बिलासपुर।छत्तीसगढ़ सरकार के वार्षिक बजट 2020-21 में संविलियन से वंचित शिक्षको का संविलियन की घोषणा करना स्वागत योग्य कदम है। शिक्षाकर्मियों की यह बहुप्रतीक्षित माँग थी। बजट में शिक्षाकर्मियों का संविलियन की बात मांग ली गई है जिसके लिए भूपेश सरकार को बधाई की पात्र है। यह प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए शालेय शिक्षक संघ सूरजपुर के जिलाध्यक्ष यादवेन्द्र दुबे ने बताया कि 1 जुलाई 2020 से संविलियन से वंचित शिक्षक साथी भी राज्य के कर्मचारियों बन जाएंगे। शिक्षा कर्मीयो का ठप्पा हटेगा। पंचायत विभाग को अलविदा करने के बाद कम से कम वेतन के लिए तो भटकना नही पड़ेगा। यादवेन्द्र दुबे ने बताया कि संविलियन के न्याय के बाद अन्यायपूर्ण व्यवस्था बजट में जीवित रह गई है। सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप न्यूज़ ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करे
प्रदेश में सहायक शिक्षक शिक्षाकर्मी वर्ग 3 जो लगातार 20-22 वर्ष से एक ही पद पर हैं,जिनकी संख्या लगभग 80 हजार है, जिन्हें क्रमोन्नत वेतनमान का लाभ न मिलने के कारण अपने समकक्ष पदोन्नति प्राप्त साथी से प्रतिमाह 15 से 20 हजार रुपए के अंतरराशि का नुकसान उठाना पड़ रहा है ,जो नैसर्गिक न्याय के खिलाफ और असंतोष का सबसे बड़ा कारण है।
यादवेंद्र ने बताया कि अन्यायपूर्ण व्यवस्था को सुधारने का एक ही उपाय है संविलियन पूर्ण सेवाअवधि को संविलियन उपरांत सेवाअवधि में गणना कर “क्रमोन्नत वेतनमान का लाभ ” देकर उन्हें नैसर्गिक न्याय देते हुए बजट पारित होने से पूर्व वर्तमान बजट 2020-21 में ही इस माँग को शामिल किया जावे जिससे लगातार जारी सबसे बड़े वर्ग के असंतोष और अन्याय को समाप्त किया जा सके।