कोरोना पर बोलेः पद्मभूषण डॉ.त्रेहान.. बहुत बड़ा युद्ध..सभी अस्पताल मिलकर लड़े..जनता जिम्मेदार बने..2 सप्ताह का लॉकडाउन जरूरी

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर/ नई दिल्ली…यह आपदा की घड़ी है..वक्त है पीपुल्स वार का। इस महामारी से बचाव के लिए पढ़े लिखे और शिक्षित लोग भी जागरूक दिखाई नहीं पड़ रहे है। सभी लोग महामारी को गंभीरता से लेते हुए बचाव के सभी उपाय और गवर्नमेंटल एजेंसियोंसीज से जारी एडवाइजरी का पालन करना चाहिए। भारत के लोगों को आज यह समझना बहुत जरूरी है कि आने वाली घड़ी कठिन आपदा की स्थिति पैदा कर सकती है। यह बात दुनिया में मशहूर हृदय रोग विशेषज्ञ पद्मभूष डॉ . नरेश त्रेहान ने पत्रकार से बातचीत में कही। मामले में कमोबेश ऐसी ही बात मेदान्ता अस्पताल में पदस्थ मशहूर डॉ.सुनील दुबे ने सोशल एक्टिविस्ट रौनक को जानकारी दी।
 
           ,सोशल एक्टिविस्ट रौनक ने डॉ. सुनील दुबे के हवाले से बताया कि डॉ. त्रेहान ने स्पष्ट किया है कि भारत के लोगों को कोरोना के प्रकोप को गंभीरता से लेना होगा। अगर कोरोना के प्रति प्रति लोग सचेत नहीं होंगे तो देश को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। डॉ. सुनील के हवाले से रौनक ने बताया कि डॉ.त्रेहान ने अपने एक इन्टरव्यू में कहा है कि यदि लोग शासन की एडवायजरी को गंभीरता से नहीं लेते है तो  लापरवाही के नतीजे के लिए तैयार रहें।
 
          डॉ.त्रेहान ने बातचीत में बताया है कि कोरोना के प्रति उठाए गए कदम सामान्य नहीं बल्कि पीपुल्स का वार है। स्पष्ट है कि कोरोना एक व्यक्ति से शुरू होकर पूरे समुदाय में फैलता है। भारत में जनसंख्या घनत्व बहुत ज्यादा है अगर यह बीमारी समुदाय में फैली और उसमें से 15% लोगों को भी गंभीर इलाज की आवश्यकता पड़ी तो हमारे देश में मेडिकल सुविधाओं की इतनी बड़ी संख्या में उपलब्धता नहीं है। देश हित में गवर्नमेंटल स्वास्थ्य एजेंसियों और स्वास्थ्य सेवा संबंधी उपकरणों के निजी आपूर्तिकर्ताओं को युद्ध स्तर पर फोकस्ड तैयारी करनी चाहिए।
 
                 पद्मभूषण डॉ.त्रेहान ने स्प्ष्ट किया है कि स्वास्थ उपकरणों और दवाओं की उपलब्धता के लिए गवर्नमेंट और  प्राइवेट सेक्टर दोनों को मिलकर काम करना होगा। स्वास्थ सेवाओं की आपूर्तिकर्ता चाहे निजी क्षेत्र के हो सरकारी क्षेत्र के मानवीय और आर्थिक संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर आपातकालीन चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति और  दवाओं की उपलब्धता के लिए सेवा भावना से कार्य करना होगा। आवश्यकता इस बात की भी है कि मेडिकल उपकरणों के आपूर्तिकर्ताओं पर लगने वाली जीएसटी को रिलैक्स करने पर तत्काल विचार करना चाहिए।
 
                       त्रेहान ने कहा है कि सर्जिकल इक्विपमेंट्स को आपातकालीन स्थिति में लगने वाले 18 परसेंट जीएसटी पर छूट दी जानी चाहिए। तत्कालिक छूट से कोरोना वायरस के खिलाफ जारी युद्ध से लड़ने में अस्पतालों को भी बड़ी मदद मिलेगी। प्राइवेट अस्पताल चलाने वाले लोगों को परीक्षण के मद्देनजर कम से कम फीस लेनी होगी।
 
            सच तो यह है कि  आज हमारा युद्ध ऐसे शत्रु से चल रहा है जिसे हम देख नहीं सकते। आवश्यकता है कि  चिकित्सकों नर्सों प्रशासकों और अन्य सहयोगी को जो फ्रंट लाइन पर एक साथ लड़ाई लड़कर जीत दिला सके। त्रेहान ने बताया कि इस समय सामाजिक दूरी का होना बहुत जरूरी है। कम से कम दो हफ्तों के लिए ही सही।
             
               डॉ.सुनील दुबे ने जानकारी दी है कि नेताओं और सेलिब्रिटी को सार्वजनिक समारोह पूरी तरह त्याग कर देना चाहिए। जो लोग घर से काम कर सकते हैं कम से कम 2 सप्ताह तक वर्क फ्रॉम होम की रणनीति पर कार्य करें। पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर ब्रेकडाउन होना, संक्रमण के लिए संभावित स्थलों का लॉक डाउन किया जाना महामारी को फैलने से रोकने में बड़ा मददगार साबित होगा। वही  सामाजिक कार्यकर्ता रौनक और डॉ. दुबे ने बताया डॉ. त्रेहान ने स्पष्ट कहा है कि दो सप्ताह तक लॉकआउट की पोजीशन महामारी के वायरस की चैन को छिन्न-भिन्न कर देगा। लोगों से कम से कम संपर्क महामारी के फैलाव को बहुत हद तक रोक देगा।
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