बिलासपुर।हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए लोरमी विधानसभा क्षेत्र के विधायक धर्मजीत सिंह की पीआईएल से मरवाही विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक अमित जोगी के नाम को हटाने के निर्देश दिए हैं। पूर्व में सुनाई सुनवाई के दौरान तत्कालीन महाधिवक्ता कनक तिवारी ने इस पर आपत्ति दर्ज कराई थी चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली डिवीजन बेंच ने कनक तिवारी की आपत्ति को सही ठहराते हुए आदेश जारी किया है।साल 2016-17 में लोरमी विधानसभा क्षेत्र के विधायक धर्मजीत सिंह और मरवाही विधानसभा क्षेत्र के विधायक अमित जोगी ने संयुक्त रूप से जनहित याचिका दायर कर पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी द्वारा जारी आदेश को चुनौती दी थी। सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करे
याचिका में कहा गया है कि पूर्व डीजी उपाध्याय का कार्यकाल 1 महीने शेष था इसी बीच राज्य सरकार ने आदेश जारी कर डीएम अवस्थी को कार्यकारिणी DG के पद पर पोस्टेड कर दिया। कार्यकारी डीजी ने अंतागढ़ की एसआईटी से जांच कराने का आदेश जारी किया था।दोनों विधायकों ने DG के आदेश को चुनौती दी थी।
पूर्व में सुनवाई के दौरान तत्कालीन महाधिवक्ता कनक तिवारी ने याचिकाकर्ता अमित जोगी की याचिका पर सवालिया निशान उठाते हुए कोर्ट के समक्ष पेश किया था कि अमित जोगी अंतागढ़ टेपकांड और खरीद-फरोख्त के दोषी हैं।थाने में उनके खिलाफ एफ आई आर दर्ज है।ऐसे में वह इस डीजी के आदेशों को किस हैसियत से चुनौती दे सकते हैं। अमित जोगी की पीआईएल विधि विरुद्ध है। डिवीजन बेंच ने तत्कालीन एजी की शिकायत को सही ठहराते हुए पीआईएल से अमित जोगी के नाम को विलोपित करने रजिस्ट्रार जनरल कार्यालय को निर्देश दिए हैं।