पंचायत चुनावः यहां दों मुर्दों ने भी डाला वोट..100 प्रतिशत हुआ मतदान..CEC तक पहुंची बोगस मतदान की शिकायत

BHASKAR MISHRA
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बेमेतरा… बेमेतरा जिला स्थित ग्राम पंचायत कुरदा के देवगांव में मुर्दों ने भी वोट डाला है। सुनकर लोगों को आश्चर्य होगा। लेकिन बात सही है। 28 फरवरी को मतदान के दौरान देवगांव बूथ में दो ऐसे मतदाताओं ने वोट डाला। जिनकी मौत मतदान के पन्द्रह दिनों पहले हो चुकी थी। ताज्जुब की बात है कि इस बात को चुनाव अधिकारी भी स्वीकार कर रहे है। लेकिन चुनाव परिणाम को लेकर उंगली उठाने वालों से नाराजगी भी जाहिर कर रहे है।
 
               मामले की शिकायत रायपुर में मुख्य चुनाव आयुक्त तक पहुंची है। मुख्य चुनाव आयुक्त राम सिंह ने कहा है कि मामले में एसडीएम से बात करेंगे। पता लगाएंगे के आखिर 80 बूथ वाले मतदान केन्द्र में कुल 90 वोट कहां से आ गए।
   
                   28 फरवरी को प्रदेश के अन्य जिलों की तरह बेमेतरा जिले में भी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव हुआ। जानकारी के अनुसार कुरदा ग्राम पंचायत में दो मृतकों ने भी मतदान किया। ताज्जुब की बात है कि चुनाव अधिकारी इस बात से साफ इंकार कर रहे है कि मुर्दा ने वोट डाला है। शिकायतकर्ताओं ने मामले को मुख्य चुनाव आयुक्त राम सिंह के सामने पेश किया है।
 
                तृप्ति चौबे ने मुख्य चुनाव आयुक्त को लिखित शिकायत में बताया कि ग्राम पंचायत कुरदा के देवगांव बूथ में मतदान के दौरान जमकर भर्राशाही हुई है। यहां कुल 80 लोगों को मतदान करना था। लेकिन 90 मतदाताओं की गिनती हुई है।
 
          तृप्ति चौबे ने मुख्य चुनाव आयुक्त को बताया कि यद्यपि बूथ में कुल 80 वोट ही डाले गए है। जिसमें एक प्रत्याशी को 38 और दूसरे को 42 मत मिले है। समझ से परे है कि चुनाव अधिकारी मानते है कि 5 मतदाता वोट डालने नहीं आए। और इतने ही मतदाताओं के वोट को रिजेक्ट किया किया गया है। इस तरह कुल मिलाकर यहां मतों की संख्या 90 होती है। समझने वाली बात है कि मतदान में दो ऐसे मतदाताओं ने भी मतदान किया है कि जिनकी मौत मतदान के पन्द्रह दिनों पहले हो चुकी है। बावजूद इसके चुनाव अधिकारी मतदान में गड़बड़ी मानने से इंकार कर रहे हैं।
 
                  तृप्ति चौबे ने मुख्य चुनाव आयुक्त को बताया कि दोनों मृतकों ने मतदान किया है। इसकी जानकारी पीठासीन अधिकारी के वोटरलिस्ट में सही टिक से जाहिर होता है। यदि ऐसा नहीं होता तो कुल 78 लोग ही मतदान करते। बावजूद इसके जिला प्रशासन मानने को तैयार नहीं है कि कुरदा ग्राम पंचायत चुनाव को रसूखदारों ने हाइजैकर कर लिया था। एक तरफ बताया जा रहा है कि 10 वोट नहीं पड़े है। यदि ऐसा है तो पड़ने वाले वोटों की कुल गिनती 70 होनी चाहिए। लेकिन दोनों प्रत्याशियों के वोट मिलाकर 80 होते हैं। इसमें दो मुर्दा लोगों के भी वोट शामिल है।
       
                 तृप्ति चौबे ने मुख्य चुनाव आयुक्त राम सिंह को बताया कि देवगांव बूथ में बाहर के लोगों को लाकर वोट डाला गया है। वोटिंग करते समय अधिकारियों ने पहचान पत्र भी नहीं मांगा। वोटिंग खत्म होने के बाद रात्रि 9 बजे पिछले दरवाजे से लोगों को लाकर मतदान करवाया गया। इसके बाद परिणाम की घोषणा हुई। पहले तो विरेन्द्र चौबे को विजेता घोषित किया गया। इसके चन्द मिनट बाद आशुतोष सिंह को विजेता बना दिया गया।    
      
              अपनी शिकायत में तृप्ति चौबे ने बताया कि परिणाम एलान के बाद हमने तत्काल पीठासीन अधिकारी से शिकायत की। पुनर्मतगणना के लिए कहा। लेकिन उन्होने दबाव में आकर हमारी बातों को सुनने और मानने से इंकार कर दिया.। शिकायत जिला प्रशासन से भी की। लेकिन वहां भी हमारी शिकायत को नहीं सुना गया। 
    
              तृप्ति चौबे की शिकायत सुनने के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि मामले में जिला प्रशासन से सम्पर्क करेंगे। शिकायत की जांच करने को कहेंगे। 
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