दीक्षांत समारोह से पहलेः कुलपति और छात्र परिषद आमने-सामने..मामला पुलिस तक पहुंचा..छात्रों ने लगाई गुहार

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— गुरूघासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय ने प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। राष्ट्रपति के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बिलासपुर पुलिस कप्तान और आईजी से गुहार लगाई है।  छात्र परिषद ने आरोप लगाया है कि कुलपति ने साजिश करते हुए छात्र परिषद को केन्द्रीय विश्वविद्यालय में आयोजित आठवें दीक्षांत समारोह से दूर रखा है। ऐसा करना छात्रों और छात्र परिषद दोनों का अपमान। यह अपमान बर्दास्त करने के योग्य भी नहीं है। हमने प्रबंधन से मामले में बातचीत भी की। लेकिन कुलपति की नाकारात्मक रवैया के चलते कोई कुछ कहने और सुनने को तैयार नहीं है।
 
                    केन्द्रीय विश्वविद्यालय छात्र परिषद और प्रबंधन के बीच झगड़ा खत्म होते नहीं दिखाई दे रहा है। छात्र परिषद अध्यक्ष ने बताया कि 2 मार्च को विश्वविद्यालय में आठवां दीक्षांत समारोह का आयोजन होना है। आयोजन में करीब 7 सौ अधिक लोगों को आमंत्रित किया गया है। लेकिन विश्वविद्यालय के चुने हुए छात्र परिषद को दीक्षांत समारोह से दूर रखा गया है।
 
                         सचिन गुप्ता ने बताया कि गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के आठवें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मौजूद रहेंगे। इस बात को लेकर हम गर्व महसूस कर रहे है। लेकिन कुलपति ने छात्र परिषद को सोची समझी रणनीति के तहत कार्यक्रम से दूर रखा है। नियमानुसार उचित नहीं है।
 
                  बावजूद इसके हमने विश्वविद्यालय प्रशासन से राष्ट्रपति महोदय के प्रोटोकॉल में मुलाकात करने की गुजारिश की। सोमवार की हुई बैठक में गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रबंधन ने छात्र परिषद की मांग को दरकिनार कर दिया है।
 
            सचिन ने बताया कि बैठक में कुलपति और कुलसचिव के साथ छात्र कल्याण अधिष्ठाता भी मौजूद थे। तीनों ने हमारी बातों को गंभीरता से नहीं लिया। इसलिए हमने बिलासपुर पुलिस प्रशासन और बिलासपुर सामान्य प्रशासन से गुहार लगाई है। पुलिस कप्तान और पुलिस महा निरीक्षक को बताया कि राष्ट्रपति  प्रोटोकॉल कार्यक्रम में गुरु घासीदास विश्वविद्यालय छात्र परिषद की मुलाकात का अवसर दिया जाए।
 
                              सचिन ने सीजी वाल को बताया कि पुलिस के आलाधिकारियों की तरफ से हमें सकारात्मक संदेश मिला है। आई जी काबरा ने आश्वासन दिया है कि मामले को प्रबंधन के सामने रखेंगे।  पुलिस कप्तान ने भी हमारी मांग को गंभीरता से लिया है।

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