बिलासपुर—सदन में बिलासपुर और तखतपुर विधायक के नसबन्दी में हुई मौत पर दोषियों के खिलाफ उठाए गए सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि दो ड्रग इंस्पेक्टर को निलंबित किया जाता है। सदन को टीएस सिंहदेव ने बताया कि 2014 में नसबंदी शिविर के दौरान 13 महिलाओं और 5 पुरुषों की मौत हुई थी। चालान पेश होने पर देरी हुई। चालान पेश करने के बाद भी तात्कालीन सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। मामले में दो ड्रग इंस्पेक्टर को निलंबित किया जाता है।
जानकारी हो की साल 2014 में बिलासपुर जिले के ग्राम पेंडारी स्थित नेमीचंद जैन अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग ने नसबन्दी कैम्प का आयोजन किया। शिविर में 83 महिलाओं की नसबन्दी हुई।
नसबंदी शिविर में लापरवाही और मौत को लेकर जांच टीम का गठन किया गया। जांच में मामला सामने आया कि नसबन्दी के दौरान भारी लापरवाही हुई है। महिलाओं को दर्द निवारक की दवाएं दी गई थी। दवाओं के चलते एक के बाद एक 13 महिला 5 पुरुषों को मिलाकर कुल 18 लोगों की मौत हुई। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि महिलाओं की मौत के पीछे संक्रमण भी एक कारण है।
अब तक कार्रवाई नहीं होने को लेकर सदन में बिलासपुर विधायक शैलेष पाण्डेय ने सवाल किया कि एक ऐसा मामला जिसमें 13 महिलाओं की मौत हुई। अब तक दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है। यह खेदजनक है। असली दोषियों को बचाने की बात हो रही है।
वहीं तखतपुर विधायक रश्मि सिंह कहा कि इस मामले में हम लोग न्याय यात्रा निकाले थे। और हमारी सरकार में न्याय नहीं हो रहा है।
दोनों विधायकों के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने जवाब दिया कि नसबन्दी शिविर के बाद जांच हुई। माले में चालान जमा करने को लेकर भारी लापरवाही हुई है। मैं इस मामले में तात्कालीन ड्रग इंस्पेक्टर राजेश क्षत्री और धर्मवीर ध्रुव को निलंबित किए जाने की घोषणा करता हूं।
वहीं स्वास्थ्य मंत्री के एलान के बाद बिलासपुर विधायक शैलेष पाण्डेय ने कहा कि देर से न्याय मिलना भी अन्याय है। भाजपा सरकार ने दोषियों को संरक्षण दिया। जिसके चलते आज तक पीड़ितों को न्याय का इंतजार था। दो अधिकारियों को मंत्री ने निलंबित किया है। मामले में दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा। इस घटना के बाद कई परिवार विखर गए। तात्कालीन सरकार ने लीपापोती करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। लेकिन अब कांग्रेस सरकार में ऐसा नहीं होने वाला है। दोषियों के खिलाफ ना केवल कार्रवाई होगी। बल्कि किसी भी दोषी व्यक्ति या बड़े अधिकारी को नहीं छोड़ा जाएगा। जल्द ही जानकारी हो जाएगी कि तात्कालीन समय किसको बचाने के लिए सरकार ने किसके सिर दोष की गठरी को लादा था।