पंचायत चुनाव में अनोखा उत्सवः हारे हुए उम्मीदवारों का जुलूस..डीजे की धुन पर लोग थिरके और भोज में शामिल हुआ गाँव…

Chief Editor
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तखतपुर (दिलीप तोलानी ) । हाल ही में सम्पन्न पंचायत चुनाव में गांव के लोगों ने उत्साह के साथ हिस्सा लिया । स्वाभाविक रूप से इस चुनाव में कुछ उम्मीदवारों को जीत हासिल हुई तो कई लोगों को हार का सामना करना पड़ा। जीतने वालों ने अपनी जीत का जश्न मनाया तो हारने वालों में मायूसी रही । लेकिन तखतपुर इलाके के बीज़ा गाँव में लोगों का एक अलग ही अँदाज़ देखने को मिला। जहां हारे हुए उम्मीदवारों ने जुलूस निकाला , लोग डीजे की धुन पर थिरक उठे ,उत्सव मनाया और भोज़ का आयोज़न भी किया । जिसमें गाँव को लोगों की भी हिस्सेदारी रही । सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करे

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बहुत ही विचित्र किंतु आश्चर्य करने वाली स्थिति ग्राम पंचायत चुनाव के बाद ग्राम बीजा में देखने को मिली । यहां सरपंच पद हेतु 9 प्रत्याशी मैदान में थे। जिसमें 8 प्रत्याशियों ने चुनाव परिणाम के बाद रिजल्ट पक्ष में ना आने के बावजूद जोरदार उत्सव जुलूस निकाला। सभी प्रत्याशियों को उम्मीद थी कि वे इस चुनाव में जीत जाएंगे । लेकिन परिणाम एक के ही पक्ष में आन था । उधर चुनाव मैदान में किस्मत आज़मा रहे सभी उम्मीदवार अपने विजय जुलूस का सपना संजोए रखे थे। उन्होंने हार के बाद भी हार नहीं मानी और जोरदार जुलूस निकाला ।

इस जुलूस में सरपंच पद के हारे प्रत्याशियों के साथ-साथ पंच पद के हारे हुए प्रत्याशियों ने डीजे के साथ नाच गाना करते हुए रंग गुलाल, पटाखों के साथ उत्सव मनाया। इतना ही नहीं उन्होंने पूरे गांव में मिठाइयां बांटी कर घर जाकर धन्यवाद दिया और लोगों को भी अपने उत्सव में शामिल किया । साथ ही एक भव्य भोज का आयोजन किया गया। इस भोज़ में हर तरह के पकवान के साथ ही वह सब कुछ था , जो जश्न के उत्साह- उमंग को कई गुना बढ़ा देता है ।

लोगो में इस उत्सव को लेकर काफी चर्चाएं हो रही है। गांव में भी आश्चर्य किंतु सत्य का सामना करते हुए सबने इस उत्सव में भाग लिया और खूब मजे लिए ।बताया गया कि ऐसा करने के पीछे प्रत्याशियों में उद्देश्य था कि चुनाव के दौरान जो भी अलग-अलग या गुटों में दिखे थे ,उन सब को भुलाते हुए सभी फिर से एकसाथ हो जाएं । और एकता का परिचय देते हुए समाज मे प्रेम – भाईचारा बना कर चलना ….। इस ग्राम पंचायत में सरपंच पद अनारक्षित था और इसमें सभी वर्ग के लोगों ने चुनाव लड़ा। जिसमें रामकुमार टंडन की जीत हुई थी

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