बिलासपुर—-हाईकोर्ट बिलासपुर ने निर्णय लिया है कि अह नयायालय में नई फाइलिंग की कार्रवाई नहीं होगी। कोर्ट ने यह फैसला कोरोना को ध्यान में रखकर लिया है। इसके अलावा जिला न्यायालय को 31 मार्च तक किसी प्रकार की सुनवाई नही होगी।
सोमवार को हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि कोर्ट में अब नयी फायलिंग याने नए मामलों को निश्चित समय तक पेश नहीं किया जाएगा। कोर्ट का फैसला कोरोमा वायरस के बढ़ते प्रकोप को ध्यान में रखकर लिया गया है। कोर्ट ने यह भी फैसला किया है कि मुख्यन्यायाधीश के माध्यम से सिमित बेंच में अर्जेंट मामलों के लिए मंगलवार से केस लगाए जाएंगे।
इस दौरान वही केसेस सुने जायेंगे जिस तरह अब तक वेकेशन जज सुनवाई करते है। इसी प्रकार के के आवेदन भी स्वीकार किए जाएँगे। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि उच्च न्यायालय मे बहुत आवश्यक कर्मचारी ही रहेंगे। जिन्हे बुलाया जाएगा वही कर्मचारी कोर्ट आएंगे। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा है कि कोई भी कर्मचारी अपना मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे।
जिला न्यायालय 31 मार्च तक बंद
हाईकोर्ट ने जिला न्यायालय के लिए भी आदेश जारी किया है। आदेश में बताया गया है कि मंगलवार 24 मार्च से जिला न्यायालय 31 मार्च तक बंद रहेंगे। इस दौरान सिर्फ जरूरी मामले की सुनवाई करेंगे।
प्रैक्टिसिंग बार अध्यक्ष ने किया स्वागत
हाईकोर्ट वकील और प्रैक्टिसिंग बार अध्यक्ष संदीप दुबे ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। दुबे ने बताया कि हाईकोर्ट ने कोरोना के प्रकोप को ध्यान में रखते हुए जनहित में सही फैसला लिया है। अतिरिक्त सावधानी से समस्याओं से काफी कुछ हद तक लोगों को प्रकोप में आने से बचाया जा सकता है। 31 मार्च तक जिला कोर्ट का बन्द रखना भी सराहनीय कदम है। इस दौोरान अन्य मामलों का भी निराकरण किए जाने का आदेश कोर्ट ने दिया है। संदीप दुबे ने बताया कि अर्जेन्ट मामला को रजिस्ट्रार के माध्यम से पेश किया जा सकता है।