अपोलो हास्पिटल कार्यशालाः चिकित्सकों ने बताय सोशल मीडिया संवेदनशील..सेवा में अन्तर और अपेक्षा नाराजगी के दो कारण..समर्पित होकर करें काम

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—– अपोलो हास्पिटल और इंडियन सोसायटी फॉर क्रिटिकल केयर मेडिसिन के संयुक्त प्रयास से एक निजी प्रतिष्ठान में चिकित्सा में गुणवत्ता एवं सुरक्षा केन्द्रित कार्यशाला का आयोजन किया गया । कार्यशाला में देश के नामचीन चिकित्सकों ने हिस्सा लिया। इस दौरान चिकित्सकों ने कार्यशाला के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। साथ चिकित्सकों ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि चिकित्सा क्षेत्र में गुणवत्ता के साथ किसी भी स्तर पर समझौता सुरक्षा एवं मानवीय जीवन के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा।

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                कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्जवलन के साथ किया गया। इस दौरान मुख्य अतिथि ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस दिल्ली की डॉक्टर निरूपमा मदान की विशेष उपस्थिति रही। इसके अलावा अथितियों में एनएबीएच की डिप्टी डायरेक्टर डॉ कषीपा हरीत और अपोलो हास्पिटल ग्रुप को-नर्सिंग डायरेक्टर केप्टन उषा बनर्जी विशेष रूप से मौजूद थीं।

सेवा में अन्तर और अपेक्षा- नाराजगी का कारण

              कार्यक्रम को अपने संबोधन में मुख्य अतिथि डॉ मदान ने कहा कि मरीजो में असंतुष्टता का मुख्य कारणों में दी गयी चिकित्सा सेवाओं में अन्तर और  मरीजों के परीजनो की अपेक्षा है। समय पर मरीजो और परिजनो से मिलकर  अपेक्षित सेवाओं के साथ सेवाओ में उचित सामंजस्य स्थापित करना बहुत जरूरी है। ऐसा करने से विपरित परिस्थितियों से बचा जा सकता है। साथ ही मरीजों की मरीजों की सुरक्षा को भी सुनिश्चित किया जा सकता है। डॉ. मदान ने बताया कि ने सीवरेज शुद्ध जल वायु के बिना मजबूत स्वास्थ्य सेवाओं की उम्मीद रखना केवल परिकल्पना है। सरकार को चाहिये की पोलियो अभियान जैसे और भी योजनायें चलाए। फिर सफलता निश्चित है।

अनुपातिक अन्तर पर चिंता

                 अपोलो गु्रप को नर्सिंग डारेक्टर कैप्टन उषा बेनर्जी ने कहा मरीजो और डाक्टरों के अनुपात को ठीक करने की जरूरत है। वर्तमान स्थिति में एक हजार मरीजो पर एक डॉक्टर है। मरीजों और नर्सेसअनुपात प्रति 1000 मरीजो पर है। जो मरीजो की असंतुष्टि की मुख्य कारण भी है। स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र मे डॉक्टर और प्रशिक्षित नर्सो की कमी को दूर करना बहुत ही जरूरी है। इस दौरान डॉ.बनर्जी ने मरीजों की अपेक्षाओं के अनुक्रम सेवा को लेकर गुणवत्ता विभाग की भूमिका को बहुत जरूरी बताया। डॉ. बनर्जी ने कहा कि वर्तमान समय सोषल मीडिया का है। निश्चित रूप से बहुत ही संवेदनशील है। हमें समझना पडेगा। एक छोटी सी गलती हॉस्पिटल की  गरिमा को ठेस पहुंचाने के लिए काफी है। लेकिन एक संतुष्ट मरीज कई अन्य मरीजो को हॉस्पिटल में इलाज के लिए परामर्श दे सकता है। इसका मुख्य आधार गुणवता ही है।

डाक्यूमेंटेशन पर जोर

           एनएबीएच को डिप्टी डारेक्टर डॉ काषीपा ने कहा आखिर क्या कारण है पिछले 10 वर्षों से हम लगातार गुणवत्ता का अर्थ तलाश रहे हैं। जो आप कर रहें है उसका डाकुमेटेशन करे। अन्यथा उसका होने न होने का कोई औचित्य नही है

कम्मयूनिकेशन पर जोर

अपोलो हॉस्पिटल के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ सजल सेन ने स्तरीय सेवाओं और मरीजों की सुरक्षा के लिए प्रभावों संचार कम्यूनीकेशन को अति महत्वपूर्ण बताया। संवेदनशीनल रहने को सलाह दी । मरीजों और परिजनो से समय-समय पर मिलकर अपेक्षाओं के अनुरूप स्वास्थ सेवाओ का सामंजस्य बैठाने पर जोर दिया। डॉ. सिद्धार्थ ने गहन चिकित्सा क्षेत्र मे गुणवत्ता के महत्व पर प्र्काश डाला।

नामचीन डॉक्टरों की उपस्थिति

डॉ अमित वर्मा, वरिष्ठ सर्जन कैंसर सर्जरी, डॉ रश्मि शर्मा वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ, डॉ देवेन्द्र सिंग वरिष्ठ उदर रोग विशेषज्ञ ने भी ईलाज के दौरान सही कम्युनिकेशन, गुणवत्ता पर जोर दिया। मोहम्मद आसिफ अबेदीन, विभागाध्यक्ष क्वालिटी सिस्टम, अपोलो हॉस्पिटल बिलासपुर ने अपोलो के गुणवत्ता चिकित्सा के सफर को ऑडियो विडियो के माध्यम से बताया। कॉलेज ऑफ नर्सिंग के छात्रों ने लघु नाअका के माध्यम से  गुणवत्ता सेवा और उचित कम्युनिकेशन के महत्व को बताया। कार्यकम्र में एसईसीएल, सेल और एसईसीआर के चिकित्सक के साथ अधिकारी भी मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन शेल्विना नंद, जेसिका प्रीतू सारा ने किया।

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