सूरजपुर।सूरजपुर में सर्व शिक्षा अभियान के तहत कार्यरत शिक्षको का एक महीने का वेतन पिछले तीन सालों से नही मिला है। बताया जा रहा है कि जिले के SSA योजना के शिक्षक संवर्ग को संविलियन से पूर्व का यह एक महीने का वेतन आबंटन रायपुर से जारी हुआ है, पर रकम है कहाँ …? यह किसी भी जवाबदेह अधिकारी को नही पता है…! तीन वित्तीय वर्ष बीत गए और विभागों के सालाना आडिट में एक महीने की रकम जो गायब हो गई है। वह अब तक पकड़ नही आई है। यह घोटाला या फिर गड़बड़ झाला ….. यह सरकार तय करेगी। लेकिन इस आर्थिक अनियमित्ता के लिए सरकारी तंत्र के कुछ लोग जवाबदेह है जो शिक्षको का आर्थिक नुकसान कर कर चुके है ..! उसके बाद भी पिछले तीन सालों से शिक्षा कर्मीयो के एक महीने की गायब हुई तनख्वाह पर अब तक लीपा पोती चालू है। सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करे
छत्तीसगढ़ व्यापमं ने एक बार एजीडीईओ की परीक्षा में एक सवाल पूछा था… “खेत खाए गदहा,मार खाए जोलहा..” क्या अर्थ है। इस सवाल का जवाब जानने के लिए संविलियन से पूर्व शिक्षको के वेतन की चेन को समझना होगा। मिली जानकारी के मुताबिक वेेेतन आबंटन की राशि राज्य शासन से सीधे जिला मिशन समन्वयक सर्व शिक्षा अभियान के खाते में भेजता है । उसके बाद जिला समन्वयक जनपद CEO के खाते में हस्तांतरण करता है। ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (BEO) बिल बनाकर जनपद में प्रस्तुत करते हैं उसके बाद जनपद CEO के हस्ताक्षर उपरांत चेक सीधे बैंक भेज दिया जाता है।
और वहां से फिर शिक्षको खाते में रकम आती है। शिक्षको के एक महीने का वेेतन इस चेन में किसी एक की गलतियों की वजह से नही मिला है। करे कोई भुगते कोई नुकसान तो शिक्षको का ही है।
इस मसले को लेकर संयुक्त शिक्षाकर्मी संघ की सूरजपुर इकाई आरपार की लड़ाई के मूड में आ गई है । संघ के जिला संगठन मंत्री अजीत सिंह ने बताया कि जिलाध्यक्ष सचिन त्रिपाठी के नेतृत्व में संभाग प्रभारी राकेश शुक्ला के साथ जिला उपाध्यक्ष गिरवर यादव, जिला प्रवक्ता भुवनेश्वर सिंह, ब्लॉक अध्यक्ष कृष्ण कुमार सोनी, कार्यकारी ब्लॉक अध्यक्ष नितिन श्रीवास्तव, पूरन सिंह, रंजीत राम, रामरहिस शुक्ला, अनिल तिवारी के साथ मिशन समन्वयक सर्व शिक्षा अभियान DMC सूरजपुर से मुलाकात कर राज्य मिशन कार्यालय द्वारा शिक्षको के तीन साल से रुके एक महीने के वेतन आबंटन की दिशा में अब तक हुई कार्यवाही की जानकारी ली गईं।
संघ पदाधिकारियो ने गायब हुई रकम को लेकर DMC सूरजपुर के समक्ष अपना एजेंडा रख बताया कि यदि शीघ्र इस दिशा में राज्य मिशन कार्यालय द्वारा कोई परिणाममूलक कदम नही उठाया जाता तो प्रभावित शिक्षक वेतन प्राप्ति हेतु न्यायिक प्रक्रिया अपनाने को बाध्य होंगें।जिस पर DMC शशिकान्त सिंह ने संघ पदाधिकारियो से कहा है कि इस हेतु प्रयास जारी है, एक सप्ताह के भीतर राज्य से साथर्क पहल नही होने की स्थिति में शिक्षकगण अन्य विकल्पों के लिए स्वतंत्र होंगे।वही अंदरखाने की माने तो रकम में हेरफेर हुआ है।
अगर शासन से रकम जारी हुई है तो दूसरे मद में तो खर्च कर दी गई है। इस बीच शिक्षको के बकाए की रकम एरियर्स का भी भुगतान किया गया है। चूंकि राज्य शासन से इस बीच एरियर्स देने को लेकर कोई स्पस्ट निर्देश नही आये थे इस लिए हो सकता है कि शिक्षको के वेतन की रकम एरियर्स पर खर्च कर दी गई होगी।