बिलासपुर—-सांसद अरुण साव ने बताया कि भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना “स्मार्ट सिटी” के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। योजना के तहत् जारी पहली किश्त की राशि अभी खर्च नहीं हो पायी है। ऐसे में मुख्यमंत्री कहना कि योजना के लिए सांसद ही जवाबदेह हैं। बहुत हास्यास्पद है। यह बयान महत्वपूर्ण योजना और बिलासपुर के प्रति उपेक्षा को जाहिर करता है।
सांसद अरूण साव ने मुख्यमंत्री के बयान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भारत सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना स्मार्ट सिटी योजना के लिए रायपुर, नया रायपुर और बिलासपुर का चयन गौरव की बात है। लगभग 4 हजार करोड़ रुपए की योजना है। आधी राशि केन्द्र सरकार और आधी राशि राज्य सरकार को देना है। योजना के तहत न्यायधानी बिलासपुर के सुव्यवस्थित विकास के लिए अब तक 112 करोड़ रुपए जारी किए जा चुके हैं।
साव ने कहा कि राशि से मिट्टी तेल गली, व्यापार विहार मार्ग का निर्माण कराया जा रहा है। आगे चल कर रिवर व्यूह में सड़क, नाला, सौंदर्यीकरण के सारे कार्य होने हैं। पूर्व में जारी 112 करोड़ रुपए को ही अभी तक पूरी तरह खर्च नहीं किया जा सका है। विभिन्न विकास कार्यों की टेंडर प्रक्रिया जारी है। सांसद साव ने कहा कि योजना को लेकर केन्द्र की एनडीए सरकार पूरी तरह सजग और गंभीर है। केन्द्र सरकार अपने हिस्से की राशि नियमित रूप से जारी कर रही है। इस राशि का शहर के विकास में सही उपयोग हो, यह जिम्मेदारी क्रियान्वयन एजेंसी छत्तीसगढ़ सरकार के मुखिया होने के नाते मुख्यमंत्री की है।
साव ने बताया कि यह कहना कि स्मार्ट सिटी के लिए संपूर्ण रूप से जवाबदेह सांसद हैं। यह अपनी जिम्मेदारी से भागने वाली बात है। क्योंकि स्मार्ट सिटी योजना को धरातल पर क्रियान्वित कलेक्टर की देख-रेख में गठित राज्य सरकार के अधिकारियों की टीम कर रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का बयान बेहद हास्यास्पद है। इस प्रकार के बयान से लगता है कि वे बिलासपुर के विकास के लिए गंभीर नहीं हैं।