नईदिल्ली।राष्ट्रीय राजमार्ग पर योजनाएं में होने वाली देरी को लेकर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कई कारण बताए है।जिनमे ठेकेदार का खराब कार्य निष्पादन जन सुविधाओं का स्थानांतरण पर्यावरण वन मंजूरी मिलने में देरी, भूमि अधिग्रहण रियायत ग्राही ठेकेदार के नगद प्रवाह में कठिनाई कानून और व्यवस्था में कठिनाई आदि से देरी होती है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने इन कारणों को राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना के अटकने या विलंबित होने की वजह बताई है। सांसद चंद्रशेखर साहू ने जानना चाहा कि कई राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाए धनराशि की कमी के कारण अटक गई/विलम्बित हो गई?परियोजनाओं के कार्य में तेजी लाने के लिए सरकार द्वारा क्या-क्या कदम उठाए गए या उठाए जा रहे हैं? सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप न्यूज़ ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक कीजिए
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क्या सरकार ने रियायत धारकों, राज्यों, ऋण दाताओं और अन्यों की सामान्य चुनौतियों की पहचान की है? और यदि हां तो तत्सम्बन्धी ब्यौरा क्या है और क्या सरकार ने उक्त समस्याओं के समाधान के लिए एक उपयुक्त हस्तक्षेप नीति तैयार की है और यदि हां तो तत्सम्बन्धी ब्यौरा क्या है?
जिसके जवाब में नितिन जयराम गडकरी ने बताया कि आमतौर पर परियोजनाओं के निष्पादन में भूमि अधिग्रहण में विलंब,जन सुविधाओं का स्थानांतरण पर्यावरण वन्यजीव मंजूरी रेलवे के साथ आरोबी और आर यू बी मामले, अतिरिक्त सुविधाओं के लिए जन आंदोलन मिट्टी की उपलब्धता भौगोलिक बाध्यताएं और मिट्टी की दशा, अनुबंधित एजेंसी के पास उचित नगदी प्रवाह होना होना आदि चुनौतियां होती हैं। सरकार ने क्षेत्रीय अधिकारियों, राज्य सरकारों और रियायतग्राहीयों ठेकेदारों के साथ मुद्दों को सुलझाने और समय सीमा में परियोजनाओं के समापन को सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न स्तरों पर नियमित समीक्षा बैठकें की है। इसके अलावा भूमि अधिग्रहण को व्यवस्थित करने, एकबारगी निधि मुहैया कराना, अन्य मंत्रालयों के साथ समन्वय,विवाद समाधान तंत्र का पुनरुद्धार करना आदि विभिन्न कदम उठाए गए हैं।