बिलासपुर।आज से हमारे प्रदेश का विधानसभा सत्र की शुरुवात है जिसमें आम बजट की भी 29 फरवरी को रखा जाना तय है।इस बजट से प्रदेश के आमजन के साथ शिक्षाकर्मी से शिक्षक बने शिक्षकों को भी कभी उम्मीदें है क्योंकि राज्य की कांग्रेस सरकार ने हमारी प्रमुख माँग 2 वर्ष में सभी का संविलियन तथा लगातार 10 वर्ष की सेवा अवधी वालो को क्रमोन्नति का लाभ की अपने जनघोषणपत्र में शामिल करके प्रदेश के 1 लाख 68 हजार शिक्षकर्मियो तथा उनके परिवार सहित रिस्तेदारो का वोट हासिल करने में कामयाब हुए.
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और प्रदेश के किसानों के साथ शिक्षाकर्मियो के वोट बैंक के कारण एकतरफा 69 सीट जीतकर राज्य में प्रचंड बहुमत पाकर सरकार बनाये यही कारण है कि किसानों के बाद इस बजट में शिक्षाकर्मियो को अपनी दोनों माँगो की पूरी होने की काफी उम्मीद है पर सबसे पुराने संगठन का एक नेता अपनी अलग डफली बजाते हुए मात्र एक माँग 2 वर्ष में सभी का संविलियन को लेकर अलग से संविलियन मंच बना कर सरकार के समक्ष एक ही माँग के लिए दबाव बना रहा है.
बाकी माँगो से उनका कोई लेना देना नही है यह कहना है छग सहायक शिक्षक फेडरेशन के संस्थापक सदस्य फेडरेशन नेता शिव सारथी का उन्होंने संविलियन मंच के नेता पर यह भी आरोप लगाया है कि ये वही नेता है जिन्होंने जब पूर्व की भाजपा सरकार संविलियन के लिए 8 वर्ष की सेवा शर्ते लागू किया और बिना नियम बनाये शिक्षकर्मियो का शिक्षा विभाग में संविलियन कर दिया तथा संविलियन करते समय तत्समय लागू समयमान वेतनमान के आधार पर वेतन पुनरीक्षण के बजाए सहायक शिक्षक का प्रारम्भिक वेतनमान देकर सहायक शिक्षको का जबदस्त आर्थिक आघात पहुँचाया
और अपने संविलियन आदेश में क्रमोन्नति का जिक्र नही किया ऐसे समय में जब प्रदेश भर के सहायक शिक्षक पँचायत और एलबी संवर्ग सभी का संविलियन,वेतन विसंगति, क्रमोन्नति तथा मानवीय संवेदनाओं से जुड़े लम्बित अनुकम्पा नियुक्ति को लेकर आक्रोशित हो अपने सभी पुराने संगठनों को छोड़कर ब्लाक ,जिला और प्रदेश स्तरीय आंदोलन छेड़े हुए थे उस महत्वपूर समय में ये संविलियन नेता अपने पूर्व के पुराने संगठन के नेता के साथ पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के मुखिया की जिला-जिला फूल माला पहनाकर संविलियन त्यौहार मना रहे थे.
तथा समय बन्धित संविलियन और वेतन विसंगति संविलियन के बावजूद खुशियों से सराबोर थे आज जब प्रदेश का सहायक शिक्षक अपने आपको एक मंच में इकट्ठा कर सभी का एक मुश्त संविलियन,वेतन विसंगति,10 वर्ष की सेवा अवधि वालो को क्रमोन्नति,और अपने दिवंगत शिक्षकर्मियो साथियो को तत्काल अनुकम्पा नियुक्ति सम्बन्धी बहुमूल्य माँगो के लिए संघर्षरत है मात्र एक माँग 2 वर्ष वालो का संविलियन माँगो को लेकर शासन पर दबाव बनाना तथा सहायक शिक्षको और दर-दर की ठोकर खा रहे तथा दाने-दाने को मोहताज अनुकम्पा पीड़ित लोंगो की माँगो को तिलांजलि देकर मात्र अपने ही एक माँगी स्वार्थ शिधि को लेकर आम साथियो को गुमराह करते हुए शासन-प्रशासन को गुमराह करने वाले संविलियन मंच के नेताओ को आड़े हाथों लेते हुए शिव सारथी ने प्रेस नोट जारी किया है।
शिव सारथी ने कहा है कि संविलियन मंच का कथा कथित नेता मात्र अपने निजी स्वार्थ तथा अपने आपको भविष्य में कर्मचारी नेता बनने के लिए एक बार फिर सहायक शिक्षको और संविलियन से वंचित शिक्षको के बीच दो फाड़ कर मतभेद पैदा कर दिया है जबकि सहायक शिक्षक फेडरेशन शुरू से ही सभी का संविलियन मुद्दा को प्रमुखता कर्म में रखकर अन्य मांगों के साथ लगातार संघर्षरत है.
और समय-समय पर मुख्यमंत्री, अन्य विभागीय मंत्री,प्रशासनिक सचिव सहित सभी जिम्मेदार अधिकारियो को चारो माँगो के लिए ज्ञापन/मांगपत्र सौपते आ रहे है जिस ओर पँचायत मंत्री,शिक्षा मंत्री सहित स्वयं मुख्यमंत्री भी फेडरेशन के प्रतिनिधियों को फरवरी के आम बजट में माँगो के सम्बंध में घोषणा करने का ठोस आश्वासन दिया है.
और हमें उम्मीद भी है कि हमारे सभी चारो माँगो पर न सही पर सबसे महत्वपूर्ण माँगो का शासन स्वयं आकलन कर पूरा करता पर जहाँ फेडरेशनअपने सभी चार माँगो को महत्वपूर मानता है वही संविलियन मंच अपने संविलियन मात्र को महत्वपूर्ण मानता है और बाकी के तीन माँग उनके लिए फालतू है तभी तो संविलियन-संविलियन चिल्लाकर शासन के समक्ष कन्फ्यूजन की स्थिति निर्मित करता आ रहा है चूंकि संविलियन मंच का मुख्य नेता वर्ग-1 है और सहायक शिक्षको के वेतन विसंगति पैदा करने वालो की जमात का है.
यही कारण है कि वर्ग-1 के सारे नेता षणयंत्र पूर्वक बिना संविलियन वाले मोहरे को आगे कर सहायक शिक्षको को ठगने का काम कर रहे है तथा विसंगति सहित क्रमोन्नति और अनुकम्पा की माँग को डायवर्ट कर रहे है जो सहायक शिक्षकों के साथ सरासर धोखा है ।
शिव सारथी ने आगे यह भी कहा है कि इन्ही लोगो के कारण शासन सहायक शिक्षको की माँगो को गम्भीरता से नही ले रहा है क्योंकि समय-समय पर वर्ग-1व 2 के नेता कभी अपने लाभ के लिए प्रधान पाठक,प्रचार्य पदोन्नति के लिए तो कभी निम्न से उच्च पद लाभ के लिए जूझते रहते है और अब फिर एकबार संविलियन से वंचित सहायक शिक्षको को गुमराह करके दो धड़ो में बाटकर मात्र एक माँग संविलियन के नाम पर एकता को खंडित कर दिया। ऐसे स्वार्थी लोग के कारण ही आज सहायक शिक्षक सबसे ज्यादा उपेक्षित व शोषित है.
इसलिए सभी सहायक शिक्षक जिन्होंने सहायक शिक्षक फेडरेशन के बैनर तले एक जुट होकर आंदोलनरत है संविलियन मंच के माध्यम से अंकुरित होने का प्रयासरत नेता के बजाए एकता की सर्वोपरि मानकर एक साथ लड़ने का आह्वान फेडरेशन नेता शिव सारथी ने किया है,और अगर फरवरी बजट में शिक्षको माँगो पर कोई घोषणा नही होता हैं तो इसकी जारी जवाबदेही इस संविलियन मंच के सोशल मीडिया नेता को ठहराया है।