस्तावित कर निम्न मध्यमवर्गिय कर्मचारियों के लघु निवेश को हतोत्साहित करने वाला है।क्योंकि इससे मिलने वाले छूट को खत्म कर दिया गया है। अब 12,50,000 रू के वार्षिक कर वाले व्यक्ति को पुराने और प्रस्तावित दोनो दरो पर समान कर 1,27,500 रू देना होगा। यदि व्यक्ति की आय इससे कम है तो प्रस्तावित दर से घाटा होने के कारण पुराना दर का विकल्प उसे चुनना बेहतर होगा । जिन उच्चाधिकारियों की मासिक आय 1250000 हजार रू से अधिक होगा उन्हें प्रस्तावित स्लेब में क्रमशः आय कर मे छूट मिलेगा,जोकि अधिकतम 12500 रू होगा। इससे अधिक का छूट किसी को नहीं मिलेगा।      फेडरेशन ने पुराने एवं नये टैक्स स्लैब में टैक्स के गणना को बताया कि पुराने दर पर 80 सी के तहत ₹1.50लाख  तक निवेश तथा ₹ 50 हजार का मानक कटौती अर्थात *₹2.0 लाख की सीधी छूट के बाद शेष राशि पर कर लगता था,जिसे नए प्रस्तावित स्लेब में हटा दिया गया है। अब आय 0- 2.5 लाख रू तब कर पुराने और नए दोनों में कर मुक्त है।अधिकतम आय 5 लाख रू तब पुराने और नए दोनो में कर मुक्त  परन्तु पुराने दर में ₹ 50,000 मानक कटौती तथा 1,50,000 की छूट को घटाकर भी कर योग्य आय 5 लाख रू से कम होने पर कर नहीं लगता था। परन्तु *अब ₹ 5 लाख से एक भी रू अधिक होने पर कम से कम 12500 रू का कर लगेगा।  उनका कहना है को आय रू 7 लाख होने पर पुराने दर में कर मुक्त तथा नए प्रस्ताव में 32500 रू का कर लगेगा।आय 7.5 लाख रू होने पर पुराने दर पर 22500 रू तथा नए दर पर 37500 रू का कर लगेगा।आय 10 लाख रू होने पर पुराने दर से 72500 तथा नए दर पर 75000 रू का कर लगेगा।आय 12लाख रू होने पर पुराने दर से 112500 रू जबकि नए दर पर 115000रू कर लगना है।आय 14 लाख रू तब पुराने दर पर टैक्स 172500 रू जोकि नए दर पर 165000 रू तथा आय 15 लाख रू होने पर पुराने दर पर पुराने दर 202000 रू वहीं नए दर पर 190000 रू होगा।15 लाख से अधिक आय पर पूर्वानुसार 30 % टैक्स देना ही है।उनका कहना है कि पुराने टैक्स स्लैब का विकल्प लेना समझदारी है,नया प्रस्तावित दर नुकसानदायक है।

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