पिता पुत्र को हाईकोर्ट से झटका..मनवा आत्महत्या मामला..नहीं रद्द होगा जोगी का एफआईआर

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—-हाईकोर्ट ने एफआईआर खारिज करने के लिए डाली याचिका पर सुनवाई के बाद जोगी पिता पुत्र को राहत देने से इंकार कर दिया है। दोनों के खिलाफ सिविल लाइन थाने में नौकर की आत्महत्या के बाद परिजनों ने एफआईआर दर्ज करायी थी। 
      
            करीब 5 साल से मरवाही सदन में काम करने वाला मनवा ने एक महीने पहले जोगी परिवार की अनुपस्थिति में फांसी पर लटक कर आत्महत्या कर लिया था। इसके बाद मनवा के परिजनों ने सिविल लाइन थाना पहुंचकर अजीत जोगी और अमित जोगी के खिलाफ आत्महत्या के लिए प्रेरति करने का आरोप लगाया था। सिविल लाइन थाना ने परिजनों की शिकायत पर  एफआईआर दर्ज किया।
  
                             एफआईआर को रद्द करने को लेकर जोगी पिता पुत्र ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। अपनी याचिका जोगी पिता पुत्र ने वकील के माध्यम से तर्क रखते हुए एफआईआर रद्द किए जाने की मांग की।
 
           जस्टिस आरपी शर्मा की कोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला दिया कि को रद्द करने के लिए मरवाही विधायक व पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी तथा उनके पुत्र अमित जोगी की याचिका खारिज को खारिज कर दिया। बताते चलें कि परिजनों ने अपनी शिकायत में कहा था कि अजीत जोगी और
अमित जोगी ने मृतक पर चोरी का आरोप लगाया था। इसके बाद दोनों ने स्टाफ के साथ मनवा को प्रताड़ित भी किया था। मामले की जानकारी मनवा ने मोबाइल से अपनी पत्नी को दिया था।
 
       शिकायत के बाद पुलिस ने जोगी पिता पुत्र के खिलाफ मृतक संतोष कौशिक ऊर्फ मनवा को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में अपराध दर्ज किया। एफआईआर को निरस्त कराने की मांग को लेकर अजीत जोगी, अमित जोगी ने हाईकोर्ट में अधिवक्ता के माध्यम से याचिका दायर की थी। जोगी के वकील ने हाईकोर्ट को बताया कि घटना के एक सप्ताह पहले से जोगी का परिवार बंगले में नहीं था। एफआईआर राजनैतिक प्रतिशोध को लेकर दर्ज कराया गया है। याचिका पर11 फरवरी को सुनवाई हुई थी। शुक्रवार को कोर्ट ने जोगी परिवार को राहत देने से इंकार कर दिया।
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