एक सूदखोर ने वसूला 10 करोड़ ब्याज …400 कर्मचारियों का किया शिकार ..शिकायत के बाद पुलिस पकड़ाया आरोपी

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—- सूदखोर के खिलाफ पुलिस ने धारा 384 के तहत कार्रवाई की है। पुलिस ने गिरफ्तार सूदखोर के पास से कई करोड़ के फर्जी दस्तावेज भी बरामद किए है। पुलिस प्रशासन के अनुसार आरोपी ने अब तक करीब 400 लोगों का शिकार कर चुका है। टिकरापारा निवासी सूदखोर सचिन गोरख को रेलवे कर्मचारियों की शिकायत पर प्रमाण के साथ गिरफ्तार किया गया है। 
 
                        शहर मेंसूदखोरों की सक्रियता लम्बे समय से है। बहुत दिनों बाद जिला पुलिस ने एक बार फिर सूदखोरों के खिलाफ कार्रवाई की है। रेंज पुलिस महानिरीक्षक दीपांशु काबरा और पुलिस कप्तान प्रशांत अग्रवावाल को जानकारी मिली कि शहर मेें सूदखोरों की सक्रियता बढ़ गयी है। इसी क्रम में कार्मिक विभाग दक्षिण पूर्वी मंडल में अधीक्षक के पद पर कार्यरत तारक्लेन टोप्पो समेत अन्य रेल कर्मचारियों ने टिकरापारा निवासी सचिन गोरख के खिलाफ सूदखोरी को लेकर शिकायत की। पीड़ितों ने पुलिस को जानकारी दी कि सचिन गोरख कर्ज देते समय सुरक्षा के लिए कोरे कागजों और वकालतनामा में हस्ताक्षर कराता है। सारे दस्तावेज अपने पास रख लेता है। मूल राशि लौटाने के बाद भी बकाया बताकर मनमानी तरीके से व्याज वसूलता है। इतना ही नहीं मारने पीटने की धमकी के साथ गाली गलौच भी करता है।  और नौकरी चली जाने की धमकी देता है।
 
          शिकायत कर्ताओं ने पुलिस को यह भी बताया कि व्याज नहीं देने पर वकालतनामा  न्यायालय में पेश कर कर्ज़दारो से अवैध वसूली करता है। मामले में सम्पर्ण जानकारी के बाद पुलिस ने आलाधिकारियों के निर्देश पर सक्रियता दिखाते हुए सूदखोर सचिन गोरख को उसके की ही मकान में धर दबोचा। छानबीन के दौरान सचिन गोरख के मकान से कर्जा से संबंधित सैकड़ों दस्तावेज मिले। तथ्यों के आधार पर आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 384 के तहत रिपोर्ट पंजीबद्ध कर किया गया।
 
                पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार आरोपी के पास से न्यायालय का सील मोहर पद नाम वाले संबंधित दस्तावेज को बरामद किया गया है। न्यायालय का सील मोहर लगा हुआ कोरा दस्तावेज जिसमें अन्य व्यक्तियों के हस्ताक्षर हैं को भी जब्त किया गया है।
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             पुलिस के अनुसार प्रारम्भिक जांच में जानकारी मिली कि आरोपी ने 31 रेलवे कर्मचारियों से लगभग 1 करोड रुपए ब्याज में वसूल कर चुका है। लगभग 300-400 कर्मचारियों से लगभग 10 करोड रुपए वसूलने की जानकारी मिली है। मामले में अभी भी जांच जारी है।

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