प्रेम विवाह के बाद समाज से निकाला.. पीड़ित परिवार ने कहा..ठेकेदारों ने किया जीना मुश्किल..लूटने के बाद भी कर रहे प्रताड़ित

BHASKAR MISHRA

बिलासपुर—- प्रेम विवाद के बाद समाज से बहिष्कृत पटेल परिवार ने जिला प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है। पीडित पत्नी और पति वकील के साथ बच्चे को लेकर जिला प्रशासन के सामने पेश हुआ। लिखित शिकायत कर बताया कि एक तरफ सरकार अन्तजातीय विवाह को बढ़ावा देते हुए अनुग्रह राशि भी देती है। वहीं समाज के ठेकेदार प्रेम विवाद करने वालों का जीना मुश्किल कर दिया है। रमेश पटेल ने कहा कि उसे समाज के लोग ना केवल आर्थिक रूप से लूट रहे है। बल्कि अझूत बनाकर समाज से बहिष्कृत कर प्रताडित करने से बाज नहीं आ रहे है। पीडा इतनी बढ़ गयी है कि अब जीना मुश्किल हो गया है। यदि न्याय नहीं मिला तो उसके सामने भी रेल के नीचे आने या जहर सेवन करने का अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचता है।  

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              दोपहर को कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर रमेश पटेल अपनी पत्नी शोभा पटेल,अबोध बच्चे को लेकर वकील के साथ जिला प्रशासन के सामने पहुंचा । रमेश ने बताया कि उसने कुछ साल पहले कुदुदण्ड निवासी हिन्दू मराठा राजपूर परिवार से है। उसकी शिक्षा दीक्षा बिलासपुर में हुई है। वह सामान्य वर्ग से है। प्रेम विवाद के बाद वह शोभा सेलार से शोभा पटेल हो गयी। मैं हरदिहा मरार पटेल समाज से आता हूं। शादी के कुछ दिन बाद तक ठीक रहा लेकिन इसके कुछ दिनों और महीने बाद समाज के लोगों प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। साथ ही समाज से परिवार को बहिष्कृत भी कर दिया।  

ठेकेदारों ने लूटा

                रमेश ने अपनी वकील के सहयोग से बताया कि समाज में शामिल करने के लिए दो बार समाज के बड़े बड़े लोगों की बैठक हुई। पहली बार 31 जुलाई 2019 को मंगला स्थित पटेल सामुदायिक भवन में बैठक हुई। समाज के लोगों की मांग पर मुख्यधारा में शामिल होने के लिए नगद 1 लाख 85 हजार रूपए दिया। इसके अलावा बैठक का अतिरिक्त खर्च 35 हजार रूपए का भी भुगतान किया। लेकिन समाज के लोगों से केवल समाज में शामिल होने का आश्वासन ही मिला।

         रमेश पटेल ने बताया कि दूसरी बार भी मंगला स्थित पटेल मंगल भवन में बैठक हुई। इसके पहले समाज के ठेकेदारों ने नगद 1 लाख 33 हजार रूपए लिए। यहां भी बैठक का खर्च  35 हजार रूपए दिया। लेकिन एक बार फिर केवल समाज में शामिल होने का आश्वासन ही मिला। 

समाज से हो रहा प्रताड़ित

                                रमेश पटेल ने बताया कि अब मैं बहुत परेशान हो चुका हूं। एक तरफ सरकार अन्तरजातीय विवाह को बढ़ावा दे रही है। समलैंगिक विवाद को सही बता रही है। वहीं उसे समाज के लोगों ने जीना मुश्किल कर दिया है। यदि न्याय नहीं मिलता है तो वह भी अपने परिवार के साथ रेल की पटरी पर सोने के लिए तैयार है। अथवा वह जहर खाकर आत्महत्या करने को मजबूर होगा। 

               रमेश पटेल ने बताया कि समाज के अध्यक्ष परदेशी लाल पटेल, सचिव लोकनाथ पटेल, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दुर्गा प्रसाद पटेल, वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष प्रेम पटेल, समाज के सदस्य राधेश्याम पटेल, तिजराम पटेल राजेन्द्र पटेल, गीता पटेल से भी गुहार लगा चुका है। लेकिन कहीं से किसी से सहयोग नहीं मिला। यदि वह आत्महत्या करता है तो सभी लोग सीधे तौर पर जिम्मेदार होंगे।

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