शिक्षाकर्मियों का आरोप…हमें अपनों ने दिया धोखा..नहीं मिल रहा 3 महीने से वेतन..संगठन नेता अमित का बयान.. संविलियन ही एक मात्र उपाय

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—नवीन शिक्षक संघ प्रदेश उपाध्यक्ष अमित कुमार नामदेव के अनुसार प्रदेश के लगभग संविलियन से वंचित सभी शिक्षा कर्मियों को पिछले तीन माह से वेतन नहीं मिला है। समय पर वेतन नहीं मिलने से शिक्षाकर्मियों को गंभीर आर्थिक समस्या से जूझना पड़ रहा है। प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह राजपूत ने पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव के सामने समस्या को रखते हुए जल्द से जल्द निराकरण करने की मांग की है।
 
         अमित नामदेव ने बताया कि पिछले तीन महीनों से संविलियन से वंचित प्रदेश के कमोबेश सभी शिक्षाकर्मियों को वेतन नहीं मिलने से आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है। मामले को लेकर नवीन शिक्षक संघ का एक प्रतिनिधि मंडल प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह राजपूत की अगुवाई में पंचायत मंत्री टी एस सिंहदेव से मिल कर शिक्षाकर्मियों की समस्या को रखा है। प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री को बताया कि यदि सभी शिक्षाकर्मियों का संविलियन कर दिया जाए तो उनकी ना केवल आर्थिक परेशानी खत्म हो जाएगी।बल्कि शिक्षा का कार्य भी पूर्ण मनोयोग से करेंगे।
 
                    शिक्षाकर्मी नेता अमित कुमार नामदेव ने बताया कि इस महंगाई में जब बिना वेतन के 1 महीना का  गुजारा मुश्किल है। उस दौर में प्रदेश के कई जिलों के शिक्षाकर्मी बिना वेतन तीन-तीन महीने से गुजारा करने को मजबूर हैं। एक तरफ संविलियन हो चुके शिक्षको को प्रति माह समय पर वेतन मिल रहा है। वही संविलियन से वंचित शिक्षाकर्मियों को गंभीर आर्तिक संकट से जूझना पड़ रहा है। जबकि इ्न्होने आंदोलन में अपना शत प्रतिशत योगदान दिया है। लेकिन आज भी वह वेतन की बदहाली को भोग रहे हैं। नगरीय निकाय ,शिक्षा विभाग, आदिम जाति विभाग, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान और एसएसए के अंतर्गत अलग-अलग मद से आने वाले वेतन का इंतजार करते शिक्षाकर्मियों को अपने ही वेतन के लिए बार-बार अधिकारियों से गुहार लगाना पड़ता है।
 
                  अमित ने बताया कि बिलासपुर जिले के कोटा नगर पंचायत में समय पर वेतन  नही मिलने की समस्या हमेशा से है। कभी कभी तो आवंटन के बाद भी शिक्षाकर्मियों को समय वेतन नहीं मिलता है। कमोबेश आज भी वही स्थिति है। जबकि संविलियन से वंचित शिक्षा कर्मियों की संख्या भी कम है।  इस बार तो नगरीय निकाय कोटा के अंतर्गत संविलियन से वंचित शिक्षकों को नवंबर दिसंबर और जनवरी का वेतन नहीं दिया गया है। ऐसे में परेशान शिक्षाकर्मियों ने मुख्य नगर पालिका अधिकारी और आवेदन सौंपकर वेतन भुगतान की गुहार लगाई है 
 
                     नाम नहीं जाहिर करने की सूरत में सीजी वाल को एक शिक्षाकर्मी ने अपनी पीड़ा को जाहिर करते हुए कहा कि शिक्षाकर्मियों की वेतन समस्या के लिए काफी हद तक शिक्षक बन चुके पुराने शिक्षाकर्मी भी जिम्मेदार है। शिक्षक बनने के बाद पुराने शिक्षाकर्मी अब वंचित शिक्षाकर्मियों की हितों की बात करना बंद कर दिया है। एक दो संगठनो को यदि छोड़ दिया जाए तो संपूर्ण संविलियन के लिए कोई भी शिक्षक अब संघर्ष करता नजर नही आ रहा है। चूंकि संविलियन से वंचित शिक्षा कर्मियों की संख्या बहुत कम है। इसलिए प्रदेश में बड़े चेहरे बन चुके शिक्षाकर्मी नेता सम्पूर्ण संविलियन को लेकर सरकार पर दबाव डालना तो दूर बयान देने से भी बच रहे हैं।   इस वजह से वेतन विलंब की स्थिति निर्मित  हो रही है। 
 
               शिक्षाकर्मी ने बताया कि दरअसल जब आबंटन की जानकारी मांगी जाती है तो विभाग के निचले स्तर के अधिकारी शासन को सही जानकारी नहीं भेजते हैं। इसके अलावा वेतन के लिए भेजे गए आबंटन की राशि का अलग अलग एरियर्स में  बंदरबांट हो जाता है । यही वजह है कि अक्सर शिक्षाकर्मियों के वेतन का मामला फंस जाता है ।
 
             नवीन शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह राजपूत ने सीजी वाल को बताया कि
प्रदेश में अलग-अलग जिलों के शिक्षाकर्मी वेतन की समस्या से लगातार जूझ रहे हैं। उनकी समस्या दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है। हम लगातार अपने संघ के माध्यम से पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री, नगरीय निकाय मंत्री, विभाग के उच्च अधिकारियों के सामने शिक्षाकर्मियों की समस्या को रख रहे हैं। लेकिन समस्या का स्थायी निराकरण होना बाकी है।
 
       वहीं संगठन के प्रमुख राजपूत ने बताया कि हम शासन से लगातार मांग कर रहे है कि संविलियन से वंचित शिक्षाकर्मियों का स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन कर दिया जाए। वेतन की समस्या खुद ब खुद खत्म हो जाएगी।

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