बिलासपुर।प्रदेश की वित्तीय बजट 2020-21 को जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पेश कर रहे थे तब सबकी निगाहें बजट भाषण में लगी हुई थी। इनमें सबसे अधिक उमीदें संविलियन से वंचित शिक्षा कर्मीयो की थी । वादा निभाते हुए भूपेश बघेल ने आठ वर्ष का बंधन समाप्त कर 2 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले 16 हजार से अधिक शिक्षा कर्मीयो के संविलियन की घोषणा कर दी जो एक जुलाई 2020 से लागू होगा ।
पिछले वर्ष के बजट से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शिक्षक नेताओं को कहा था । पहला बजट किसानों का है दूसरा बजट आपका होगा। बहुत ही कम समय में एक बड़ी सौगात प्रदेश के संविलियन से वंचितशिक्षकों को मिली है। शिक्षाकर्मीयो को शिक्षक बनाने में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को 15 साल लग गए। बाकि बचे हुए 16000 हजार शिक्षा कर्मीयो को वतर्मान मुख्यमंत्री ने दो साल में संविलियन करके शिक्षा कर्मी को शिक्षक बनाकर इतिहास में अपना नाम दर्ज कर लिया है।
शिक्षक समुदाय में आज का बजट खुशियों भरा है। हर ओर मुख्यमंत्री को बधाई शुभकामनाएं दी जा रही है। राज्य की माली हालत बजट में छुपी नही है इसके बावजूद भी बजट में संविलियन का फैसला लेकर भूपेश सरकार वादों पर खरी उतरती दिखाई दी है। हालांकि शिक्षको की कई वेतन से जुड़ी आर्थिक असमानताएं है। इस पर शिक्षको तरह तरह प्रतिक्रिया है। लेकिन आज संविलियन से वंचितों का शिक्षक बनने का दिन है। आज उनकी दीपावली है।